गांव हो तो हथनीकला जैसा, इस आदर्श ग्राम पर केंद्र सरकार भी मुरीद

बिलासपुर। भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सांसद आदर्श ग्राम हथनीकला के विकास से संबंधित डॉक्यूमेंट्री फिल्म बनाई है। इसमें आदर्श ग्राम के रूप में हथनीकला ने किस तरह और कितनी कठिनाइयों के बाद विकास की छलांग लगाई है,इस पर फोकस किया गया है।
डाक्यूमेंट्री में ग्रामीण परिवेश की सांस्कृतिक धरोहरों को भी शामिल किया गया है। विकास के मामले में केंद्र सरकार ने हथनीकला देश के टॉप 10 आदर्श ग्राम में शामिल किया है।
केंद्र की सत्ता पर काबिज होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों में विकास के लिए सांसदों की सहभागिता को अनिवार्य किया है। इसके तहत वर्ष 2014 में देशभर के सांसदों को अपने संसदीय क्षेत्र के एक गांव का चयन कर उसे विकसित करना था। पहले सांसद आदर्श ग्राम के लिए केंद्र सरकार ने दो वर्ष की समयावधि तय की थी।
इसके बाद तीन वर्ष में प्रत्येक एक-एक वर्ष में एक-एक ग्राम को सांसदों को गोद लेकर विकास करने की योजना है। बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र के सांसद लखनलाल साहू ने मुंगेली जिले के अंतर्गत आने वाले ग्राम हथनीकला को आदर्श ग्राम के रूप में विकसित करने के लिए चयन किया था।
हथनीकला में दो वर्षों के भीतर चौतरफा विकास कार्य किए गए। आधारभूत संरचनाओं के अलावा सामाजिक कुरुतियों को दूर करने के लिए लगातार अभियान चलाया गया। बच्चों की शिक्षा-दीक्षा पर भी खासतौर पर फोकस किया गया।
वर्ष 2016 में केंद्र सरकार की टीम ने देशभर के सांसद आदर्श ग्राम का सर्वे किया था। केंद्रीय टीम ने विकास के अलावा सामाजिक कुरुतियों पर किए गए कार्यों जायजा लिया था। इस दौरान सरपंच के अलावा ग्रामीणों से भी अलग-अलग चर्चा की थी।
देशभर के आदर्श ग्रामों का सर्वे के बाद टीम ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय को रिपोर्ट सौंपी गई थी। इसके बाद केंद्र सरकार ने टॉप 10 आदर्श ग्राम की सूची जारी की थी। इसमें 6 वें नंबर पर हथनीकला ने जगह बनाई थी।
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने सांसद आदर्श ग्राम हथनीकला के विकास को लेकर डाक्यूमेंट्री फिल्म बनाई है। फिल्म में विकास को लेकर किए गए कार्यों का विस्तार से फिल्मांकन किया गया है।