BA पास किन्नर ने कलेक्टर को बताया चौंकाने वाला डेरे का ये सच

इंदौर। “मैं पढ़ी-लिखी हूं, लोगों को धमकाकर जबरन वसूली करने की जगह मैं अपना खुद का कुछ काम करना चाहती हूं। लेकिन वे लोग मुझे ढंग से जीने नहीं दे रहे हैं। आपसे मदद मांगने आई हूं।” ये बात एक किन्नर ने जनसुनवाई के दौरान कलेक्टर से कही तो वहां मौजूद लोग देखते रह गए। किन्नर सुनीता ने जब अपना दर्द कलेक्टर को सुनाया तो उन्होंने तत्काल उसकी मदद के लिए अधिकारियों को कहा। पढ़ें, सुनीता बोली, नहीं जानते आप डेरे का सच…
– कलेक्टर निशांत वरवड़े जनसुनवाई में लोगों की समस्याएं सुन रहे थे। इसी दौरान किन्नर सुनीता भी अपनी फरियाद लेकर वहां पहुंची। सुनीता ने कलेक्टर से कहा कि मैं किन्नरों के साथ नहीं रहना चाहती हूं। मैं पढ़ी-लिखी बीए पास हूं। मैं अब नौकरी करना चाहती हूं, मेरी मदद करें। इस पर कलेक्टर ने कहा कि नौकरी की जगह मैं तुम्हें स्वरोजगार में मदद कर सकता हूं।
– मैं तुम्हें लोन दिलवा देता हूं। तुम क्या काम कर सकती हो, ये बता दो। इस पर सुनीता बोली कि मैंने सिलाई-कढ़ाई जानती हूं। यदि आप मेरी मदद कर देंगे तो मैं ये काम कर लूंगी। पर आपको मेरी एक और मदद करनी होगी। मुझे डेरे वालों किन्नरों का डर सता रहा है। वे मुझे डेरा छोड़ने नहीं देते। उनका कहना है कि हमारे साथ ही रहना होगा, नहीं तो तुम्हें जीने का कोई हक नहीं है।
डेरा छोड़ना आसान नहीं
– सुनीता ने कहा कि मैं क्या, किसी भी किन्नर के लिए डेरा छोड़ना आसान बात नहीं है। डेरे वालों की अनुमति के बिना वहां पत्ता भी नहीं हिलता है। वे जैसा कहते हैं, सभी को वैसा ही करना होता है। यदि उनकी बात नहीं मानी तो फिर सजा भुगतने के लिए तैयार हो जाओ।
– सुनीता ने कहा कि मेरे पिता पुलिस में हैं, लेकिन मैं डेरे वालों के डर से घर से बाहर भी नहीं निकलती हूं। यदि उन्होंने मुझे देख लिया तो वे मारपीट करके मुझे वापस अपने साथ ले जाएंगे। मैं अन्य किन्नरों की तरह वसूली करने के बजाय जीवन में कुछ अलग करना चाहती हूं। इसीलिए आपके पास आई हूं।
– सुनीता ने कलेक्टर से सुरक्षा की गुहार लगाई तो कलेक्टर ने उससे कहा कि यदि कोई भी तुम्हें परेशान करेगा या धमकी देगा, तो हम उसे नहीं छोड़ेंगे। उन्होंने तत्काल एडीएम को पुलिस के साथ मिलकर इस मुद्दे पर किन्नरों के सभी डेरा संचालकों के साथ बैठक करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि किन्नरों के गुरु-शिष्य के बीच के संबंधों में हम कोई दखल नहीं देंगे, लेकिन यदि कोई किसी को डराने, धमकाने या मारने की कोशिश करेगा तो उचित कार्रवाई की जाएगी।