व्हाट्स ऐप मैसेज भेजने वाले आईएएस को जज की लताड

अहमदाबाद। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश को व्हाट्स ऐप पर मैसेज भेजकर अदालती कार्यवाही तेज चलाने की गुजारिश करना एक आईएएस को भारी पड गया। न्यायाधीश ने इस आईएएस को अदालत में बुलाकर माफीनामा लिखवाया साथ अगली पेशी में शपथ पत्र के साथ हाजिर होने को कहा है।
गुजरात उच्च न्यायालय में वडोदरा जिला पंचायत की रेलवे स्टेशन के पास एक कॉमर्शियल बिल्डिंग को ढहाकर नया कॉम्पलेक्स बनाने का मामला आया जिसमें छह माह की रोक का आदेश दिया जा चुका है। गत दिनों वडोदरा महानगर पालिका के आयुक्त विनोद राव ने न्यायाधीश आर एच शुक्ला को वहाट्स ऐप पर मैसेज भेजकर अदालती कार्यवाही त्वरित चलाने की गुजारिश की जिसको लेकर न्यायाधीश ने आयुक्त को अदालत में तलब कर लिया।
न्यायाधीश ने आयुक्त को फटकार लगाते हुए कहा कि आपने अदालत को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म समझ लिया, एक जिम्मेदार नौकरशाह को इस तरह का व्यवहार नहीं करना चाहिए। जज ने पूछा क्या आप नहीं जानते जब अदालत में मामला लंबित हो तो संबंधित जज को व्यक्ितगत रूप से संपर्क नहीं किया जा सकता। आपका व्यवहार अदालती कार्यवाही में हस्तक्षेप करने जैसा है, आप का ऐसा व्यवहार तानाशाह जैसा लगता है। न्यायाधीश ने ये भी कहा कि जब आप अदालत से ऐसा व्यवहार कर रहे हैं तो जनता के साथ कैसा व्यवहार करते होंगे।
अदालत ने आयुक्त राव से उनको भेजे गए मैसेज के साथ माफीनामा लिखवाया साथ ही आगामी 11 सितंबर को शपथ पत्र के साथ अदालत में हाजिर रहने को कहा है। याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत से आयुक्त के खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला दर्ज करने को कहा है। उनका कहना है कि जब आम आदमी को यह डर होता है कि अदालत के साथ उचित व्यवहार नहीं करता है तो उसके खिलाफ अदालत की अवमानना का मामला बन सकता है, ऐसे में आयुक्त तो एक जिम्मेदार पद पर हैं।