INS कलवरी नौसेना में शामिल, PM बोले- हिंद महासागर में बढ़ेगा दम

भारतीय नौसेना के लिए आज एक ऐतिहासिक दिन है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत में बनी पहली स्कोर्पीन क्लास पनडुब्बी आईएनएस कलवरी को देश के लिए समर्पित किया. इस पनडुब्बी को फ्रांस की मदद से भारत में तैयार किया गया है.

प्रधानमंत्री ने कलवरी के देश का गौरव बताते हुए कहा कि यह मेक इन इंडिया का बेहतरीन उदाहरण है. उन्होंने कहा कि वह कलवरी को सागर (SAGAR) नाम दे रहे हैं, क्योंकि इसका मतलब है क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास (Security And Growth for All in the Region).

इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले तीन सालों में सुरक्षा से जुड़े पूरे ईकोसिस्टम में बदलाव की शुरुआत हो गई है. उन्होंने बताया कि इस साल जम्मू-कश्मीर में 200 से ज्यादा आतंकी मारे गए हैं और वहां पत्थरबाजी की घटनाओं में भी कमी आई है.

पीएम ने कहा कि चाहे समुद्र के सास्ते आतंकवाद हो, तस्करी हो या गैर कानूनी मछली पकड़ना है, इन सभी से लड़ने में भारत महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. अपने भाषण में वन रैंक वन पेंशन का जिक्र करते हुए पीएम ने कहा, “ये हमारा ही कमिटमेंट था जिसके कारण कई दशकों से लम्बित वन रैंक वन पेंशन का वादा हकीकत में बदल चुका है.”

मुंबई में आयोजित इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के राज्यपाल विद्यासागर राव, रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमन, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, एनएसए अजीत डोभाल और फ्रांस के राजदूत एलेक्जेंडर जिग्रल और नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा मौजूद रहे.

2020 तक शामिल होंगी पांच पनडुब्बियां
P-75 प्रोजेक्ट के तहत मुंबई के मझगांव डॉक लिमिटेड में छह स्कोर्पीन पनडुब्बियों का निर्माण किया जा रहा है. उनमें से पहली कलवरी है जिसे आज नौसेना में शामिल किया गया. बाकी पांच 2020 तक नौसेना को सौंप दिए जाएंगे.

भारत के पास फिलहाल केवल 15 सबमरीन हैं, जिनमें से कुछ रूस में बनी किलो क्लास पनडुब्बियां और कुछ जर्मन की एचडीडब्लू सबमरीन है.