एक बार में हो पूरा सेटलमेंट, बैंकों से बात करने को तैयार हूं: ट्विटर पर बोले माल्या

नई दिल्ली. परेशान विजय माल्या बैंकों के साथ वन-टाइम सेटलमेंट करना चाहते हैं। उन्होंने ट्वीट्स कर समझौते की बात कही है। उन्होंने एक ट्वीट में लिखा है, “पब्लिक सेक्टर बैंकों में वन-टाइम सेटलमेंट की पॉलिसी होती है, सैकड़ों कर्जदारों ने इस तरह अपना मामला निपटाया है, तो मेरे मामले में इस तरह से केस सुलझाने से इनकार क्यों किया जा रहा है?” बता दें कि माल्या भारतीय बैंकों के 9000 करोड़ रुपए से ज्यादा के कर्जदार हैं। वे एक साल से भारत छोड़कर लंदन में रह रहे हैं। कोर्ट उन्हें भगोड़ा करार दे चुकी है। भारत सरकार उन्हें ब्रिटेन से लाने की कोशिश कर रही है। सुप्रीम कोर्ट से दखल देने की गुहार…

– न्यूज एजेंसी के मुताबिक, माल्या ने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा है, “मैंने सुप्रीम कोर्ट के सामने एक ऑफर रखा था, लेकिन बैंकों ने बिना कोई विचार किए ही उसे नकार दिया। मैं पूरी साफगोई से सेटलमेंट करने को तैयार हूं।”
– तीसरे ट्वीट में लिखा है, “मुझे उम्मीद है कि सुप्रीम कोर्ट इस मामले में दखल देकर मामले को खत्म करने की कोशिश करेगा। मैं हर तरह से तैयार हूं।”
– चौथे ट्वीट में लिखा, “मैंने बिना कोई एतराज जताए हर कोर्ट के आदेश का पालन किया है, लगता है कि सरकार मुझे फेयर ट्रायल के बिना ही दोषी करार देना चाहती है।”
– माल्या ने अपने पांचवें ट्वीट में लिखा है, “सुप्रीम कोर्ट में मेरे खिलाफ अटॉर्नी जनरल द्वारा लगाए गए आरोपों से सरकार का रुख का साबित होता है।”
SC ने माल्या से पूछा-क्या एसेट्स का सही खुलासा किया है
– इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने बीते गुरुवार को माल्या पर उनकी प्रॉपर्टीज के डिसक्लोजर्स को लेकर कई सवाल दागे। कोर्ट ने पूछा कि क्या माल्या ने एसबीआई की अगुआई वाले बैंकों के कंसोर्टियम को सही जानकारियां दी थीं।
– बता दें कि बैंकों के कंसोर्टियम ने आरोप लगाया था कि माल्या ने अपने 3 बच्चों को 4 करोड़ डॉलर ट्रांसफर किए थे, जो कर्नाटक हाईकोर्ट के एक आदेश का पूरी तरह वॉयलेशन था।

– बैंकों की तरफ से पैरवी कर रहे अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि हकीकत में माल्या को यूनाइटेड किंगडम की कंपनी डियाजिओ से 4 करोड़ डॉलर मिले थे। सुनवाई के दौरान बैंकों ने सुप्रीम कोर्ट से माल्या को यह निर्देश देने के लिए कहा कि वह डियाजिओ से मिली 4 करोड़ डॉलर (267 करोड़ रुपए) की रकम वापस लाएं।

– कर्नाटक हाई कोर्ट ने माल्या को अपनी कोई भी मूवेबल या इममूवेबल प्रॉपर्टी किसी थर्ड पार्टी को ट्रांसफर करने से रोक दिया था। रोहतगी ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि माल्या को ब्रिटेन से भारत वापस भेजने की अपील की जा रही है।
– सुप्रीम कोर्ट ने माल्या के खिलाफ कोर्ट के आदेश की अवमानना मामले में सुनवाई के बाद अपना आदेश सुरक्षित रख लिया है।
स्पेशल कोर्ट माल्या को वापस लाने का दे चुकी है आदेश

– एक स्पेशल कोर्ट पहले ही 900 करोड़ रुपए के लोन धोखाधड़ी के मामले में एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) को भारत-यूके म्युचुअल लीगल असिस्टेंस ट्रीटी (MLAT) पर अमल करते हुए माल्या को वापस लाने के लिए मंजूरी दे चुकी है।
होम मिनिस्ट्री ने भेजी थी रिक्वेस्ट
– होम मिनिस्ट्री ने मनी लॉन्डरिंग मामले में जांच के लिए माल्या को ब्रिटेन से भारत लाने के लिए एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री को एक रिक्वेस्ट भेजी थी।
– इसमें मुंबई की स्पेशल कोर्ट के आदेश की डिटेल भेजी गई, जिसमें माल्या को भारत लाने के लिए MLAT लगाने की एन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट की रिक्वेस्ट को मंजूर किया गया।
– कोर्ट ने एजेंसी की जांच और आपराधिक मामले में संपत्तियां कुर्क होने के आधार पर ईडी के अनुरोध को मंजूर किया। इस मामले में माल्या और उनकी बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन्स पर आईडीबीआई बैंक के साथ करीब 900 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी का आरोप है।
– विदेश मंत्रालय ने इसी आपराधिक मामले में सीबीआई जांच के आधार पर हाल ही में यूके से माल्या के प्रत्यर्पण (Extradition) की अपील की थी।