एक साल में गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की तैयारी

नई दिल्ली । गंगा को निर्मल और अविरल करने के पहले बड़े चरण के तहत अगले एक साल में गंगा को प्रदूषण से मुक्त कर लिया जाएगा। गंगा में जाने वाले सभी प्रमुख नालों पर एसटीपी लगाने का काम अक्टूबर 2018 तक पूरा कर लिया जाएगा। गंगा में सीधा प्रदूषण डाल रहे उद्योगों को भी इसके दायरे में रखा गया गया है। गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के बाद अविरलता व निर्मलता पर काम किया जाएगा।

नए जल संसाधन, नदी विकास व गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी के नेतृत्व में मंत्रियों की नई टीम ने नमामि गंगे परियोजना को अपनी वरीयता में सबसे ऊपर रखा है। चार सितंबर को मंत्रालय का कामकाज संभालने के बाद गडकरी ने अगले ही दिन मंत्रालय के बारे में विभिन्न स्तरों पर जानकारी हासिल की। इसके बाद छह सितंबर को उन्होंने नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा की।

सात सितंबर को राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के कार्यालय में जाकर परियोजना की अब तक की प्रगति की जानकारी ली।

नमामि गंगा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद महत्वाकांक्षी मिशन है। माना जा रहा है कि तीन साल में इसकी धीमी गति के चलते ही तीनों मंत्रियों को बदला गया है। सूत्रों के अनुसार, प्रधानमंत्री चाहते हैं कि अगले साल दो अक्तूबर तक गंगा पूरी तरह से प्रदूषण मुक्त हो जाए। चूंकि अगले साल दो अक्तूबर से महात्मा गांधी का 150 वां साल शुरू होने जा रहा है और सरकार उस दिन को यादगार रूप से मनाने की तैयारी में है।