एक से दूसरे वॉलेट में भेज सकेंगे पैसा, आरबीआई ने दिशानिर्देशों में किया बदलाव

अगर आप पेटीएम वॉलेट का इस्तेमाल करते हैं तो जल्दी ही किसी दूसरी कंपनी के वॉलेट पर लेनदेन कर सकते हैं। देश में डिजिटल भुगतान को सुगम बनाने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक ने दिशानिर्देशों में बदलाव किया है। केंद्रीय बैंक ने आज कहा कि प्रीपेड पेमेंट इंस्ट्रूमेंट्स (पीपीआई) के बीच परस्पर लेनदेन के लिए संशोधित दिशानिर्देश 11 अक्टूबर को जारी किए जाएंगे। पीपीआई में डिजिटल वॉलेट, प्रीपेड कैश कूपन और प्रीपेड टेलीफोन टॉप अप कार्ड सहित कई चीजें शामिल हैं।
आरबीआई ने उम्मीद जताई कि संशोधित दिशानिर्देशों के जारी होने के 6 महीने के भीतर पीपीआई के बीच परस्पर लेनदेन शुरू हो सकता है। पीपीआई के संबंध में पहली बार दिशानिर्देश अप्रैल 2009 में जारी किए गए थे और इस साल मार्च में केंद्रीय बैंक ने इस बारे में पीपीआई इंडस्ट्री से सुझाव मांगे थे। अभी एक ही वॉलेट इस्तेमाल करने वाले दो व्यक्ति आपस में लेनदेन कर सकते हैं लेकिन 6 महीने से भी कम समय में विभिन्न कंपनियों के वॉलेट के बीच पैसों का आदान प्रदान किया जा सकेगा।
कंपनियां ने भी इस मौके को भुनाने के लिए अपनी तैयारी शुरू कर दी है। कई जानकारों का मानना है कि इससे न केवल वॉलेट के इस्तेमाल का दायरा बढ़ सकता है बल्कि उपभोक्ता एक वॉलेट से दूसरे वॉलेट पर भी जा सकते हैं। पेटीएम के मुख्य परिचालन अधिकारी किरण वासीरेड्डïी ने कहा, ‘हमारा मानना है कि इससे सभी वॉलेट के उपभोक्ताओं को अपना पैसा पेटीएम पर भेजने का मौका मिलेगा जिससे वे कंपनी की सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे। इससे देश में डिजिटल भुगतान की व्यवस्था में तेजी आनी चाहिए।’
दो वॉलेट के बीच लेनदेन न होना देश में डिजिटल भुगतान व्यवस्था को अपनाने की राह में सबसे बड़ी चुनौती है क्योंकि इससे वॉलेट की उपयोगिता सीमित हो जाती है। मोबिक्विक के संस्थापक और मुख्य कार्याधिकारी विपिन प्रीत सिंह ने कहा, ‘आरबीआई के ताजा दिशानिर्देशों से देश में मोबाइल वॉलेट में तेजी आएगी। वॉलेट उपयोगकर्ताओं को इससे यह फायदा होगा कि अगर उन्होंने मोबिक्विक वॉलेट पहले से डाउनलोड किया है तो उसे दूसरा वॉलेट डाउनलोड करने की जरूरत नहीं होगी। वे किसी भी खरीदारी में कोई अन्य पीपीआई से भी भुगतान कर सकेंगे।’ उद्योग के विशेषज्ञों का मानना है कि इससे पीपीआई खंड में गले 6 महीनों में पांच गुना वृद्धि देखी जा सकती है।