आज आपके ये सारे काम बन जाएंगे, बस इस बात का ध्यान रखें
एकादशी नन्दा संज्ञक तिथि रात्रि 8.31 तक, तदुपरान्त द्वादशी भद्रा संज्ञक तिथि है। एकादशी तिथि में यथा आवश्यक यज्ञोपवीत, विवाहादि मांगलिक कार्य, वास्तु, देवकार्य, व्रतोपवास और द्वादशी तिथि में सभी चर-स्थिर कार्य, विवाह व जनेऊ आदि के कार्य शुभ व सिद्ध होते हैं।
नक्षत्र: पूर्वाफाल्गुनी ‘उग्र व अधोमुख’ संज्ञक नक्षत्र प्रात: 6.09 तक, तदुपरान्त उत्तराफाल्गुनी ‘ध्रुव व ऊध्र्वमुख’ संज्ञक नक्षत्र है। उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में यथा आवश्यक समस्त शुभ व मांगलिक कार्य, स्थिरता विवाह, उपनयन, अलंकार, गृहारम्भ व प्रवेश आदि के कार्य शुभ रहते हैं। योग: व्याघात नामक नैसर्गिक अशुभ योग अपराह्न 3.08 तक, तदन्तर हर्षण नामक नैसर्गिक शुभ योग है।
विशिष्ट योग: दोष समूह नाशक रवियोग प्रात: 6.09 तक तथा प्रात: 8.31 से त्रिपुष्कर नामक शुभाशुभ योग है। करण: वणिज नाम करण प्रात: 8.08 तक, इसके बाद रात्रि 8.31 तक भद्रा संज्ञक विष्टि नाम करण है। इसके बाद बवादि करण प्रारम्भ हो जाएंगे।
शुभ विक्रम संवत् : 2074
संवत्सर का नाम : साधारण
शाके संवत् : 1939
हिजरी संवत् : 1438
अयन : उत्तरायण
ऋतु : ग्रीष्म
मास : वैशाख। पक्ष – शुक्ल।
शुभ मुहूर्त : आज पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में उपनयन का अशुद्ध (वार त्याज्य) मुहूर्त तथा उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में विवाह, गृहारम्भ (भद्रा व लग्नाऽभाव दोष) गृहप्रवेश (भद्रापूर्व लग् नाऽभाव), विपणि-व्यापार आरंभ, द्विरागमन व वधू प्रवेश के भद्रा पूर्व शुभ मुहूर्त हैं।
श्रेष्ठ चौघडि़ए: आज प्रात: 7.27 से प्रात: 9.06 तक शुभ तथा दोपहर 12.23 से सायं 5.19 तक क्रमश: चर, लाभ व अमृत के श्रेष्ठ चौघडि़ए हैं एवं दोपहर 11.57 से दोपहर 12.49 तक अभिजित नामक श्रेष्ठ मुहूर्त है, जो आवश्यक शुभकार्यारम्भ के लिए अत्युत्तम हैं।
व्रतोत्सव: मोहिनी एकादशी व्रत सबका, श्री हितहरिवंश महाप्रभु जयंती तथा श्री लक्ष्मीनारायण एकादशी (उड़ीसा) में है। दिशाशूल: शनिवार को वैसे पूर्व दिशा की यात्रा में दिशाशूल रहता है। पर आज दोपहर 12.31 तक सिंह राशि के सूर्य का वास पूर्व दिशा में, इसके बाद कन्या राशि के चन्द्रमा का वास दक्षिण दिशा में रहेगा। यात्रा में सम्मुख चन्द्रमा धनलाभ कराने वाला व दाहिना चन्द्रमा सुखदायक माना गया है। चन्द्रमा: चन्द्रमा दोपहर 12.31 तक सिंह राशि में, इसके बाद कन्या राशि में रहेगा। राहुकाल: प्रात: 9.00 से प्रात: 10.30 तक राहुकाल वेला में शुभकार्यारंभ यथासम्भव वर्जित रखना हितकर है।
आज जन्म लेने वाले बच्चे
आज जन्म लेने वाले बच्चों के नाम (टे,टो,प,पी) आदि अक्षरों पर रखे जा सकते हैं। दोपहर 12.31 तक जन्मे जातकों की राशि सिंह तथा इसके बाद जन्मे जातकों की राशि कन्या है। इनका जन्म चांदी के पाये हुआ है। जो शुभ है। सामान्यत: ये जातक कला व शास्त्र में कुशल, सत्य व न्यायप्रिय, दृढ़व्रती, शत्रुजित, सुखी, भोगी, विद्वान तथा देव-गुरु, माता-पिता की सेवा करने वाले और आज्ञापालक होते हैं। इनका भाग्योदय लगभग 30-32 वर्ष की आयु तक होता है। सिंह राशि वाले जातकों को आज अपना कार्य अधिक सावधानी से करना चाहिए। किसी प्रकार की भूल से अपयश मिल सकता है।