पानी से भीगीं विधायक तो टीआई को सुनाई खरी-खोटी
मंदसौर में हुई किसानों की मौत के विरोध में शिवपुरी शहर में जहां कांग्रेसियों ने आधे दिन तक बाजार बंद करवाया, वहीं करैरा में विधायक शकुंतला खटीक के नेतृत्व में रैली निकालकर प्रदर्शन के दौरान जब पुलिस ने फायर ब्रिगेड से पानी का छिड़काव कराया तो विधायक भीग गईं। बस फिर क्या था, विधायक ने तहसील कार्यालय परिसर में जाकर न केवल पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए धरना दिया, बल्कि करैरा टीआई को खरी-खोटी सुनाते हुए कार्रवाई के लिए तीन दिन का समय दिया।
करैरा विधायक शकुंतला खटीक के नेतृत्व में गुरुवार की सुबह बाजार में प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए रैली निकाली। कांग्रेस नेताओं ने आनन-फानन में एसडीओपी कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया जा रहा था। इस प्रदर्शन की खबर पहले ही पुलिस तक पहुंच गई थी, इसलिए वहां पर फायरब्रिगेड का इंतजाम किया गया था और जैसे ही प्रदर्शन किया फायर ब्रिगेड से पानी की बौछार शुरू कर दी।
चंूकि विधायक शकुंतला खटीक व कार्यकर्ता मौजूद थे, इसलिए वे लोग पानी से भींग गए। विधायक का कहना है कि टीआई के इशारे पर हमारे ऊपर पानी की बौछार करके रोकने का प्रयास किया गया।
इस घटना के बाद करैरा विधायक ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारे लगाने की बजाय पुलिस को टारगेट पर ले लिया। पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए कांग्रेसी तहसील कार्यालय में पहुंचे, जहां पर विधायक ने चेतावनी दी कि हम तो जनता के लिए अपनी जान भी दे देंगे, लेकिन करैरा टीआई को नहीं छोड़ेंगे। क्योंकि उसके ही इशारे पर हम पर पानी की बौछार करके रोकने का प्रयास किया गया।
विधायक को करैरा एसडीओपी अनुराग सुजानिया ने समझाने का प्रयास किया, लेकिन वे यह कहती रहीं कि यदि तीन दिन में टीआई को यहां से नहीं हटाया गया तो फिर बड़ा आंदोलन किया जाएगा। इस मांग को लेकर विधायक ने तहसील कार्यालय में धरना ही दे दिया। बाद में समझाइश के बाद विधायक वहां से हटीं। खास बात यह रही कि प्रदर्शन के दौरान करैरा नगर का बाजार खुला रहा।