स्वच्छ शहर के लोगों को झटका, 100 रुपए हुआ कचरा कलेक्शन शुल्क

इंदौर। महापौर मालिनी गौड़ ने इंदौर नगर निगम का बजट भाषण प्रस्तुत किया। इसमें देश के सबसे स्वच्छ शहर में डोर टू डोर कचरा कलेक्शन का शुल्क बढ़ाकर 100 रुपए मासिक कर दिया गया है। वहीं व्यावसायिक संस्थानों से 150 रुपए मासिक वसूले जाएंगे। अभी तक यह यह शुल्क 60 और व्यासायिक संस्थानों के लिए 90 रुपए था। इस फैसले से आम लोगों सहित दुकानदारों को एक बड़ा झटका लगा है। महापौर ने बजट भाषण में शहर के आठ चौराहों को चौड़ा करने की बात कही। इसी के साथ लोकमान्य नगर के 750 घरों से निगम सप्ताह में दो बार सूखा कचरा खरीदेगा।

शहर की 50 कॉलोनियों और टाउनशिप में जीरो वेस्ट मॉडल सालभर में लागू होगा। महापौर ने 4824 करोड73 लाख 67 हजार रुपए का बजट प्रस्तुत किया। इसमें निगम को 92 करोड़ 38 लाख 84 हजार रुपए का घाटा होगा।

महापौर मालिनी गौड़ ने बजट भाषण में इंदौर को ग्रीन इंदौर बनाने व स्वच्छ इंदौर बनाने के बाद सेफ इंदौर बनाने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन को साथ लेकर काम करेंगे। इस दौरान कांग्रेसी पार्षदों की नारेबाजी बजट भाषण के दौरान जारी रही।

विपक्ष ने किया हंगामा

बजट बैठक से पहले इंदौर नगर निगम में पार्षदों ने सरवटे बस स्टैंड इलाके में इमारत गिरने के हादसे पर जमकर हंगामा किया। पार्षदों ने होटल हादसे की जिम्मेदारी तय करने और दोषी अफसरों को दंडित करने की मांग की। सभी ने सभापति की आसंदी घेर ली। छोटे यादव ने सबसे पहले यह मुद्दा उठाया।

सभी ने सभापति ने पहले इसी विषय पर चर्चा कराने की मांग की। कांग्रेस पार्षदों ने आसंदी के नीचे बैठकर नारेबाजी शुरू कर दी। तीन साल में पहली बार विपक्ष ने बजट में जमकर हंगामा किया। गौरतलब है कि 31 मार्च की रात को सरवटे बस स्टैंड के पास एक होटल की चार मंजिला इमारत गिर गई थी। इसके बाद से ही जर्जर इमारतों को लेकर निगम की न होने पर सवाल उठने लगे थे।