राहु और केतु का स्थान परिवर्तन, जानिए किन राशियों पर रहेगा शुभ और अशुभ असर

इंदौर. राहु-केतु 18 माह बाद राशि परिवर्तन करने जा रहे हैं, इसका असर सभी 12 राशियों के जातकों पर पड़ेगा। जहां राहु हिंसा और आतंकी गतिविधियां बढ़ा सकता है, वहीं केतु भारत की धार्मिक छवि उज्जवल करेगा।
ज्योतिर्विद पं. रामचंद्र शर्मा ने बताया, राहु-केतु के राशि परिवर्तन में मतांतर है। स्पष्ट मान सहित कई पंचांग 8 सितंबर को राशि परिवर्तन बता रहे हैं, वहीं निर्णय सागर, दिवाकर सहित कुछ पंचांग के अनुसार 18 अगस्त को सुबह 3.52 मिनट पर राशि परिवर्तन होगा। राहु सिंह राशि से कर्क में और केतु कुंभ से मकर राशि में जाएंगे। राहु-केतु की नैसर्गिक चाल उलटी और धीमी होने से वे 18 माह एक ही राशि में रहेंगे। स्वतंत्र भारत का वृषभ लग्न और राहु का तीसरे भाव अर्थात पराक्रम भाव होगा, वहीं केतु का नवम भाव अर्थात भाग्य भाव से भ्रमण रहेगा। ऐसी स्थिति में राहु हिंसा, आतंक व प्राकृतिक आपदा का कारक बनेगा। वहीं भाग्य भाव से केतु का भ्रमण सुखद रहेगा और भारत की धार्मिक छवि उज्जवल होगी।
यह बदलाव शुभ और अशुभ दोनों प्रभाव देता है। इसका असर देश की सीमाओं के साथ आपदा के रूप में भी देखने को मिलता है। इसके चलते देश की सीमाओं पर तनाव बढ़ने के साथ दुनिया के दक्षिण और पश्चिम हिस्सों में महत्वपूर्ण बदलाव दिखाई दे सकते हैं।
कर्क राहु के शत्रु चंद्रमा की राशि है। मकर केतु के मित्र शनि की राशि है। राहु और केतु को ज्योतिष में छाया ग्रह माना जाता है। ये दोनों उल्टे चलते हैं और 18 महीनों में राशि बदलते हैं। यह बदलाव वृषभ, कन्या, वृश्चिक, कुंभ, मीन वालों के लिए शुभ रहेगा जबकि मेष, मिथुन, कर्क, सिंह, तुला, धनु और मकर राशि वालों की परेशानियां बढ़ सकती है।
सूर्य का कर्क से सिंह में राशि परिवर्तन
सूर्य 16 अगस्त रात्रि 12.47 मिनट पर कर्क से सिंह राशि में परिवर्तन कर चुके हैं। जल राशि से अग्नि तत्व की राशि से बीमारियां फैलेगी।
किस राशि पर क्या असर
शुभ : वृषभ, कन्या, कुंभ, तुला
अशुभ : मेष, धनु, सिंह, मकर
मिश्रित : मिथुन, कर्क, वृश्चिक, मीन