आदमी औरत बना, औरत आदमी, अब शादी

एक लड़की जो पहले लड़का हुआ करती थी और एक लड़का जो पहले लड़की हुआ करता था, अब ये दोनों शादी करने जा रहे है. यह किसी फिल्म की पटकथा नहीं बल्कि मुंबई के एक सेक्स चेंज क्लिनिक से शुरू हुई एक प्रेम कहानी है.

46 साल का आरव जो पहले बिंदु हुआ करता था और 22 साल की सुकन्या जो पहले लड़का हुआ करती थी, ये दोनों अब शादी करने की तैयारी कर रहे हैं. इनकी कहानी बहुत हद तक फिल्मी लगती है. इनकी प्रेम कहानी की शुरुआत 3 साल पहले मुंबई में ही. दोनों का मुम्बई में Genetic reassignment surgery (सेक्सचेंज) का इलाज चल रहा था. तभी दोनों की मुलाकात हुई, दोनों की समस्या एक जैसी थी और शायद इसीलिए दोनों एक दूसरे के करीब आते गए. जब दोनों ने अपने घरवालों के सामने एक दूसरे से शादी करने की इच्छा जाहिर की तो इन्हें इनके परिवार का भी पूरा साथ मिला. दोनों एक दूसरे के साथ बेहद खुश हैं.

कुछ ऐसी है सुकन्या की कहानी
केरल के एर्नाकुलम में रहने वाली 21 साल की सुकन्या की जिंदगी आम लोगों की तरह आसान नहीं रही. सुकन्या का जन्म एक ट्रांसजेंडर के तौर पर हुआ था. उसके परिजन उसे ट्रांसजेंडर मानने को तैयार नहीं थे इसलिए उसकी परवरिश एक लड़के की तरह करने लगे. उससे कहा जाता कि वह लड़का है और उसे कपड़े भी वैसे ही पहनाए जाते. लेकिन इस बात से सुकन्या कॉम्फरटेबल नहीं थी. जब वह 9th क्लास में थी तब उसके माता-पिता उसे डॉक्टर के पास ले गए, डॉक्टरों ने बताया कि उसे हार्मोनल डिसऑर्डर है. इसके बाद उसे मेल हार्मोंस के इंजेक्शन भी लगाए गए लेकिन उन इंजेक्शंस का उसके शरीर पर नकारात्मक असर पड़ने लगा. वह अपने दसवीं बोर्ड की परीक्षा नहीं दे पाई. 18 की उम्र तक उसे बहुत बुरे दौर से गुजरना पड़ा, उसके दोस्त ट्रांसजेंडर होने की वजह से उसे चिढ़ाया करते थे.

बाद में केरल छोड़कर सुकन्या बेंगलुरु चली गई. एक अंजान शहर में रहने की परेशानी के साथ-साथ सुकन्या को अपनी ट्रांसजेंडर आइडेंटिटी को लेकर भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा. लेकिन सुकन्या ने हार नहीं मानी, उसने अपनी जिंदगी की कहानी एक वेबसाइट बनाकर उसमें शेयर की. इसके बाद उसकी जिंदगी में काफी बदलाव आया. आज वह एक वेब डिज़ाइनर और ब्लॉगर है. अपने काम के जरिए वह लोगों का दर्द भी साझा करती है. सुकन्या मुंबई से अपना Gender reassignment Surgery (सेक्स चेंज सर्जरी) करवा रही है, अगले महीने फिर वह सर्जरी के आखिरी दौर के लिए मुंबई आएगी. इस इलाज के दौरान ही सुकन्या की मुलाकात आरव से हुई.

आरव की कहानी कुछ ऐसी है
आरव पहले एक लड़की के तौर अपनी ज़िंदगी जी रहा था. आरव 1993 में मुंबई में आया था. वह लड़कियों के ही कपड़े पहना करता था. यहां उसने होटल मैनेजमेंट का कोर्स किया और ऑल इंडिया एंड इंटरनेशनल टूर्स पर जाने लगा. आरव को बहुत लोग देख कर हंसते थे. उसे ट्रेन में बनी महिला बोगियों में चढ़ने में प्रॉब्लम होती थी. बाकि औरतें उसे घुसने नहीं देती थीं क्योंकि वह लड़को की तरह दिखता था. आरव ने 45 साल की उम्र में सर्जरी करवाई. अब उसका ट्रीटमेंट पूरा हो चुका है और अब कोई उसे देख कर पहचान नहीं सकता कि वह कभी लड़की भी हुआ करता था.

आज हर रोज़ न जाने कितने लोग या तो सुकन्या और आरव से मिलने आते है या फिर कॉल पर, सोशल मीडिया पर उनसे जुड़ना चाहते है. इनमे से अधिकतर वो लोग है जो या तो खुद इस हार्मोनल डिसऑर्डर की समस्या से जूझ रहे है या फिर वो ट्रांसजेंडर हैं जो समाज और घरवालों के डर से वो खुल कर अपनी बात कहने से डर रहे है.

अब एक सवाल दोनों के सामने खड़ा हुआ है की अगर दोनों शादी करते है तो इनके आगे का जीवन कैसा होगा. दोनों कहते है कि वो जानते है कि ये सर्जरी करने के बावजूद भी वे फैमिली प्लानिंग नहीं कर सकते हैं. वहीं दोनों इस बात के लिए तैयार भी हैं. दोनों भविष्य में एक बच्चा गोद लेने की बात कर रहे है.