एमपी में अटकेगा प्रशासनिक इकाई पुर्नगठन आयोग का काम,1 जनवरी 2025 से नहीं बदली जा सकेंगी प्रशासनिक इकाईयों की सीमाएं

 

जनगणना निदेशालय का मध्यप्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन को फरमान

भोपाल.

राज्य सरकार ने मध्यप्रदेश में संभाग, जिला, अनुविभाग, तहसील और ब्लॉक स्तर पर प्रशासनिक इकाईयों के पुर्नगठन का काम शुरु ही किया है और उधर देशभर में 2025 में कराई जा रही नई जनगणना के चलते मध्यप्रदेश जनगणना निदेशालय ने प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन को पत्र लिखकर कहा है कि एक जनवरी 2025 और उसके बाद मध्यप्रदेश में किसी भी जिला, तहसील, ग्राम एवं नगर आदि प्रशासनिक इकाईयों की सीमा में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकेगा। यदि कोई परिवर्तन करना है तो इसके पहले कर लिया जाए। लेकिन यह परिवर्तन भी महारजिस्ट्रार कार्यालय भारत सरकार गृह मंत्रालय नई दिल्ली को ध्यान में लाने के बाद ही किया जा सकेगा। इस फरमान से प्रदेश में हो रहा प्रशासनिक इकाईयों के पुर्नगठन का काम अटक सकता है।

भारत में दो साल तक चले कोविड के प्रकोप और उसके बाद राज्यों में विधानसभा और लोकसभा चुनावों के कारण 2021 की जनगणना का काम नहीं हो पाया था। भारत के महारजिस्ट्रार कार्यालय भारत सरकार गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार कोविड और चुनावों के कारण वर्ष 2021 में होंने वाली जनगणना के प्रथम चरण का कार्य और उससे जुड़ी क्षेत्रीय गतिविधियों को स्थगित किया गया था। महारजिस्ट्रार कार्यालय द्वारा प्रशासनिक इकाईयों की सीमाओं की फ्रीजिंग 30 जून 2024 तक बढ़ाई गई थी। सभी राज्यों से यह अनुरोध किया गया था कि जिला, तहसील, ग्राम और नगर आदि प्रशासनिक इकाईयों की सीमाओं में यदि कोई परिवर्तन प्रस्तावित है तो उसे तीस जून 2024 तक अंतिम रुप दे दिया जाए। प्रशासनिक इकाईयों की सीमा में परिवर्तन का कार्य इस तारीख तक अनिवार्य रुप से करने के निर्देश दिए गए थे। अब जनगणना निदेशालय 2025 में पंद्रह साल बाद फिर जनगणना क राने जा रहा है। इसके लिए अब प्रशासनिक इकाईयों की सीमाओं की फ्रीजिंग दिनांक बढ़ाकर एक जनवरी 2025 की गई है।

मध्यप्रदेश में जनगणना निदेशालय की निदेशक भावना वालिम्बे ने मुख्य सचिव अनुराग जैन को पत्र लिखकर महारजिस्ट्रार कार्यालय भारत सरकार गृह मंत्रालय के निर्देशों का हवाला देते हुए कहा है कि मध्यप्रदेश में प्रशासनिक इकाईयों की सीमाओं में परिवर्तन की अनुमति देने संबंधी ऐसे निर्देश जारी करने का कष्ट करे कि मध्यप्रदेश में 31 दिसंबर 2024 तक ही राज्य की प्रशासनिक इकाईयों की सीमाओं में परिवर्तन की अनुमति दी जाए। ताकि एक जनवरी 2025 से प्रशासनिक इकाईयों की सीमाओं को फ्रीज किया जा सके।

उन्होंने मुख्य सचिव को कहा है कि शासन के समस्त संबंधित विभागों को इस संबंध में निर्देश जारी किए जाए कि राज्य की समस्त प्रशासनिक इकाईयों जैसे जिला, तहसील, राजस्व ग्राम, वन ग्राम,नगरीय निकाय एवं उनके वार्डो की सीमाओं को परिवर्तित करने का काम 31 दिसंबर 2024 तक आवश्यक रुप से पूरा कर लिया जाए। साथ ही यह भी कहा गया है कि इस अवधि में भी प्रशासनिक सीमाओं में कोई परिवर्तन होता है तो इस संबंध में क्षेत्राधिकार परिवर्तन संबंधी आदेश, अधिसूचनाओं की एक प्रति जनगणना कार्य निदेशालय को भी उपलब्ध कराने का कष्ट करें।

कांग्रेस चाहती है जातिगत जनगणना-

राजनीतिक दल कांग्रेस चाहता है कि जातिगत आधार पर जनगणना हो। हालाकि केन्द्र स्तर पर अभी यह फाइनल नहीं है। यदि यह होता है तो इसमें और ज्यादा समय लगेगा।

प्रशासनिक इकाई पुनर्गठन के लिए एमपी में केवल दो संभागों की बैठक-

मध्यप्रदेश सरकार राज्य में संभाग, जिला, अनुभाग, तहसील, ब्लॉक स्तर पर प्रशासनिक इकाईयों की सीमाओं का युक्तियुक्त करण करना चाहती है। इसके लिए मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुर्नगठन आयोग में सेवानिवृत्त आईएएस मनोज श्रीवास्तव को सदस्य बनाया गया है। हालाकि आयोग में तीन सदस्य होंना है और इन्हीं में से कोई अध्यक्ष बनाया जाएगा। फिलहाल यह काम होना बाकी है। आयोग के सदस्य मनोज श्रीवास्तव अभी प्रशासनिक इकाईयों की सीमाओं में बदलाव के लिए केवल सागर और भोपाल संभाग के अधिकारियों के साथ प्रारंभिक बैठक कर पाए है। 55 जिलों और इनके अंतर्गत आने वाली तहसील, अनुभाग और ब्लॉकों की सीमाओं को बदलने के लिए प्रशासनिक, राजनीतिक दलों के जनप्रतिनिधि, आमजन, गणमान्य नागरिक, वकील, एनजीओ सहित कई स्तरों पर चर्चा के बाद ही सीमाओं में परिवर्तन हो सकेगा। आयोग अपनी अनुशंसा करेगा। राजस्व विभाग इन्हें अध्ययन और परीक्षण करने के बाद गजट नोटिफिकेशन कर आमजन से दावे आपत्ति बुलाएगा और फिर इसका अंतिम प्रकाशन होगा तब प्रशासनिक इकाईयों की सीमाओं में परिवर्तन हो सकेगा। लेकिन जनगणना निदेशालय के फरमान के कारण मध्यप्रदेश प्रशासनिक इकाई पुर्नगठन आयोग के कार्य में व्यवधान आ सकता है या फिर उनकी अनुशंसाओं पर जनगणना का काम पूरा होंने के बाद विचार किया जाएगा।