चैंपियंस ट्रॉफी का आज होगा आगाज, 3 बजे से भिड़ेंगे इंग्लैंड-बांग्लादेश

आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी का उद्घाटन मैच गुरुवार को मेजबान इंग्लैंड और बांग्लादेश के बीच खेला जाएगा। दोप. 3 बजे से स्टार स्पोर्ट्स नेटवर्क पर मैच का प्रसारिण होगा। टीम इंडिया 4 जून को पाकिस्तान के खिलाफ अपना अभियान शुरू करेगी। विराट कोहली की अगुआई वाली टीम इंडिया पर खिताब बचाए रखने की चुनौती होगी। भारत ने 2013 में महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में दूसरी बार यह खिताब जीता था।

मौजूदा चैंपियन भारत और मजबूत ऑस्ट्रेलिया मैदान से बाहर की कुछ गंभीर समस्याओं से जूझने के बावजूद गुरुवार से शुरूहोने वाली आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में खिताब के प्रबल दावेदार के रूप में शुरूआत करेंगे। मेजबान इंग्लैंड ने पिछले दो वर्षों में सीमित ओवरों में काफी सुधार किया है और उसे आठ टीमों के टूर्नामेंट में “छुपा रुस्तम” माना जा रहा है। इस टूर्नामेंट में वेस्टइंडीज की कमी जरूर खलेगी, जो शीर्ष आठ टीमों में जगह बनाने में नाकाम रहा था।

इंग्लैंड गुरुवार को बांग्लादेश के खिलाफ शुरुआती मैच खेलेगा, लेकिन सभी को इंतजार 4 जून को भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले मैच का है। बल्लेबाजी के लिए आदर्श मानी जा रही पिचों पर होने वाले इस टूर्नामेंट में जो दो टीमें सबसे ज्यादा आकर्षण का केंद्र बनी हुई हैं वे भारत और ऑस्ट्रेलिया हैं। ये दोनों टीमें युवा और अनुभव का अच्छा मिश्रण हैं जो कि 50 ओवरों की क्रिकेट के लिए जरूरी है। संयोग से दोनों टीमें क्रिकेट से इतर अन्य कारणों से खबरों में हैं।

भारत में जहां कप्तान विराट कोहली और मुख्य कोच अनिल कुंबले के बीच मतभेद की खबरें पिछले कुछ दिनों से सुखिर्यों में हैं। वहीं ऑस्ट्रेलियाई टीम का अपने क्रिकेट बोर्ड से भुगतान विवाद अब आम चर्चा का विषय बन गया है। दोनों ही टीमें अपने अभियान की शुरुआत इस तरह के असहज माहौल में करेंगी, लेकिन उनके पास दमदार खिलाड़ी हैं, जो अपने खेल पर विवादों का असर नहीं पड़ने देंगे। भारतीय टीम में दोनों अभ्यास मैच के दौरान ड्रेसिंग रूम के तनाव के लक्षण नहीं दिखे। इन मैचों में उसने आसानी से जीत दर्ज की। दूसरी तरफ ऑस्ट्रेलिया ने भी अपने अभ्यास मैच में जानदार प्रदर्शन किया।

टीम इंडिया सबसे अनुभवी : बतौर कप्तान विराट का यह आईसीसी टूर्नामेंट में पहला बड़ा इम्तिहान होगा। वह आईपीएल-10 की असफलता को पीछे छोड़ना चाहेगा। शिखर धवन, रोहित शर्मा, युवराज सिंह और महेंद्रसिंह धोनी जैसे खिलाड़ियों की मौजूदगी में भारतीय बल्लेबाजी लाइनअप सभी आठ टीमों में सबसे अनुभवी है। कम अनुभवी केदार जाधव और कभी हार नहीं मानने वाला दिनेश कार्तिक भी अपने दम पर मैच जिताने की क्षमता रखते हैं। आलराउंडर हार्दिक पांड्या की मौजूदगी से टीम में संतुलन पैदा होता है, जबकि पहली बार भारत के पास चार अच्छे तेज गेंदबाज उमेश यादव, भुवनेश्वर कुमार, मो. शमी और जसप्रीत बुमराह हैं। विश्व के चोटी के स्पिनर रविचंद्रन अश्विन और रवींद्र जडेजा भी रनों पर अंकुश लगाने के लिए टीम में हैं।

कंगारुओं की मजबूत बल्लेबाजी : ऑस्ट्रेलिया की बात करें तो डेविड वार्नर, कप्तान स्टीव स्मिथ और एरोन फिंच की मौजूदगी में उसकी बल्लेबाजी लाइन अप काफी मजबूत है, जिसमें मध्य क्रम में ग्लेन मैक्सवेल जैसा विस्फोटक बल्लेबाज भी है। उसका तेज गेंदबाजी आक्रमण भी काफी दमदार नजर आता है, जिसमें मिचेल स्टार्क, जेम्स पैटिंसन, पैट कमिंस और जोश हेजलवुड शामिल हैं। मार्कस स्टोइनिस ऑलराउंडर हैं।

मेजबान पर भी निगाहें : इंग्लैंड पर भी निगाहें रहेंगी जिसने इयोन मॉर्गन की कप्तानी में काफी सुधार किया है। जोस बटलर और जेसन राय के रूप में उसके पास दो प्रभावी ओपनर हैं। बेन स्टोक्स और क्रिस वोक्स के रूप में दो सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर भी हैं।

द. अफ्रीका भी कम नहीं : द.अफ्रीका के पास एबी डी” विलियर्स, क्विंटन डी”कॉक और हाशिम अमला जैसे खिलाड़ी हैं। दक्षिण अफ्रीका हालांकि अभी तक खुद पर से बड़े टूर्नामेंटों में लड़खड़ाने यानि चोकर्स का ठप्पा नहीं हटा पाया है। यही वजह है कि उसका आईसीसी टूर्नामेंटों में रिकॉर्ड खराब रहा है। यह नहीं भूलना चाहिए कि उसने 1998 में ढाका में पहली चैंपियंस ट्रॉफी के जरिए ही अपना एकमात्र आईसीसी खिताब जीता था।पाक में अच्छा करने की क्षमता : पाकिस्तान की टीम ऐसी है जिसके बारे में भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है। सरफराज अहमद की टीम में अच्छा प्रदर्शन करने की क्षमता है। पाकिस्तान नए खिलाड़ियों को मौका दे रहा है और इस बार उसने लेग स्पिनर शादाब खान और ऑलराउंडर फहीम अशरफ को टीम में रखा है। इंग्लिश परिस्थितियों में तेज गेंदबाज मो. आमिर और वहाब रियाज घातक साबित हो सकते हैं।

केन व कोरी पर निर्भर कीवी : न्यूजीलैंड भी अच्छे परिणाम देने में सक्षम है। वह कप्तान केन विलियम्सन और ऑलराउंडर कोरी एंडरसन पर काफी निर्भर है। श्रीलंका और बांग्लादेश दो ऐसी टीमें हैं, जिन्हें सेमीफाइनल के दावेदार के रूप में नहीं देखा जा रहा है। क्योंकि उनके पास इंग्लैंड की परिस्थितियों में अच्छा प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों का अभाव है।