कैंसर पीड़ित PAK महिला बोली- मैम! आजादी के जश्न में मदद करें, सुषमा ने दिया वीजा

नई दिल्ली. सुषमा स्वराज ने कैंसर से पीड़ित पाकिस्तान की एक महिला को मानवीयता के आधार पर मेडिकल वीजा देने का भरोसा दिलाया है। फैजा तनवीर नाम की पाकिस्तानी महिला ने फॉरेन मिनिस्टर सुषमा से भारत में इलाज के लिए ट्विटर पर मदद मांगी थी। फैजा ने स्वतंत्रता दिवस का हवाला देते हुए मदद करने की अपील थी। सुषमा बोलीं- आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद…

– सुषमा ने फैजा को मेडिकल वीजा जारी करने के फैसले की जानकारी रविवार को टि्वटर पर दी। उन्होंने ट्वीट किया, “भारत के स्वतंत्रता दिवस पर आपकी शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद। हम आपको भारत में आपके इलाज के लिए वीजा दे रहे हैं।”
पाक महिला ने क्या ट्वीट किया था?

– फैजा तनवीर ने सुषमा को ट्वीट कर मदद मांगी थी। उसने लिखा था, “सुषमा स्वराज मैम आप मेरे लिए मां ही हैं, प्लीज मैम मुझे मेडिकल वीजा दे दें, इस 70वीं आजादी के साल की खुशी में मेरी मदद कर दें धन्यवाद।”

ढाई साल के बच्चे को भी दिया था मेडिकल वीजा
– पाकिस्तान के एक शख्स ने @KenSid2 हैंडल से 24 मई को एक ट्वीट किया था। इस शख्स ने ट्वीट में सुषमा और नवाज शरीफ के फॉरेन अफेयर्स एडवाइजर सरताज अजीज को टैग करते हुए लिखा था- मेरा बच्चा मेडिकल ट्रीटमेंट से मोहताज क्यों रहे? क्या सर अजीज और मैडम सुषमा इसका जवाब देंगे?

– 7 दिन बाद सुषमा ने इस शख्स को ट्विटर के जरिए ही जवाब दिया। कहा- भारत आपकी फैमिली को मेडिकल वीजा जरूर देगा। बच्चे को दिक्कत नहीं होगी। आप इंडियन हाईकमीशन से कॉन्टेक्ट करें। उसने ऐसा ही किया और 2 जून को उसे वीजा मिल गया।

मेडिकल वीजा के लिए भारत पर डिपेंड पाकिस्तानी
– पहले साउथ एशियाई देशों के ज्यादातर पेशेंट्स मेडिकल वीजा के लिए सिंगापुर या थाईलैंड का रुख करते थे, लेकिन बीते कुछ साल से भारत में मेडिकल फैसिलिटीज में जबर्दस्त सुधार हुआ। अब एशियाई देशों के ज्यादातर पेशेंट्स इलाज के लिए भारत को तवज्जो देते हैं।

– दिल्ली के अपोलो हॉस्पिटल में हर महीने करीब 500 पाकिस्तानी पेशेंट्स इलाज के लिए आते हैं। इनमें लिवर ट्रांसप्लांट के पेशेंट भी होते हैं। अपोलो में इस पर करीब 30 लाख रुपए खर्च होता है जबकि यूरोप या बाकी देशों में खर्च छह से सात गुना ज्यादा होता है। दूसरी बात, भाषा की भी ज्यादा दिक्कत नहीं आती।

– दो साल पहले भी जब सरहद पर हालात खराब थे, भारत ने बस्मा नाम की पाकिस्तानी बच्ची को इमरजेंसी मेडिकल वीजा दिया था।