भोपाल स्टेशन के प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर लगी आग,धुएं ने पटरियों तक को ढका

भोपाल। भोपाल स्टेशन की साफ—सफाई को लेकर कई बार उठ चुके प्रश्नों के बाद अब मेंटेनेंस को लेकर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं। वैसे तो भोपाल स्टेशन पर हर बार आने वाली शिकायतों के बाद उनमें सुधार की बात कही जाती है, लेकिन इनमें सुविधाओं की कमी की शिकायतें फिर भी बनी ही रहती हैं। इस संबंध में पूर्व में डीआरएम तक इस बात को मान चुके है कि यहां न तो पर्याप्त सुविधाएं हैं और न ही साफ—सफाई।

मेंटेनेंस को लेकर भोपाल स्टेशन की पोल सोमवार को उस समय खुल गई जब प्लेटफॉर्म नंबर 4 पर आग लग गई। आग लगते ही प्लेटफॉर्म पर अफरा—तफरी का माहौल बन गया। जानकारी के अनुसार सुबह के समय प्लेटफॉर्म से सट कर गए बिजली के तारों में शार्ट सर्किट के कारण आग लग गई।

जिसमें पहले तो स्पार्किंग हुई, फिर अचानक तेजी से आग लग गई जिससे प्लेटफार्म समेत पटरियों तक पर धुंआ छा गया।

देश का दूसरा सबसे गंदा रेलवे स्टेशन भोपाल:
इससे पहले आईआरसीटीसी ने देश के सबसे साफ और गंदे रेलवे स्टेशनों का सर्वे करवाया था। क्वालिटी कॉउंसिल ऑफ इंडिया के जरिये एवन कैटेगरी के 75 स्टेशनों में कराए गए इस सर्वे में सबसे गंदे रेलवे स्टेशनों में दूसरे नंबर पर भोपाल जंक्शन स्टेशन रहा। जहां जगह—जगह गंदगी फैली हुई थी।

डीआरएम भी माने:
ए-1 कैटेगरी के स्टेशनों में गंदगी के मामले में भोपाल रेलवे स्टेशन के देश में दूसरे नंबर पर आने की रिपोर्ट पर अब डीआरएम भोपाल डिवीजन शोभन चौधुरी ने भी मोहर लगा दी। डीआरएम ने खुद माना कि भोपाल स्टेशन साफ-सफाई के मामले में बहुत पीछे है।

खासकर रेलवे ट्रैक पर होने वाली गंदगी और डे्रनेज सिस्टम बहुत खराब है। स्टेशन पर भी पर्याप्त साफ-सफाई एवं सुविधाएं नही हैं। पूर्व में इन पर पर्याप्त काम नही किया गया। चौधुरी ने यह बात गुरुवार को डीआरएम कार्यालय में चर्चा के दौरान कही।

यहां डीआरएम ने कहा था कि फिलहाल उनका टारगेट अब रेल, यात्री सुरक्षा और साफ-सफाई को बढ़ाना है। उन्होंने अनुभव साझा करते हुए बताया कि किसी भी स्टेशन पर सफाई और स्वच्छता का पैमाना स्टेशन में प्रवेश करते ही आने वाली स्मेल से होता है। भोपाल स्टेशन में प्रवेश करते ही यात्रियों का सामना दुर्गंध से होता है।

जल्द तैनात होगा स्टेशन डायरेक्टर:
स्टेशन पर इसी जिम्मेदारी को बढ़ाने के लिए ए-1 कैटेगरी के स्टेशनों पर स्टेशन डायरेक्टर की तैनाती की जा रही है।

जोन के जबलपुर और कोटा डिवीजन में स्टेशन डायरेक्टर तैनात हो गए हैं, लेकिन भोपाल में अभी तक इसकी तैनाती नही हो पाई है। डीआरएम के अनुसार अगले एक पखवाड़े में स्टेशन डायरेक्टर की तैनाती कर दी जाएगी।

अवैध वेंडरिंग को रोकने तैयार हो रहा प्लान:
डीआरएम ने माना कि मंडल के स्टेशनों पर अवैध वेंडरिंग एक बड़ी समस्या है। इसे रोकने के लिए योजना बनाई जा रही है। इसके लिए कोशिश की जा रही है कि जिन लाइसेंसियों को ठेके दिए गए हैं उनके पास वेंडरों की संख्या बढ़ा दी जाए। जिससे अवैध वेंडरिंग को रोका जा सके।