40 डिग्री के पार पहुंचा तापमान, झुलसाती गर्मी में पंखे-कूलर भी तोड़ रहे दम
झुलसा देने वाली धूप से लोगों की व्याकुलता चरम पर है। पिछले सप्ताह भर से तापमान 42 से 43 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर है। मई की इस भीषण गर्मी में तपती धूप का आलम यह है कि राहत के लिए लगाए गए कूलर एवं पंखे भी गर्मी को शांत करने में नाकाम साबित हो रहे हैं। नवतपा को शुरू होने में अभी पखवाड़े भर का समय शेष है। सुबह सूरज निकलने के साथ ही भीषण गर्मी का दौर शुरू हो जाता है।
सोमवार को अन्य दिनों की अपेक्षा नगर का तापमान लगभग 43 डिग्र्री रहा। तपती धूप से लोगों में त्राही-त्राही मची हुई है। मई लगने के बाद ऐसा कई बार हो चुका है कि मौसम ने हर एक-दो दिन में अपना नया रूप दिखाकर लोगों को हैरान कर दिया है। सोमवार सुबह 8 बजे तेज धूप खिल गई। समय बीतने के साथ ही धूप और तेज होती गई और सुबह 11 बजे तो धूप बर्दाश्त करना मुश्किल होने लगा।
त्वचा झुलसती महसूस हुई। घड़ी-घड़ी प्यास की तलब से लोग कंठ तर कर रहे हैं। पसीने से तरबतर होने से ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों का कामकाज प्रभावित है। पानी की किल्लत एवं प्रदूषित जल से आम लोगों के लिए समस्या का सबब बना हुआ है। मई की इस भीषण गर्मी में लू का असर बच्चों व बुजुर्गों में अधिक देखा जा रहा है।
इस घुटन पर गर्मी में बाहर के अलावा घर में भी लोगों को राहत नहीं मिल पा रही है। नगर में तेज धूप के बाद भी शाम 5 बजे तक लू का असर जारी है। शाम का अधिकतम तापमान 32 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। देर रात तक पारा 25 डिग्री से कम नहीं हो पा रहा है। वहीं नवतपा की तेज गर्मी 25 मई से पड़ने वाली है।
दोपहर होते ही सड़कों पर सन्नाटा
दोपहर होते ही सड़कों पर सन्नाटा पसर जाता है। लोग दोपहर को यात्रा करने से परहेज कर रहे हैं। हालांकि इस वर्ष बेहतर मानसून की संभावना जताई जा रही है। चिंता इस बात की है कि अभी आधे मई महीने के साथ जून महीने तक तपीश बरकरार रहेगी।
प्याज और गमछे की बढ़ी पूछपरख
गर्मी से बचाव के लिए धूप में निकलते समय लोग तरह-तरह के जतन करने को मजबूर है। कोई सिर पर अंगोछा, टोपी लगाकर तो कोई अपने पास लू से बचाव के लिए प्याज रखकर खुद को सुरक्षित रखने का प्रयास कर रहे हैं।
शीतल पेय की दुकानें कर रही है आकर्षित
इधर लोग शीतल पेय की ओर भी आकर्षित हो रहे हैं। शीतल पेय दुकानों पर ग्राहकों का सतत आना-जाना जारी है। गन्नो का रस, लस्सी, फलों का ज्यूस, पानी पाउच, आईस्क्रिम, बर्फ के गोले आदि शीतल पदार्थों की बिक्री बढ़ गई है।
रात में खुला आसमान बना सहारा
गर्मी के हालत यहां तक है कि दिनभर की तेज धूप से तप चुके मकानों में शाम ढलते ही उमस का अहसास किया जा रहा है। लोग घरों के भीतर सोने की बजाए घरों की छतों और खुले दालानों में सोना अधिक पसंद कर रहे हैं।
सुंद्रेल/बिजवाड़ : भीषण गर्मी ने किया हलाकान
क्षेत्र में भीषण गर्मी का दौर जारी है। बार-बार बिजली कटौती हो रही है। इससे ग्रामीण खासे परेशान हैं। गर्म लपटों के कारण कई लोग लू की चपेट में है। किसानों का कहना है कि भीषण गर्मी का असर दुधारू मवेशियों पर भी पड़ रहा है। उनके दूध देने की मात्रा बहुत कम हो गई है। दोपहर में तो गांवों में सन्नााटा पसर जाता है। रात में भी गर्म लू चल रही है। पिछले एक माह से प्रतिदिन बादल छा रहे हैं। कहीं-कहीं बूंदाबांदी भी होती है। इधर जलस्रोत भी सूखने की कगार पर है।
नेमावर : बदलते मौसम ने बढ़ाई किसानों की चिंता
क्षेत्र में पिछले दो-तीन दिनों से मौसम में हो रहे परिवर्तन के चलते किसानों की परेशानी बढ़ गई है। खेतों में मूंग फसल लगभग कटाई के लिए तैयार खड़ी है। लेकिन बादलों का जमावड़ा किसान को परेशान कर रहा है। किसानों का कहना है कि यदि फसल काट ली और पानी गिर गया तो फलियों में सड़ांध लग जाएगी। फसल यदि नहीं काटी और तेज हवा के साथ बारिश आ गई तो भी नुकसान होगा। ऐसी परिस्थितियों में किसान असमंजस में है। किसानों को मूंग फसल से काफी आर्थिक मदद मिल जाती है। साथ ही सोयाबीन की बोवनी करने में भी काफी सहुलियत होती है।