एमपी में बीस लाख अपात्रों गरीबों का राशन बंद: आयकरदाता, कंपनी संचालक, जीएसटी भरने वाले और नाबालिग ले रहे थे राशन

– अठारह हजार आयकरदाता, तेरह सौ जीएटी देने वाले,सात लाख कंपनी संचालक, पंद्रह हजार नाबालिग ले रहे थे राशन
-सरकार की उदारता और अफसरों की लापरवाही से हो रही थी गड़बड़ी
विकास तिवारी, भोपाल
एमपी सरकार गरीबों को लेकर बेहद उदार है इसीलिए मैदानी अफसर भी इनके मुफ्त और सस्तें राशन को बंद करने में ज्यादा सख्ती नहीं करते। हालत यह है कि प्रदेश के 55 जिलों में आयकर चुकाने वाले, जीएसटी का भुगतान करने वाले, कंपनियों का संचालन करने और कंपनियों में डायरेक्टर यहां तक की नाबालिग बच्चों और मृतकों के नाम पर भी हर माह करोड़ों रुपए का राशन बट रहा था। अब ऐसे बीस लाख लोगों को राज्य सरकार की मुफ्त और रियायती राशन योजना से बाहर कर दिया गया है। उनके स्थान पर अब गरीबी रेखा की सूची में शामिल बीपीएल और अतिगरीब परिवारों के नाम राशन की सूची में जोड़े जाएंगे और उन्हें हर माह मुफ्त और रियायती राशन दिया जाएगा
सूत्रों के मुताबिक प्रदेश में छह माह से राशन नहीं लेने वाले परिवारों की जांच की जा रही है। इसके अलावा जिनके आधार नंबर लिंक नहीं है या जिनकी शिकायत है उनकी जांच की जा रही है। इस जांच के दौरान चौकाने वाली जानकारी सामने आई है। प्रदेश में अठारह हजार लोग आयकर चुका रहे थे और सरकार से हर माह मुफ्त, रियायती राशन भी ले रहे थे। बड़ी बड़ी कंपनियों का संचालन कर रहे सात लाख लोग भी सरकार से गरीबों को मिलने वाला राशन ले रहे थे।
पच्चीस लाख रुपए का कारोबार कर जीएसटी का भुगतान करने वाले तेरह सौ लोग सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन ले रहे थे।   कंपनियों में डायरेक्टर बने हुए एक लाख 57 हजार लोग भी सरकार से हर माह मुफ्त और रियायती राशन ले रहे थे। अठारह वर्ष से कम उम्र वाले पंद्रह हजार बालक भी परिवार बताकर एकल परिवार के रुप में अलग से हर माह राशन ले रहे थे। कई जगह मृतकों के नाम पर राशन लिया जा रहा था। अब ऐसे बीस लाख लोगों का राशन अब राज्य सरकार बंद करने जा रही है। इनके स्थान पर जरुरतमंद वास्तविक गरीबों और अतिगरीबों का नाम पात्रता सूची में जोड़कर उन्हें राशन दिया जाएगा।
वर्जन
-प्रदेशभर में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत गरीब और अतिगरीब परिवारों को दिए जाने वाले राशन के हितग्राहियों की व्यापक पैमाने पर जांच की जा रही है। इसमें मृतकों और अपात्रों को हटाने की कार्यवाही की जा रही है। इनकी जगह पात्र लोगों के नाम जोड़कर उनको पीडीएस के राशन का लाभ दिया जाएगा।
-कर्मवीर शर्मा, आयुक्त सह संचालक खाद्य