विश्व हॉकी लीग फाइनल में जर्मनी से 2-0 से हारी भारतीय टीम

भुवनेश्वर। विश्व हॉकी लीग फाइनल में सोमवार को भी भारतीय टीम का खराब प्रदर्शन जारी रहा। पूल-बी के मैच में जर्मनी ने भारत को 2-0 से हराया। भारतीय टीम अपने पूल में एक भी मैच जीतने में कामयाब नहीं हो सकी। भारतीय टीम इससे पहले इंग्लैंड से भी हारी थी, जबकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उसका मुकाबला ड्रॉ रहा था।
भारत ने एक अंक के साथ पूल-बी में सबसे निचला स्थान प्राप्त किया। प्रशंसकों को उम्मीद थी कि भारतीय टीम जबर्दस्त खेल दिखाएगी, लेकिन उनकी उम्मीदों पर बहुत जल्द ही पानी फिर गया। दूसरे क्वार्टर में 17वें मिनट में ही जर्मनी के कप्तान मार्टिन हैनर ने गोल करके अपनी टीम को 1-0 से बढ़त दिला दी।
इसके बाद मैट्स ग्रैमबच ने 20वें मिनट में गोल करके जर्मनी की बढ़त को 2-0 कर दिया। जर्मनी के खिलाड़ियों ने पहले क्वार्टर से ही भारतीय टीम पर दबाव बनाना शुरू कर दिया था, लेकिन किसी तरह से भारतीय टीम उनका सामना करने में सफल रही।
पहला क्वार्टर भारत ने कड़े संघर्ष के साथ गोलरहित कराया। जर्मनी ने दूसरे क्वार्टर की शुरुआत में ही मौका पाया और हैनर ने पेनाल्टी कॉर्नर को गोल में तब्दील कर दिया। इसके कुछ मिनट बाद ही ग्रैमबच ने भारत के बीरेंद्र लाकरा को छकाते हुए शानदार गोल कर डाला।
भारतीय टीम को मैच में कुछ अच्छे मौके भी मिले, लेकिन जर्मनी के गोलकीपर टोबियास वाल्टर के शानदार प्रदर्शन से ये गोल में तब्दील नहीं हो सके। वाल्टर ने पहले मनदीप सिंह के शॉट को रोका, तो बाद में आकाशदीप सिंह के शॉट को नेट तक नहीं पहुंचने दिया।
जर्मन गोलकीपर ने दूसरे क्वार्टर के आखिरी तीन मिनट में तीन सफल बचाव किए। इसके बाद गुरजंट सिंह के दो शॉट को उन्होंने दो बार रोका। भारत को इसके कुछ देर बाद ही पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन वाल्टर के रहते रुपिंदर पाल सिंह इसको गोल में नहीं बदल सके।
मैच के अंतिम समय में भी भारत को पेनाल्टी कॉर्नर मिला, लेकिन गोल नहीं हो सका और इसी के साथ जर्मनी ने यह मुकाबला अपने नाम कर लिया।