कहीं और बीमार न कर दे आर्टिफिशियल स्वीटनर

डायबिटीज को कंट्रोल करने के लिए लोग शक्कर से मुंह फेर आर्टिफिशियल स्वीटनर (कृत्रिम मिठास) का इस्तेमाल करने लगे हैं। डायबिटीज पैशंट्स और मोटापा कंट्रोल करने की चाहत रखने वाले लोगों ने इसे शक्कर के विकल्प के रूप में देखना शुरू कर दिया है, जबकि खाने-पीने की चीजों में इस कृत्रिम मिठास का उपयोग सेहत पर भारी भी पड़ सकता है।
कनाडा की मानिटोबा यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं के मुताबिक आर्टिफिशियल स्वीटनर्स का उपयोग दिल की बीमारी, मोटापा और उच्च रक्तचाप का खतरा बढ़ा सकता है। यह मिठास मेटाबॉलिज्म पर नकारात्मक असर डालती है। यह लोगों की गलतफहमी है कि इससे मोटापा नहीं बढ़ेगा।
शहर की एक प्रसिद्ध स्वीट शॉप के ऑनर बताते हैं कि वैसे तो शुगर फ्री मिठाइयां पूरे साल बिकती हैं, लेकिन त्योहारों में इसकी मांग बढ़ जाती है। इसी के चलते हम मिठाई की लगभग हर वैरायटी को शुगर फ्री से भी बनाते हैं।
टेस्ट देते हैं कैलोरी नहीं
कृत्रिम मिठास की एक दिन में 2 गोली ली जा सकती है। लेकिन चाय से लेकर मिठाई तक इसका इस्तेमाल शक्कर के विकल्प के तौर पर होने लगा है। ये केमिकल टेस्ट तो देते हैं लेकिन कैलोरी नहीं और केमिकल की ज्यादा मात्रा नुकसानदायक ही साबित होगी। शुगर पैशंट को एनर्जी के लिए इसके स्थान पर सब्जियां, फल और फाइबर्स का उपयोग करना चाहिए। आर्टिफिशियल स्वीटनर केवल एक मीठा केमिकल है जो हर चीज में शक्कर का सब्स्टीट्यूट नहीं हो सकता। -डॉ. मनुज शर्मा, एंडोक्राइनोलॉजिस्ट
किडनी पर हो सकता है असर
आर्टिफिशियल स्वीटनर की अतिरिक्त मात्रा लेने से घबराहट, उल्टी, डायरिया जैसे लक्षणों के साथ ही ब्लड फंक्शन और डाइजेस्टिव सिस्टम पर भी बुरा असर हो सकता है। आर्टिफिशियल स्वीटनर में कैलोरी न होने के कारण इसका पाचन भी नहीं होता और ये जिस फॉर्म में बॉडी में जाती हैं, उसी फॉर्म में किडनी को उसे एक्सक्रिएट भी करना पड़ता है। जिससे किडनी का फंक्शन भी प्रभावित होता है। सैक्रीन के लगातार इस्तेमाल से कैंसर का खतरा भी बढ़ता है। – डॉ. ज्योति शर्मा, डायटीशियन
शुगर, बीपी की शिकायत बढ़ी
शुगर पेशेंट राजेंद्र कुमार शर्मा चाय आदि में शुगर फ्री का इस्तेमाल करते थे। अचानक तबीयत खराब हुई तो हाई बीपी था और शुगर लेवल भी बढ़ी हुई निकली। राजेंद्र बताते हैं डॉक्टर ने जांच के दौरान पाया कि कृत्रिम मिठास के अतिरिक्त उपयोग के कारण ही शरीर में केमिकल और कॉर्बोहाइड्रेट पहुंच रहा था, जिसने बीपी और शुगर बढ़ा दिया। बाद में इन्होंने इसका इस्तेमाल बंद कर दिया।
कई तरह की परेशानी हुई
शुगर पेशेंट मंगला दुबे को बार-बार जी मचलाने और बीपी की शिकायत हो रही थी। वे बताती हैं हर दिन 3-4 कप चाय में आर्टिफिशियल स्वीटनर का उपयोग और बेधड़क इससे बनी मिठाइयां भी खा लेती थीं। तबीयत खराब होने पर डॉक्टर ने बताया कि ये लंबे समय तक कृत्रिम मिठास के ज्यादा उपयोग का साइड इफेक्ट है और तुरंत इसका उपयोग बंद करने की सलाह दी।