जबलपुर मेडिकल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार को हटाया, बेटी का गलत तरीके से दाखिला

भोपाल. निजी डेंटल कॉलेजों में बिना क्वालीफाइंग एग्जाम एमडीएस कोर्स में 100 से ज्यादा एडमिशन के मामले में मेडिकल यूनिवर्सिटी जबलपुर के रजिस्ट्रार डॉ. शीतल पांडे को हटा दिया गया है। चिकित्सा शिक्षा विभाग की प्रमुख सचिव गौरी सिंह ने यह कार्रवाई की है।

इस मामले में रजिस्ट्रार की बेटी स्वर्णम पांडे का भी नाम सामने आया था। सरकार ने उनकी प्रतिनियुक्ति निरस्त कर तीन दिन में नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर के डिपार्टमेंट ऑफ फार्मोकोलॉजी में प्रोफेसर के पद पर ज्वाइनिंग देने के निर्देश दिए हैं।

चिकित्सा शिक्षा संचालनालय के अफसरों ने बताया कि निजी डेंटल कॉलेज संचालकों ने 2016-17 में स्टेट लेवल की एआईप्रीपीजी काउंसलिंग के बाद कॉलेज लेवल काउंसिलिंग (सीएलसी) कर 100 से ज्यादा एडमिशन दिए थे। डॉ. पांडेय ने अपनी बेटी स्वर्णम का एडमिशन हितकारिणी डेंटल कॉलेज में कराया था।

यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. आरएस शर्मा ने पिछले अगस्त माह में ही मामले की जांच के लिए विक्रम यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. एसएस पांडेय की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच समिति गठित की है। समिति की जांच पूरी होने से पहले ही प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा गौरी सिंह ने डॉ. शीतल पांडेय की प्रतिनियुक्ति खत्म कर उन्हें पद से हटा दिया है। वह यूनिवर्सिटी में अगस्त 2015 से प्रतिनियुक्ति पर थे।