मायावती का इस्तीफा नहीँ होगा मंजूर भाषण की तरह लंबा है इस्तीफा
नई दिल्ली। बीएसपी प्रमुख मायावती ने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया है। मायावती ने तीन पेज का इस्तीफा भेज सभापति को बताया है कि वो क्यों इस्तीफा दे रही हैं। मायावती के तीन पेज के इस्तीफे को लेकर कहा जा रहा है कि ये कानूनन ठीक नहीं है और ये मंजूर नहीं होगा।
आपको बता दें कि इस्तीफा स्वीकार करने का आखिरी फैसला सभापति के पास होता है। सांसदों के इस्तीफे का फॉर्मेट तय है। ऐसे में जब भी कोई राज्यसभा सदस्य इस्तीफा देता है तो निजी कारणों का हवाला देते हुए सिर्फ एक लाइन का इस्तीफा देता है। यह पहली बार हुआ है जब किसी सदस्य ने तीन पेज की चिट्ठी में कारण बताते हुए इस्तीफा दिया है। मायावती ने इस्तीफा का कारण भी सभापति को बताया है जबकि संसद सदस्य इस्तीफा देते हुए इस्तीफा देने की वजह नहीं लिखनी होती।
साल 2006 : सिद्धू का इस्तीफा भी हुआ था नामंजूर
यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले भी दो सांसदों का इस्तीफा इसी नियम के चलते नामंजूर किया गया था। साल 20016 रोड रेज की घटना में दोषी पाए जाने के बाद तत्कालीन लोकसभा सांसद नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दिया था। तब सिद्धू ने भी इस्तीफे का कारण बताया था, जिसके बाद उसे तत्कालीन लोकसभा स्पीकर सोमनाथ चटर्जी ने नामंजूर कर दिया था। इसके बाद सिद्धू ने दोबारा बिना कोई कारण बताए अपना त्यागपत्र स्पीकर को दिया, जिसे मंजूर कर लिया गया।
नवंबर 2016 : अमरिंदर सिंह का इस्तीफा भी हुआ था नामंजूर
नवंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सतलुज यमुना लिंक नहर पर निर्माण कार्य जारी रखने का फैसला दिया था। सुप्रीम कोर्ट के सतलुज यमुना लिंक पर निर्माण कार्य जारी रखने के फैसले से नाराज होकर उस समय अमृतसर से कांग्रेस सांसद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लोकसभा स्पीकर को अपना इस्तीफा भेज दिया था, जिसमें उन्होंने इस्तीफे का कारण भी लिखा था। जिस वजह से इस्तीफा मंजूर नहीं किया गया था और उन्होंने दोबारा एक लाइन का इस्तीफा भेजा था।
मायावती ने इस्तीफे में क्या लिखा
मायावती ने लिखा- ‘बीएसपी ने दलितों पर हो रहे अत्याचार खासकर यूपी के सहारनपुर में हुए दलित उत्पीड़न पर चर्चा की मांग की थी। उन्होंने रूल 267 के मुताबिक पार्टी ने नोटिस दिया था, सुबह 11 बजे राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही उपसभापति से सहारनपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग की, लेकिन इस पर उपसभापति ने उन्हें नोटिस पर केवल 3 मिनट बोलने की अनुमति दी। बीएसपी सुप्रीमो के मुताबिक उन्होंने उसी वक्त सदन को बताया कि यह मामला ऐसा नहीं है कि 3 मिनट में बात रखी जा सके।
यानी साफ है कि जिस प्रारूप में मायावती ने अपना इस्तीफा दिया है, वो मंजूर नहीं किया जाएगा। ऐसे सवाले ये है कि क्या मायावती एक लाइन में दोबारा अपना इस्तीफा सौंपेंगी।