देशद्रोही बेटे की बॉडी नहीं चाहिए: लखनऊ में मारे गए संदिग्ध आतंकी के पिता बोले

यहां एनकाउंटर में मारे गए संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह (23) के पिता सरताज अहमद ने बेटे की लाश लेने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा, “देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले से मेरा कोई रिश्ता-नाता नहीं है। उसे तो अल्लाह भी माफ नहीं करेगा। गद्दारी करने वाले का पिता कहलाने में मुझे जिल्लत महसूस होती है।” पिता ने ये भी बताया कि सैफुल्लाह ने ढाई महीने पहले घर छोड़ दिया था। एनकाउंटर के पहले फोन कर उसने जल्द ही सऊदी अरब जाने की बात कही थी। बता दें मंगलवार की रात को यूपी एटीएस ने लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में 11 घंटे चले एनकाउंटर में मार गिराया था। ऐसा आरोप है कि सैफुल्लाह ISIS के खुरासान मॉड्यूल का मेंबर था। सैफुल्लाह तक एटीएस कैसे पहुंची…
– मंगलवार सुबह एमपी के शाजापुर में ट्रेन ब्लास्ट हुआ था। उसके पहले एमपी पुलिस ने चार संदिग्धों को गिरफ्तार किया।
– यूपी एटीएस ने कानपुर-इटावा से तीन सस्पेक्ट अरेस्ट किए। इन्हीं गिरफ्तारियों के बाद सैफुल्लाह के लखनऊ में छिपे होने का इनपुट मिला था। इसके बाद ही यह कार्रवाई की गई।
‘देशद्रोही बेटे का नहीं लूंगा शव, अल्लाह भी उसे नहीं करेगा माफ’
– सैफुल्लाह के पिता सरताज ने कहा, “देश की सुरक्षा से खिलवाड़ करने वाले से मेरा कोई रिश्ता- नाता नहीं है। करीब ढाई महीने पहले वह घर से मुंबई जाने की बात कहकर निकला था। वहां से वह वीजा लेकर दुबई जाने वाला था। जिसके बाद से उसने हमसे कभी संपर्क नहीं किया।”
– “मैं नहीं जानता कि वह आतंकी संगठन आईएसआईएस से कैसे जुड़ गया। अपने वतन की मिट्टी के साथ गद्दारी करने वाले का पिता कहलाने में मुझे जिल्लत महसूस होती है। मेरे परिवार ने फैसला किया है कि सैफुल्लाह के शव को नहीं लेंगे। उसे तो अल्लाह भी माफ नही करेगा।”
– सरताज ने बताया कि सैफुल्लाह ने बीकॉम तक की पढ़ाई की थी। वो अकाउंटिंग का काम सीखकर प्राइवेट काम करता था। यहां उसका मन नहीं लगता था वह सऊदी अरब जाना चाहता था।
– सरताज के तीन बेटे हैं। सैफुल्लाह सबसे छोटा था। सबसे बड़ा बेटा खालिद शादीशुदा है और प्राइवेट जॉब करता है। वहीं, दूसरे नंबर का बेटा मुजाहिद है। वो चाय की दुकान चलाता है। सैफुल्लाह की मां का निधन पिछले साल हुआ था।
कहता था इतना पैसा कमाऊंगा सब लोग देखते रह जाएंगे
– सरताज खान के मुताबिक, “सुबह दस बजे तक वो घर से निकल जाता था और देर रात घर वापस लौटता था। पूछने पर बहस करने लगता था, बस यही कहता था इतना धन कमाऊंगा कि सब देखते रह जाएंगे। वो आतिश नाम के एक लडके के साथ ज्यादा रहता था। अब वो क्या करते थे, इसके बारे में घर में कभी नहीं बताता था।”
– “करीब तीन महीने पहले काम को लेकर मैंने उसे पीटा था, जिसके बाद वो घर से चला गया। वो अपने साथ अपना पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आधार कार्ड और अपने सारे सर्टिफिकेट भी लेकर गया था।”
– ”सैफुल्लाह ने एक लैपटॉप खरीदा था, लेकिन वो अपने लैपटॉप को किसी को छूने नहीं देता था। बीते 6 महीने से उसका समय अपने लैपटॉप पर ही गुजरता था।”
6 मार्च को आया था फोन
– पिता सरताज ने बताया, ”4 मार्च की दोपहर सैफुल्लाह का फोन आया था। उसने कहा था कि पापा, हम एक-दो दिन में सऊदी जा रहे हैं। मगर उसके पहले हमें एक जरूरी काम करना है। लेकिन सैफुल्लाह ने ये नहीं बताया कि वो कौन-सा जरूरी काम है।’ जब एनकाउंटर के बाद टीवी में उसका नाम सुना और फोटो देखी तो पता चला कि मेरा बेटा आतंकी बन चुका है।”
बड़े भाई ने कहा- जिसने चींटी नहीं मारी वो ब्लास्ट क्या करेगा?
– सैफुल्लाह के बड़े भाई खालिद ने बताया, ”मेरे भाई के सपने बहुत बड़े थे। वो पढ़ने में काफी तेज था। एक बार कोई चीज को देख लेता या सुन लेता था तो उसे वो चीज याद हो जाती थी।”
– ”उसे क्रिकेट खेलने का बहुत शौक था। स्कूल में पढ़ते समय वो कई बार खेलकूद में प्राइज जीत चुका था। वो जो ठान लेता था, उसे करके ही मानता था। वह कभी किसी पर गुस्सा नहीं करता था। ज्यादा किसी से बात करना पसंद नहीं करता था। उसे हमेशा नया करने का जुनून रहता था। उसे बहका दिया गया होगा, वो ऐसा नहीं कर सकता है। उसने कभी चींटी नहीं मारी, वो बम ब्लास्ट क्या करेगा?”
क्या है मामला?
– 7 मार्च की सुबह एमपी के शाजापुर में भोपाल-पैसेंजर ट्रेन में IED ब्लास्ट हुआ। इसमें 10 लोग घायल हुए। इसे देश में मौजूद ISIS मॉड्यूल का पहला हमला माना गया।
– ब्लास्ट के बाद उसी दिन दोपहर को एमपी पुलिस ने पिपरिया के एक टोल नाके से बस रोककर चार सस्पेक्ट पकड़े। इनकी गिरफ्तारी के बाद कानपुर से दो और इटावा से एक संदिग्ध अरेस्ट हुआ।
– इन संदिग्धों से मिली इन्फॉर्मेशन और इंटेलिजेंस इनपुट के बाद यूपी एटीएस ने लखनऊ के ठाकुरगंज इलाके में एक घर को घेर लिया। यहां अाईएसआईएस का संदिग्ध आतंकी सैफुल्लाह छिपा बैठा था। उसकी उम्र 22 से 23 साल के बीच थी। वह कानपुर का रहने वाला था।
– उसने सरेंडर करने से मना कर दिया। 11 घंटे चले एनकाउंटर के बाद उसे मार गिराया गया। उसके घर से 8 रिवॉल्वर, 650 कारतूस, कई बम और रेलवे का मैप मिला।