बाजार में हिस्सेदारी गंवा रहे कार निर्माता

विश्व में तेज गति से बढ़त दर्ज कर रहे कार बाजारों में से एक भारत में हिस्सेदारी पाने वालों के मुकाबले गंवाने वालों की संख्या ज्यादा है। देसी बाजार जनवरी-जुलाई 2017 में 9 फीसदी बढ़ा और हुंडई, एमऐंडएम, टोयोटा और रेनो जैसे ब्रांड ने बाजार हिस्सेदारी गंवाई। दूसरी ओर फोर्ड, फोक्सवैगन और निसान अपनी हिस्सेदारी बनाए रखने में कामयाब रही।

एक ऑटोमोबाइल विश्लेषक ने कहा, मारुति सुजूकी की प्रगति दिलचस्प व दुर्लभ स्थिति का प्रतिनिधित्व कर रही है जहां उद्योग की बड़ी कंपनी ने साल दर साल के हिसाब से हिस्सेदारी में बढ़ोतरी दर्ज की, वहीं ज्यादातर अन्य कंपनियों को बढ़त के लिए संघर्ष करना पड़ा। कंपनी की देसी बिक्री पहले सात महीने में 15.5 फीसदी बढ़कर 9,02,746 वाहन हो गई। इसकी बढ़त ने उद्योग को नौ फीसदी की बढ़त दर्ज करने में मदद की। कुछ लोकप्रिय मॉडल बलेनो और ब्रेजा की प्रतीक्षा अवधि इसकी पेशकश के बाद एक साल से ज्यादा की बनी हुई है। अन्य कंपनियां मसलन टाटा मोटर्स और जापानी कार कंपनी होंडा ने भी अपनी हिस्सेदारी में मामूली इजाफा करने में कामयाब रही है क्योंंकि इसकी बिक्री दो अंकों में बढ़ी।

देसी वाहन कंपनी महिंद्रा ऐंड महिंद्रा एक और चुनौतीपूर्ण वर्ष का सामना कर रही है क्योंकि यूटिलिटी वाहन के खरीदार लगातार प्रतिस्पर्धियों के नए वाहन की ओर बढ़ रहे हैं। इसने बाजार हिस्सेदारी और बिक्री दोनों में कमी दर्ज की है। इसकी बिक्री 4.4 फीसदी घटी जबकि बाजार हिस्सेदारी पिछले साल के 8.9 फीसदी के मुकाबले घटकर 7.8 फीसदी रह गई। महिंद्रा के अलावा 10 अग्रणी कंपनियों में शामिल फ्रांस की कार निर्माता रेनो ने भी कार बिक्री व हिस्सेदारी गंवाई है। इसकी हिस्सेदारी पिछले साल के 4.4 फीसदी के मुकाबले घटकर 3.6 फीसदी रह गई। जापानी कार कंपनी टोयोटा की बिक्री बढ़ी है, लेकिन इसकी बाजार हिस्सेदारी 4.4 फीसदी से घटकर 4.3 फीसदी रह गई है। दो वैश्विक कार कंपनी फोर्ड व फोक्सवैगन की बिक्री दो अंकों में बढ़ी और इस हिसाब से इसने अपनी बाजार हिस्सेदारी बचा ली। निसान ने भी अपनी 1.7 फीसदी बाजार हिस्सेदारी बनाए रखी।