11.5 किमी के एक ही कॉरिडोर पर एक हजार करोड़ के प्रयोग

शहर के बीच से निकल रहे आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग के साढ़े 11 किलोमीटर लंबे हिस्से पर सात साल पहले बीआरटीएस बना, जिस पर 200 करोड़ खर्च हुए। अब कॉरिडोर के चार किलोमीटर हिस्से में एलिवेटेड रोड बनाने का प्लान तैयार है। इस पर 700 करोड़ रुपए खर्च होना हैं, वहीं विजय नगर और शिवाजी वाटिका पर अंडरपास बनाने के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार हो चुका है। यह शहर की इकलौती सड़क है, जिसे इंजीनियरिंग के नए प्रयोग के लिए चुना जाता है, जबकि अन्य महत्वपूर्ण सड़कें भी हैं, जिनका विकास जरूरी है।

शहर में उत्तर से दक्षिण दिशा की तरफ जाने वाले मार्गों की कमी है, इनमें सबसे लंबा रोड बीआरटीएस है, जबकि पश्चिम से पूर्व की दिशा में सुभाष मार्ग, जवाहर मार्ग, एमजी रोड जैसे मार्ग हैं। बीआरटीएस पर ट्रैफिक का दबाव भी ज्यादा है। इसलिए जब जवाहरलाल नेहरू नेशनल अर्बन रिन्यूल मिशन (जेएनएनयूआरएम) के तहत बीआरटीएस कॉरिडोर बनाने का फैसला लिया गया तो उत्तर से दक्षिण को जोड़ने वाली सड़क के साढ़े 11 किलोमीटर हिस्से को चुना गया, लेकिन यह सड़क अब प्रयोगशाला बन चुकी है। हर नए प्रोजेक्ट की प्लानिंग के लिए इस सड़क को चुना जा रहा है, लेकिन प्रोजेक्ट जमीन पर नहीं आते।

बीआरटीएस बनाया, लगने लगा जाम

आईडीए और नगर निगम ने 200 करोड़ रुपए खर्च कर बीआरटीएस कॉरिडोर बनाया, जिसका जमकर विरोध हुआ। बस लेन बनाने के बाद मोटर व्हीकल लेन के लिए चौड़ाई कम बची। इससे सुबह-शाम ट्रैफिक जाम की समस्या आने लगी। आखिरकार दो किलोमीटर हिस्से में फुटपाथ और सर्विस रोड उखाड़कर मोटर व्हीकल लेन को चौड़ा किया गया। कॉरिडोर का मामला कोर्ट में भी विचाराधीन है। एक बार तो कोर्ट ने बस लेन में दूसरे वाहनों को चलाने की अनुमति तक दे डाली थी।

पहले हो गए 100 करोड़ मंजूर, अब 600 करोड़ की नए सिरे से योजना

बीआरटीएस के बॉटलनेक वाले हिस्से में एलिवेटेड कॉरिडोर बनाने की दो बार प्लानिंग हो चुकी है। तत्कालीन केंद्रीय परिवहन मंत्री कमलनाथ ने छह साल पहले एलिवेटेड कॉरिडोर के लिए 100 करोड़ रुपए मंजूर किए थे और लोक निर्माण विभाग ने फीजिबिलिटी (औचित्य) सर्वे कर रिपोर्ट भी दिल्ली भेज दी थी, तब बीआरटीएस का निर्माण भी हो रहा था, लेकिन उस प्रोजेक्ट पर प्रदेश सरकार ने ध्यान नहीं दिया।

अब आईडीए लोकसभा अध्यक्ष के माध्यम से एलआईजी से शिवाजी वाटिका तक एलिवेटेड रोड के लिए केंद्र सरकार से 700 करोड़ की राशि स्वीकृत कराने की तैयारी में है। एलिवेटेड रोड पर बस लेन के अलावा मोटर व्हीकल लेन भी होगी।

तीन जंक्शन पर अंडरपास

आईडीए शिवाजी वाटिका पर अंडरपास बनाना चाहता है। इसके लिए टेंडर भी जारी हो गए हैं। इसके अलावा रसोमा लैबोरेटरी से विजय नगर के बीच भी अंडरपास बनाने की योजना है, ताकि दोनों जंक्शन पर यातायात बाधित होने की समस्या न आए। इस प्रोजेक्ट पर भी 100 करोड़ रुपए खर्च होंगे। उधर शहर में प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर भी बीआरटीएस को क्रॉस करेगा।

पहले भी दिखाया था ग्रेड सेपरेटर का सपना

तत्कालीन महापौर कैलाश विजयवर्गीय के समय भी पलासिया चौराहे पर ग्रेड सेपरेटर का सपना शहरवासियों को दिखाया गया था और तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह से प्रोजेक्ट का भूमि पूजन भी कराया गया था, लेकिन परिषद बदलते ही योजना धरी रह गई। बाद में पलासिया और शिवाजी वाटिका पर फ्लायओवर बनाने की सुगबुगाहट भी हुई जो बाद में शांत हो गई।