नई निर्यात नीति में हर साल दो करोड़ प्रति इकाई निर्यात भाड़ा देगी सरकार

भोपाल।मध्यप्रदेश में उद्योग लगाने वाले उद्योगपति अपने उत्पाद विदेशों में निर्यात कर अच्छा मुनाफा कमा सके इसके लिए कैबिनेट ने आज नई निर्यात नीति और लाजिस्टिम नीति को भी मंजूरी दे दी। नई निर्यात नीति में फैक्ट्री परिसर से बंदरगाह, एयरकार्गो, अंतरराष्टीय सड़क मार्ग तक माल ले जाने के लिए होंने वाले खर्च का पचास प्रतिशत याने दो करोड़ रुपए प्रति इकाई प्रतिवर्ष अधिकतम दो करोड़ रुपए की मदद देने का प्रावधान किया गया है।पर्यटन नीति में भी बदलाव कर इसे और अधिक आकर्षित बनाया गया है।
प्रदेश में निर्यातकों की संख्या बढ़ाने के लिए लाई गई नई निर्यात नीति में पहली बार निर्यात करने वालों को पंजीकरण सह सदस्यता प्रमाणन की प्रतिपूर्ति दस लाख रुपए तक की जाएगी। निर्यात बीमा प्रीमियम में 25 लाख रुपए तक प्रतिपूर्ति की जाएगी। निर्यात अधोसंरचना सहायता के तहत परीक्षण प्रयोगशाला, अनुसंधान और विकास केन्द्र, निर्यात इन्क्यूबेशन केन्द्र पर किए गए खर्च कर 25 प्रतिशत अर्थात एक करोड़ रुपए तक और निर्यात टर्नओवर सहायता में पांच वर्षो तक दो करोड़ की मदद इन्क्रीमेंटल फ्री आॅनबोड वूल्यू का दिया जाएगा। निर्यात विरणन हेतु अंतराष्टÑीय व्यापार मेलों, प्रदर्शनी, क्रेता विक्रेता सम्मेलन की बैठकों में भाग लेने किए गए खर्च का 75 प्रतिशत अधिकतम पांच लाख रुपए प्रतिवर्ष, निर्यात ग्रीन दस्तावेज सहायता के तहत बीस लाख रुपए प्रति इकाई पांच वर्ष तक, निर्यात वित्तीय सहायता के तहत पांच प्रतिशत ब्याज अनुदान पांच वर्ष तक अधिकतम पचास लाख, निर्यात विकास संवर्धन सहायता में फर्नीचर, ट्रांसपोर्ट पर खर्च और इलेक्ट्रानिक्स, मशीनरी, एप्लाएसेंस पर फ्री आॅनबोर्ड वेल्यू का पांच प्रतिशत अधिकतम तीस लाख रुपए प्रतिवर्ष पांच वर्ष तक दिया जाएगा। डेडीकेटेड एक्सपोर्ट पार्क्स डेवलपर्स को मदद के रुप में सौ प्रतिशत स्टांप शुल्क एवं पंजीकरण कामन प्रोसेसिंग फेसेलिटी, हरित उद्योगीकरण हेतु क्रमशह 25 करोड़ और दस करोड़ की सहायता की जाएगी। अधोसंरचना विकास हेतु बीस लाख रुपए प्रति एकड़ तक मदद दी जाएगी।
इसके अलावा 2016 में जारी पर्यटन नीति जिसमें वर्ष 2019 में संशोधन किया गया था उसके कुछ प्रावधानों में नीति क्रियान्वयन के लिए संशोधन करने पर भी कैबिनेट में चर्चा की गई। लोक निर्माण एवं जलसंसाधन विभाग के पूंजीगत कार्यो के वित्तीय प्रबंधन हेतु वित्तीय वर्ष 2024-25 में सूचकांक में इजाफा करने पर कैबिनेट में चर्चा की गई। वर्ष 2025-26 के लिए बजट अनुमान पर भी कैबिनेट में चर्चा की गई। राज्य शासन के लिए नवीन ट्विन मिड साइज हेलीकॉप्टर खरीदने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में चर्चा की गई। खाद्य विभाग