34 साल की नौकरी, आईपीएस भी बने लेकिन डीआईजी बनने से पहले हो जाएंगे रिटायर

 

तीन साल पिछड़ने से हुआ बड़ा नुकसान

भोपाल।

आईपीएस अवांटन में तीन साल पिछड़ने का कितना नुकसान होगा, इसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। राज्य पुलिस सेवा में सीधी भर्ती से डीएसपी बनने वाले अफसरों को सपना होता है कि उन्हें आईपीएस अवार्ड हो और वे कम से कम पुलिस महानिरीक्षक तक के पद तक तो पहुंचे, लेकिन प्रदेश पुलिस से रिटायर होने से पहले कई अफसर 34 साल तक की अपनी सेवाएं दे चुके होंगे, इस बीच आईपीएस भी बने लेकिन डीआईजी बनने का सपना पूरा होने से पहले ही वे सेवानिवृत्त हो जाएंगे। यदि आईपीएस अवांटन की यही स्थिति रही तो वर्ष 2016 बैच के 19 में से आधे अफसर एक भी पदोन्नति नहीं पा सकेंगे।

वर्ष 1996 बैच के अफसरों को हाल ही में आईपीएस का वर्ष आवंटित हुआ है। जिसमें इन सभी को 2016 ईयर अलॉट किया गया है। यानि राज्य पुलिस सेवा में बीस साल पूरे होने वाला ईयर आईपीएस में इन्हें दिया गया है। ये सभी अब 14 साल तक एसपी रेंक पर ही रहेंगे। यानि वर्ष 2016 से लेकर वर्ष 2029 तक इस बैच् के अफसर एसपी रैंक पर ही होंगे। एक जनवरी 2030 को इस बैच के अफसरों की पदोन्नति होगी और डीआईजी बनेंगे। वर्ष 2024 के अनुसार गणना की जाए तो इन अफसरों को 6 साल बाद पदोन्नति मिलेगी। लेकिन आईपीएस ईयर अलॉट होने के बाद का 14 साल के सफर में कई अफसर रिटायर हो जाएंगे। मुख्य बात यह है कि इनमें से कई अफसर चंद महीनों पहले ही रिटायर होंगे।

ये नहीं बन सकेंगे डीआईजी

सुनील तिवारी,संजीव कंचन, राय सिंह नरवरिया, रामशरण प्रजापति, राजेश व्यास, पदम विलोचन शुक्ला, विनोद कुमार सिंह, डॉ. संजय कुमार अग्रवाल, अजय पांडे डीआईजी नहीं बन सकेंगे। ये सभी 31 दिसंबर 2029 से पहले रिटायर हो जाएंगे। अभी राय सिंह नरवरिया निमाड़ी एसपी, राजेश व्यास अलीराजपुर एसपी, पदम विलोचन शुक्ला झाबुआ एसपी , विनोद कुमार सिंहआगर मालवा एसपी हैं। इनमें से पदम विलोचन शुक्ला जिस दिन रिटायर होंगे, उसके अगले दिन उनका बैच डीआईजी बन जाएगा।

चंद महीनों के लिए बनेंगे डीआईजी

छिंदवाड़ा एसपी मनीष खत्री सात महीने के लिए, इंदौर ग्रामीण एसपी सुनील कुमार मेहता 6 महीनों के लिए, एसपी मऊगंज वीरेंद्र जैन दो महीनों के लिए, सुंदर सिंह कनेश पांच महीनों के लिए डीआईजी बन सकेंगे।