लड़की के सिर से बह रहा था खून, टक्कर के बाद मरने के लिए छोड़ चली गई बस

भोपाल.चेतक ब्रिज पर गुरुवार सुबह तेज रफ्तार एक पुलिस बस ने आरजीपीवी की इंजीनियरिंग छात्रा की जान ले ली, जबकि उसके दो साथियों को गंभीर चोट आई है। हादसे के वक्त वह अपने दोस्तों के साथ बाइक से कोचिंग पढ़ने जा रही थी। खास बात ये है कि टक्कर मारने के बाद ड्राइवर ने बस की रफ्तार और बढ़ा ली।

– सिंगरौली निवासी 19 वर्षीय अंजना नायक यहां सोनागिरी स्थित गर्ल्स हॉस्टल में रहती थी। वह आरजीपीवी में बीई प्रथम वर्ष की छात्रा थी।
– गुरुवार सुबह भी वह नौ बजे हॉस्टल से पॉलिटेक्निक चौराहा स्थित कोचिंग जाने के लिए निकली थी।
– साथ में दोस्त सौरभ चोरवार और राहुल प्रसाद भी थे। बाइक राहुल चला रहा था। तीनों चेतक ब्रिज पर पहुंचे। तभी पीछे से आ रही सफेद रंग की बस ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी तेज थी कि अंजना बाइक से फुटपाथ पर जा गिरी, जबकि राहुल और सौरभ सड़क पर ही गिर गए। अंजना के सिर में गंभीर चोट आई। 108 एंबुलेंस से तीनों को पास के ही अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने अंजना को मृत घोषित कर दिया।

अंजना सेे भाई विनीत की आखिरी मुलाकात बुधवार सुबह हुई थी। इसके बाद अंजना अपने साथियों के साथ कोचिंग के लिए रवाना हो गई। गुरुवार को दोस्तों ने फोन कर हादसे की सूचना दी।

विनीत अस्पताल पहुंचे तो अंजना का शव ही मिला। बहन का शव देखने के बाद से ही विनीत की तबीयत बिगड़ गई।
बेटी के लिए खरीदा था मकान

अंजना के पिता सिंगरौली स्थित एनटीपीसी में अधिकारी हैं। उन्होंने हाल ही में बेटी के लिए सोनागिरी में एक मकान खरीदा था। अंजना का बड़ा भाई विनीत दिल्ली में रहकर यूपीएससी की तैयारी कर रहा है। दो दिन पहले ही वह भोपाल आया था। कुछ दिनों बाद अंजना भी हॉस्टल से इसी मकान में शिफ्ट होने वाली थी।

गोविंदपुरा टीआई डीएस चौहान के मुताबिक आरोपी बस ड्राइवर की तलाश में सिटी सर्विलांस के जरिए चेतक ब्रिज को आने वाली सड़कों पर लगे सीसीटीवी फुटेज देखे गए। हादसे के समय पर सफेद रंग की तीन बसें चेतक ब्रिज से गुजरती नजर आ रही हैं। इनमें जिला पुलिस और सीआरपीएफ की बसें हैं। सौरभ ने बस देखकर पहचान लेने की बात कही है। शुक्रवार को शिनाख्त की जाएगी।
सफेद रंग की बस पर लिखा था मप्र पुलिस

हादसे में बालाघाट निवासी सौरभ के चेहरे और पैर में चोट है। वह यहां हॉस्टल में रहकर बीई की पढ़ाई कर रहा है। बस भेल दशहरा मैदान के सामने से हीे पीछे चल रही थी। चेतक ब्रिज पर ड्राइवर ने बस को बायीं ओर मोड़ दिया, इससे हमारी बाइक टकरा गई। सफेद रंग की इस बस पर मप्र पुलिस लिखा था। पीले रंग की नंबर प्लेट वाली इस बस का नंबर भी स्पष्ट नजर नहीं आ रहा था।

सुना था पुलिस जान बचाती है, लेकिन यहां तो पुलिस ही मरने के लिए छोड़ गई। चेतक ब्रिज पर जब बस ने पीछे से टक्कर मारी तो कुछ समझ नहीं आया। मेरे दोस्त अंजना के सिर से बहुत खून बह रहा था, सौरभ भी घायल था। हमें लगा कि पुलिस की गाड़ी से टक्कर लगी है, ये लोग हमें कम से कम अस्पताल तो पहुंचा देंगे, लेकिन बहुत तकलीफ हुई जब वो लोग हमें मरता छोड़ भाग गए।