जब बात देश के विकास की हो तो सबसे जरूरी होता है देश के नागरिकों द्वारा अपनी सरकार पर भरोसा। क्योंकि कोई भी फैसला, चाहे वो किसी भी क्षेत्र से संबंधित हो उसे तब तक धरातल पर नहीं लाया जा सकता जब तक सरकार पर देश के नागरिकों का भरोसा ना हो। नागरिकों के भरोसे की बदौलत ही सरकार प्रभावी ढंग से अपनी नीतियों को लागू करने में सफल हो पाती है। इसी भरोसे को लेकर प्रतिष्ठित वैश्विक पत्रिका ‘फोर्ब्स’ में एक रिपोर्ट छपी है जिससे यह पता चलता है कि भारतीय अपनी सरकार पर कितना भरोसा करते हैं। फोर्ब्स मैगजीन में छपे ओईसीडी के सर्वे के अनुसार दुनिया में सबसे ज्यादा 75 प्रतिशत भारतीय अपनी सरकार और उसकी नीतियों पर भरोसा करते हैं। गवर्नमेंट एट ग्लांस 2017 नाम की सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है पिछले कुछ सालों में अलग-अलग देशों की सरकारों में जनता का भरोसा बदलता रहा है। इस लिस्ट में कुल 15 देशों को जगह दी गई है। जहां ग्रीस सबसे कम 13 प्रतिशत के साथ नीचे है वहीं भारत 75 प्रतिशत के साथ ऊपर है। भारत के बाद कनाडा, तुर्की और रूस का नाम है।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्रियों की सुरक्षा में कटौती की है. हालांकि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के पास प्राडो और मुलायम सिंह यादव के पास मर्सिडीज बरकरार रहेगी, जबकि सरकार ने दोनों के काफिले से तीन एसयूवी वापस लेने का फैसला किया है.
इसके साथ ही राज्य संपत्ति विभाग ने सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के काफिले से कई गाड़ियां कम कर दी हैं.
योगी सरकार ने अपने फैसले में तमाम पूर्व मुख्यमंत्रियों के सुरक्षा काफिले में कटौती कर तीन-तीन एसयूवी गाड़ियां वापस ले ली है. मुलायम और अखिलेश के पास 5-5 एसयूवी गाड़ियां थीं. इसे बदलकर दो एसयूवी और तीन एंबेसडर किया जाएगा. सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के लिए एक जैसे इंतजाम होंगे.
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सपा नेता मुलायम सिंह पर मेहरबानी दिखाते हुए उन्हें अपनी पसंदीदा मर्सिडीज रखने की छूट दी है. योगी ने पहले ही मुलायम सिंह यादव की मर्सिडीज हटाने से मना कर दिया था कि नेताजी की इच्छा के बगैर उसे नहीं हटाया जाए.
सिर्फ अखिलेश और मुलायम ही नहीं बल्कि मायावती और राजनाथ सिंह के सरकारी काफिले को भी छोटा किया गया है और अब सभी सरकारी काफिलों में 5 एसयूवी की जगह दो एसयूवी और तीन एंबेसडर चलेंगे.