नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर राज्य के लोगों को मिले विशेषाधिकारों में किसी तरह का बदलाव किया गया तो यहां तिरंगा को थामने वाला कोई नहीं रहेगा। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35(ए) यानि धारा 370 पर सर्वोच्च न्यायालय में बहस चल रही है। यह अनुच्छेद राज्य विधानसभा को ‘स्थायी निवासियों’ को परिभाषित करने और उन्हें विशेष अधिकार देने की शक्ति प्रदान करता है। उन्होंने कहा, ‘कौन यह कर रहा है। क्यों वे ऐसा कर रहे हैं, अनुच्छेद 35ए को चुनौती दे रहे हैं। मुझे आपको बताने दें कि मेरी पार्टी और अन्य पार्टियां जो तमाम जोखिमों के बावजूद जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय ध्वज को हाथों में रखती हैं, मुझे यह कहने में तनिक भी संदेह नहीं है कि अगर इसमें कोई बदलाव किया गया तो कोई भी इसको थामने वाला नहीं होगा।’ ये भी पढ़ें: गुजरात: कांग्रेस ने रातोंरात अपने 46 विधायकों को बेंगलूरू भेजा गौरतलब है कि वर्ष 2014 में एक एनजीओ ने याचिका दायर कर अनुच्छेद 35 ए को निरस्त करने की मांग की थी। मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है। महबूबा ने कहा कि कश्मीर भारत की परिकल्पना है। उन्होंने याद किया कि कैसे विभाजन के दौरान मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद कश्मीर ने दो राष्ट्रों के सिद्धांत और धर्म के आधार पर विभाजनकारी बंटवारे का उल्लंन किया और भारत के साथ रहा।

नई दिल्ली । जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने शुक्रवार को चेतावनी दी कि अगर राज्य के लोगों को मिले विशेषाधिकारों में किसी तरह का बदलाव किया गया तो यहां तिरंगा को थामने वाला कोई नहीं रहेगा। जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 35(ए) यानि धारा 370 पर सर्वोच्च न्यायालय में बहस चल रही है। यह अनुच्छेद राज्य विधानसभा को ‘स्थायी निवासियों’ को परिभाषित करने और उन्हें विशेष अधिकार देने की शक्ति प्रदान करता है।
उन्होंने कहा, ‘कौन यह कर रहा है। क्यों वे ऐसा कर रहे हैं, अनुच्छेद 35ए को चुनौती दे रहे हैं। मुझे आपको बताने दें कि मेरी पार्टी और अन्य पार्टियां जो तमाम जोखिमों के बावजूद जम्मू-कश्मीर में राष्ट्रीय ध्वज को हाथों में रखती हैं, मुझे यह कहने में तनिक भी संदेह नहीं है कि अगर इसमें कोई बदलाव किया गया तो कोई भी इसको थामने वाला नहीं होगा।’
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गौरतलब है कि वर्ष 2014 में एक एनजीओ ने याचिका दायर कर अनुच्छेद 35 ए को निरस्त करने की मांग की थी। मामला उच्चतम न्यायालय के समक्ष लंबित है। महबूबा ने कहा कि कश्मीर भारत की परिकल्पना है। उन्होंने याद किया कि कैसे विभाजन के दौरान मुस्लिम बहुल राज्य होने के बावजूद कश्मीर ने दो राष्ट्रों के सिद्धांत और धर्म के आधार पर विभाजनकारी बंटवारे का उल्लंन किया और भारत के साथ रहा।