भाजपा के समर्थन से शिवसेना के विश्वनाथ महादेश्वर बने BMC के मेयर
मुंबई महानगरपालिका (मनपा) में भाजपा के समर्थन से शिवसेना को महापौर की कुर्सी पर कब्जा मिला है। इस समर्थन के बावजूद शिवसेना के रुख में कोई बदलाव नहीं दिख रहा है। राज्य विधानसभा में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना विपक्ष के सुर में सुर मिलाती नजर आ रही है। मनपा में बुधवार को शिवसेना सभासद विश्वनाथ पांडुरंग महाडेश्वर भारी बहुमत से महापौर चुने गए।
227 सदस्यों वाली मनपा में विश्वनाथ को कुल 171 सभासदों का समर्थन मिला। इसमें भाजपा के 82 सभासदों का समर्थन भी शामिल है। कांग्रेस, राकांपा, सपा और एमआईएम के 54 सभासद विरोध में रहे। राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अनुपस्थित रही। दो दिन पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने महापौर पद की दौड़ से भाजपा के हटने की घोषणा की थी। माना जा रहा था कि शिवसेना की मदद में भाजपा के सभासद अनुपस्थित रहेंगे। लेकिन बुधवार को चुनाव के दौरान भाजपा सभासदों ने शिवसेना के पक्ष में हाथ उठाया।
हालांकि चुनाव से पहले सदन में भाजपा सभासदों ने ‘मोदी-मोदी’ का नारा लगाया। इसके जवाब में शिवसेना सभासदों ने ‘जय बालासाहब’ के नारे लगाए।गौरतलब है कि फरवरी के तीसरे सप्ताह में मनपा सहित महाराष्ट्र की 10 बड़ी महापालिका और 25 जिला परिषदों के लिए हुए चुनाव में भाजपा और शिवसेना आमने-सामने रही। 25 साल तक गठबंधन में रहे दोनों दल 2014 का विधानसभा चुनाव भी अलग-अलग लड़ चुके हैं। विधानसभा चुनाव से ही दोनों का संबंध खराब चल रहा है। मनपा चुनाव में गठबंधन नहीं होने के बाद आपसी कटुता चरम पर पहुंच गई थी।
शिवसेना ने राज्य एवं केंद्र सरकार से हटने का संकेत देते हुए कहा था कि फड़नवीस सरकार नोटिस पीरियड पर चल रही है। लेकिन 23 फरवरी को आए चुनाव परिणाम में शिवसेना की उम्मीदों के विपरीत मनपा में भाजपा उसके बराबरी पर आ गई। शेष महाराष्ट्र में भी भाजपा का प्रदर्शन शिवसेना से बेहतर रहा। मुंबई मनपा में शिवसेना को 84 और भाजपा को 82 सीटें हासिल हुईं हैं। इस स्थिति में दोनों दलों के आपसी सहयोग के बिना किसी का भी महापौर बनना संभव नहीं था।
भाजपा के सहयोगी रुख से भी शिवसेना के व्यवहार में कोई बदलाव नहीं दिखाई नहीं दे रहा है। राज्य सरकार में भाजपा की कनिष्ठ सहयोगी होने के बावजूद शिवसेना विधानमंडल के बजट सत्र में विपक्षी दलों कांग्रेस एवं राकांपा का साथ देती दिखाई दे रही है। विपक्षी दल किसानों की कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं। शिवसेना इस मांग का समर्थन कर रही है।