नेता प्रतिपक्ष ने की विधानसभा की संपूर्ण कार्यवाही के लाइव प्रसारण की मांग

कार्यवाही लाइव नहीं हुई तो बजट भाषण के प्रसारण पर भी प्रतिबंध लगाए, कैमरों पर लगे रोक
भोपाल।
अब तक वित्त मंत्री के बजट का लाइव प्रसारण करती आ रही मध्यप्रदेश विधानसभा की संपूर्ण कार्यवाही के लाइव प्रसारण की मांग अब तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर को पत्र लिखकर विधानसभा की संपूर्ण कार्यवाही का लाइव प्रसारण करने की मांग की है।
नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र तोमर को लिखे पत्र में कहा है कि विधानसभा की संपूर्ण कार्यवाही का लाइव प्रसारण करने व्यवस्था सुनिश्चित की जाना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष का कहना है कि सभी विधायकों के क्षेत्र की जनता विधानसभा की लाइव प्रसारण की कार्यवाही देखना और सुनना चाहती है। यह तभी हो सकता है जब मध्यप्रदेश विधानसभा में होंने वाली सदन की कार्यवाही के लाइव प्रसारण की व्यवस्था की जाए।
बजट भाषण प्रसारण पर भी प्रतिबंध लगाए, कैमरों पर लगे रोक–
नेता प्रतिपक्ष ने विधानसभा अध्यक्ष नरेन्द्र सिंह तोमर को लिखे पत्र मेें कहा है कि सदन की संपूर्ण कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जाए अन्यथा किसी भी तरह के लाइव प्रसारण पर पूर्णत: प्रतिबंध लगाया जाए। यहां तक की बजट सत्र के दौरान मुख्यमंत्री एवं वित्त मंत्री के भाषण का भी लाइव प्रसारण पूर्णत: वर्जित हो। सदन मेें किसी भी तरह के कैमरे अथवा रिकार्डिंग को ले जाना प्रतिबंधित किया जाए।
ई विधान भी होगा शुरु,सवाल जवाब, ध्यानाकर्षण आॅनलाईन कर चुकी विधानसभा-विधानसभा सचिवालय ई विधान प्रोजेक्ट भी लाना चाहता है। इसके तहत विधायकों के टेबल पर टेबलेट में पूरी विधानसभा के सारे बिजनेस की जानकारी होगी। सारी जानकारी उन्हें टेबलेट के बटन दबाने पर टेबल पर ही मिल जाएगी। किसी प्रकार के कागज की जरुरत नहीं होगी। नेवा प्रोजेक्ट के तहत यह काम किया जाना है। इसमें देश की सभी विधानसभाओं को भी आपस में कनेक्ट किया जाना है। मध्यप्रदेश में संसद और विधानसभा मिलकर इसका खर्च वहन करने वाले है। मध्यप्रदेश में राज्य सरकार इसके लिए फंड देगी। वर्तमान में विधायकों के सवाल-जवाब, ध्यानाकर्षण, याचिकाएं, शून्यकाल की सूचनाएं आॅनलाईन प्राप्त करने और उनके लिखित जवाब विधायकों को आॅनलाईन भेजे जा रहे है। वित्त मंत्री का बजट भाषण भी हर बार लाइव प्रसारित किया जाता है।
केवल प्रश्काल के एक घंटे के प्रसारण पर हो चुकी है चर्चा-पूर्व विधानसभा अध्यक्ष सीताशरण शर्मा के कार्यकाल में दूरदर्शन मध्यप्रदेश के जरिए विधानसभा के एक घंटे के प्रश्नकाल को लाईव प्रसारित करने चर्चा हो चुकी है लेकिन इसके भारी भरकम खर्च के कारण यह मामला आगे नहीं हो पाया।
छत्तीसगढ़ में भी लाइव प्रसारण का मामला गरमाया था-
छत्तीसगढ़ विधानसभा में भी लाइव प्रसारण को लेकर चर्चा हो चुकी है। वहां भी विपक्षी दल चाहता है कि विधानसभा की कार्यवाही का लाइव प्रसारण किया जाए लेकिन यह बात आगे नहीं बढ़ पाई।
लोकसभा की तर्ज पर मध्यप्रदेश में अलग चैनल पर भी हो रहा विचार-जिस तरह से लोकसभा की कार्यवाही के प्रसारण के लिए अलग से लोकसभा चैनल बनाया गया है उसी तरह मध्यप्रदेश में विधानसभा की कार्यवाही के प्रसारण के लिए विधानसभा का अलग चैनल शुरु करने पर भी विचार हो रहा है लेकिन इसमें आने वाले करोड़ों के खर्चे के कारण बात आगे नही बढ़ पा रही।
सरकार भी नहीं चाहती लाइव प्रसारण-
विधानसभा की कार्यवाही के लाइव प्रसारण पर भारी भरकम खर्च आना है। वहीं लाइव प्रसारण होंने से विपक्षी दलों द्वारा उठाई जाने वाली कार्यवाही भी लोगों तक पहुचेगी। मीडिया पर प्रसारण के कारण विधायक भी इसमें ज्यादा एग्रेसिव होंगे और सदन में सदस्यों के आचरण की मर्यादा भंग होंने पर वह जनता तक नहीं पहुंचे इसलिए राज्य सरकार भी इसमें ज्यादा रुचि नहीं ले रही है।