की ओर से मध्यप्रदेश सिटी गैस डिस्ट्रीब्यूशन सीजीडी पॉलिसी नेटवर्क विकास एवं विस्तार नीति लागू करने के प्रस्ताव पर भी कैबिनेट में मंथन हुआ। मध्यप्रदेश में पूर्व में जारी मध्यप्रदेश में पंप हाइड्रो स्टोरेज परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु योजना के स्थान पर नई योजना लागू किए जाने पर भी चर्चा की गई। शिवपुरी स्थित शासकीय हवाई पट्टी को भारत सरकार की आरसीएस उड़ान के तहत विकास एवं विस्तार औ राज्य शासन की ओर से भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण द्वारा हवाई सेवायें संचालित करने हेतु निष्पादित एग्रीमेंट के संबंध में अनुसमर्थन तथा भूमि अधिग्रहित करने तथा मुआवजा राशि के भुगतान के प्रस्ताव पर भी चर्चा की गई।
मध्यप्रदेश कर्मचारी चयन मंडल भोपाल द्वारा आयोजित समूह तीन उपयंत्री सिविल, मानचित्रकार, समयपाल एवं समकक्ष पदों पर भर्ती के लिए संयुक्त भर्ती परीक्षा2022 के परिणाम की प्रतीक्षा सूची की वैद्यता के संबध में भी मंत्रिपरिषद में चर्चा की गई।
मध्यप्रदेश की लाजिस्टिक नीति को मंजूरी, 75 करोड़ तक मदद
भोपाल।
मध्यप्रदेश की नई लॉजिस्टिक नीति को भी कैबिनेट ने मंजूरी दे दी। इसके तहत सरकार पांच वर्षो में 567 करोड रुपए खर्च करेगी। इसमें लाजिस्टिक पार्क में लाजिस्टिक और वेयरहाउस अधोसंरचना लाजिस्कि पार्क, मल्टी मॉडल, लाजिस्टिक पार्क एवं इंलैड कंटेनर डिपो, ड्रायपोर्ट के निर्माण के लिए 25 एकड़ से 75 एकड़ तक बनाने पर पचास करोड़ की मदद दी जाएगी। वहीं 75 एकड़ से अधिक जमीन पर पार्क विकसित करने पर 75 करोड़ तक की सहायता सरकार देगी। इसमें एप्रोच रोड 12 और 18 मीटर तक रखना होगा।
प्राइवेट फ्रीट टर्मिनल, गति शक्ति कार्गो टर्मिनल, कंटेनर फ्रीट स्टेशन एवं एयर फ्रीट स्टेशन, एयर कार्गो कांपलेक्स बनाने पर पांच से दस एकड़ जमीन पर दस करोड़ के निवेश पर पांच करोड़,दस से पचास एक़ जमीन पर पचास करोड़ के निवेश पर पंद्रह करोड़ और पचास एकड़ से अधिक जमीन पर सौ करोÞड निवेश पर 25 करोड़ रुपए तक की मदद सरकार करेगी। आईजीबीसी ग्रीन लाजिस्टिक पार्क और गोल्ड एवं प्लेटिनम प्रमाणन के लिए वेयर हाउस सर्टिफिकेशन हेतु बीस लाख, बाहय सड़क, रेल अधोसंरचना विकास के लिए पांच करोड़ मदद दी जाएगी। सामान्य प्रोत्साहन तक लाजिस्टिक हब पार्क की स्थापना के लिए जमीन खरीदी पर सौ प्रतिशत स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में छूट दी जाएगी। अधिकतम सीमा पांच करोड़ होगी। भूमि आवंटित करने का प्रावधान भी कलेकटर गाइड लाइन अनुसार होगा। ग्रैर वित्तय सहायता भी देंगे। इसमे एक्जिम कार्गो के लिए ग्रीन चैनल विकास, फास्ट ट्रेक भवन अनुमति, सिंगल विंडो, ग्राउंड कवरेज में रियायत, फलोर एरिया में रियायत प्रशिक्षित कार्यबल भी दिया जाएगा।