उत्तर कोरिया ने हासिल की मिसाइल इंजन बनाने की क्षमता

अमेरिका समेत दुनिया भर के लिए यह परेशान करने वाली खबर हो सकती है कि उत्तर कोरिया ने अपने दम पर मिसाइल इंजन बनाने की क्षमता विकसित कर ली है। अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट में इसे स्वीकार किया है।

यह लंदन के इंटरनेशनल इंस्टीट्यूट फॉर स्ट्रैटेजिक स्टडीज (आइआइएसएस) के उस निष्कर्ष के उलट है जिसमें उत्तर कोरियाई मिसाइल इंजनों के यूक्रेन या रूस के कारखानों में बनने की बात कही गई थी। आइआइएसएस की रिपोर्ट में इसका भी जिक्र था कि उत्तर कोरिया
अमेरिकी खुफिया अधिकारियों के हवाले से बताया है कि उत्तर कोरिया मिसाइल इंजन के लिए किसी देश पर निर्भर नहीं है। उसनेऐसे इंजन बनाने की क्षमता हासिल कर ली है। वहीं यूक्रेन ने कहा है कि उसने कभी भी उत्तर कोरिया से रक्षा तकनीक साझा नहीं की है। जब से उसका देश पूर्व सोवियत संघ से अलग हुआ, तब से मिसाइलों को नहीं बनाया गया है।

वहीं एक अन्य अमेरिकी खुफिया अधिकारी का मानना था कि उत्तर कोरिया ने रूस व अन्य देशों में पढ़े विदेशी वैज्ञानिकों को बहाल कर रखा है। कुछ ऐसे उत्तर कोरियाई वैज्ञानिक भी हैं जो दूसरे देशों में शिक्षा ग्रहण कर अपने देश लौटे हैं। ये ही वैज्ञानिक मिसाइल इंजन विकसित कर रहे हैं।

अमेरिका व जापान का युद्धाभ्यास जारी

उत्तर कोरिया से तनातनी के बीच अमेरिका व जापान का उत्तर जापान इलाके में युद्धाभ्यास जारी है। 10 अगस्त से शुरू हुआ यह अभ्यास 19 दिनों तक चलेगा। आज दोनों देशों की सेनाओं ने सैन्य वाहनों से गोले दागे। वहीं अमेरिका, दक्षिण कोरिया व ऑस्ट्रेलिया मिलकर 21 अगस्त से सैन्य अभ्यास की शुरुआत करेंगे। उत्तर कोरिया की इस अभ्यास पर नजर रहेगी। उसने कहा है कि वह अमेरिकी द्वीप गुआम पर हमले की योजना पर अंतिम रूप से निर्णय लेते समय इस अभ्यास को भी दिमाग में रखेगा।