तो धौनी और युवराज को 2019 के विश्व कप में नहीं खिलाएंगे कोहली-शास्त्री?

टीम इंडिया के दो सबसे अनुभवी खिलाड़ियों महेंद्र सिंह धौनी और युवराज सिंह को आने वाले दिनों में टीम से बाहर बैठना पड़ सकता है। यही नहीं, इन दोनों खिलाड़ियों को 2019 में होने वाले आइसीसी वनडे विश्व कप से पहले ही बाहर किया जा सकता है।

इस बात के संकेत टीम इंडिया के मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने दिए हैं। प्रसाद ने विजडन इंडिया से बातचीत में कहा कि फिलहाल दोनों खिलाड़ियों को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में ही धौनी और युवराज पर सही समय पर ही फैसला लिया जाएगा।

प्रसाद ने कहा कि यह फैसला एक झटके में लिया जाने वाला फैसला नहीं है। इन दोनों खिलाड़ियों के विकल्पों के बारे में एक-एक कर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘विश्व कप को लेकर टीम का तालमेल बैठाना कप्तान कोहली और कोच रवि शास्त्री पर निर्भर करता है। हम भी इस बात पर गौर कर रहे हैं कि हमें इस पर बात करनी होगी। हम समय आने पर टीम कॉम्बिनेशन के बारे में अपना फैसला लेंगे क्योंकि अचानक से कोई जल्दबाजी वाला फैसला नहीं लेना चाहते हैं।’

मुख्य चयनकर्ता ने धौनी और युवराज की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सही समय आने पर हम इन दोनों दिग्गज खिलाड़ियों को लेकर टीम के कप्तान और कोच के साथ मिलकर बात करेंगे। भारतीय टीम के लिए साल 2007 से 2016 तक अद्भुत कप्तानी करने वाले धौनी टीम में अब पूर्ण रूप से विकेटकीपर बल्लेबाज के रूप में है।

आलोचकों का कहना है कि धौनी में अब पहले की तरह मैच फिनिश करने का जादू नहीं रहा है। उनका बल्लेबाजी स्तर पहले के मुकाबले काफी गिरा है, तो दूसरी तरफ 2011 विश्व कप के विजेता खिलाड़ी युवराज सिंह ने भी साल 2013 के बाद से बार-बार टीम में वापसी करने का प्रयास किया है। कुछ मौकों पर वह सफल रहे हैं, लेकिन टीम के लिए लगातार प्रदर्शन नहीं कर पाए है।

प्रसाद ने चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में हार पर भी बात की। उन्होंने कहा, ‘इस साल हुई चैंपियंस ट्रॉफी में हमें भारतीय टीम की कमजोरी और ताकत का पता चला है। हम टीम के सभी पक्षों को ध्यान में रखते हुए विश्व कप की तैयारियों में जुटेंगे। भारतीय टीम के भविष्य की योजनाओं को लेकर कप्तान कोहली काफी सचेत हैं और वह युवा खिलाड़ियों पर अपनी नजरे बनाए हुए हैं। धौनी और कोहली दोनों ही चयन करने की प्रक्रिया पर सोच विचार करते हैं।’

उन्होंने कहा कि वैसे टीम में चयन का आखिरी फैसला चयनकर्ताओं को करना होता है, लेकिन धौनी हों या कोहली इन्होंने हमेशा ही चयनकर्ताओं का सम्मान किया है। उन्होंने कहा कि चयनकर्ताओं के साथ बैठक में कप्तान अपने पूर्वाग्रह छोड़कर आते हैं, जोकि अच्छी बात है। प्रसाद ने कहा कि इससे टीम और क्रिकेट के हित में विचार करने में मदद मिलती है।