औवेसी के दो पार्षदों ने वंदे मातरम् के सम्‍मान में खड़े होने से किया इनकार

औरंगाबाद : असदुद्दीन औवेसी की पार्टी एआईएमआईएम वंदे मातरम् के मुद्दे पर एक बार फि‍र से विवादों में है. इस बार पार्टी के दो पार्षदों ने वंदे मातरम गायन के दौरान खड़े होने से इनकार कर दिया. इसके कारण औरंगाबाद म्‍यूनिसिपल कॉरपोरेशन में सत्‍तारूढ़ भाजपा और शिवसेना के सदस्‍यों ने भारी हंगामा कर दिया. मामला दरअसल महाराष्‍ट्र के औरंगाबाद से जुड़ा है. यहां पर एक मीटिंग के दौरान राष्‍ट्रगीत वंदे मातरम् गाया गया. लेकिन इस दौरान एआईएमआईएम के दो सदस्‍यों ने खड़े होने से इनकार कर दिया. इससे पहले भी कई बार हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन औवेसी राष्‍ट्रगीत के मामले में अपना विरोध दर्ज करा चुके हैं. उनका कहना है कि संविधान में कहीं नहीं लिखा है कि वंदे मातरम गाना जरूरी है.

हाल में मुंबई में बीएमसी ने एक प्रस्‍ताव पास कर बीएमसी के सभी स्‍कूलों में वंदे मातरम गाना अनिवार्य कर दिया है. बीएमसी के मेयर विश्‍वनाथ महादेश्‍वर ने कहा, हमने एक सप्‍ताह में दो बार वंदे मातरम गाना अनिवार्य किया है. हमने ये प्रस्‍ताव राज्‍य सरकार को भेज दिया है. इससे पहले मुंबई में महाराष्ट्र में सत्ताधारी दल भाजपा-शिवसेना ने राज्य में वंदे मातरम गाना अनिवार्य करने की मांग की. महाराष्ट्र में सपा के विधायक अबू आसिम आजमी ने इसका प्रखर विरोध करते हुए कहा है कि चाहे तो देश से बाहर निकाल दो लेकिन, वंदे मातरम नहीं गाऊंगा.

इससे नया विवाद खड़ा हो गया है. सपा विधायक अबू आसिम आजमी ने कहा कि वंदे मातरम गाने को लेकर भले ही हमें मुल्क से निकाल दो, लेकिन सच्चा मुसलमान वंदे मातरम नहीं गाएगा. आजमी ने कहा कि मैं वंदे मातरम का सम्मान करता हूं, परन्तु मेरा मजहब मुझे वंदे मातरम कहने की इजाजत नहीं देता.

वहीं एमआईएम विधायक वारिस पठान ने कहा था कि कोई विचारधारा किसी पर थोपी नहीं जा सकती. मैं वंदे मातरम नहीं गाऊंगा. वारिस पठान ने अपने पार्टी के नेता असदुद्दीन ओवैसी की तर्ज पर कहा कि मेरे गले पर कोई छुरी रख कर या बंदूक रख कर भी बोलने को कहे तब भी वंदेमातरम नहीं बोलूंगा. विधानसभा में यदि यह मुद्दा उठा तो विरोध करूंगा.

इससे पहले जुलाई में मद्रास हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए तमिलनाडु के स्कूल, सरकारी और प्राइवेट दफ्तरों में वंदेमातरम गाना अनिवार्य कर दिया था. जस्टिस एम वी मुरलीधरन ने निर्देश देते हुए कहा था कि स्कूलों में जहां वंदेमातरम सप्ताह में कम से कम दो बार गाया जाना चाहिए तो वहीं ऑफिसों में महीने में कम से कम एक बार राष्ट्रगीत गाया जाना चाहिए