पीएम मोदी के हाथों MP से होगा स्वस्थ नारी सशक्त नारी अभियान का आगाज

नीलिमा तिवारी

(गजानंद फीचर सर्विस)

मध्यप्रदेश में डबल इंजन वाली भाजपा सरकार महिला सशक्तिकण पर फोकस कर रही है। मध्यप्रदेश सरकार बेटियों के लिए इतनी योजनाएं चला रही है कि अब मध्यप्रदेश में बेटी होना अभिशाप नही बल्कि वरदान साबित हो रहा है। मध्यप्रदेश में बेटियों के जन्म से लेकर उनकी पढ़ाई, विवाह, स्वरोजगार से जोड़ने तक कई योजनाएं संचालित की जा रही है। नारी सशक्तिकरण के नव प्रतिमान गढ़ते मध्यप्रदेश ने सफलता की अनेकों कहानियां लिखकर राष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान बनाई है। राज्य सरकार द्वारा किये जा रहे सतत प्रयासों ने महिलाओं को स्वाबलंबी और आत्मनिर्भर बनाया है। मध्यप्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य है, जिसने शासकीय सेवाओं में महिलाओं के आरक्षण को 33 प्रतिशत से बढ़ा कर 35 प्रतिशत किया है। साथ ही पंचायत एवं नगरीय निकाय निर्वाचन में 50 प्रतिशत आरक्षण की व्यवस्था लागू की है। उद्यमी महिलाओं को राज्य सरकार 2 प्रतिशत ब्याज दर से ऋण भी उपलब्ध करा रही है। आजीविका मिशन के माध्यम से पचास लाख से अधिक महिलाओं को स्व-रोजगार से जोड़ा गया है।

राज्य सरकार के वादों और इरादों में कोई अंतर नहीं है। राज्य सरकार ने माता-बहनों और बेटियों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए नित नई योजनाएं चलाई हैं, जिनके परिणाम उत्साह बढ़ाने वाले हैं। इन प्रयासों के चलते ही मध्यप्रदेश में महिलाएं अब मजबूर नहीं बल्कि मजबूत होकर उभरी हैं। बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, लाड़ली लक्ष्मी योजना, लाड़ली बहना योजना, सीएम कन्या विवाह और सीएम कन्या निकाह योजना, गांव की बेटी और प्रतिभा किरण जैसी कई योजनाओं ने मध्यप्रदेश में महिलाओं को और अधिक सशक्त बनाने का काम किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प से सिद्धि के मंत्र को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आत्मसात करते हुए लाड़ली बहनों को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए दिन-रात एक कर दिए हैं। उनके सफल प्रयासों की सफलताओं के नवांकुर आज राज्य को अलंकृत कर रहे हैं। महिलाओं को मजबूर से मजबूत बनाने का अभियान आज उनके सशक्त और आत्मनिर्भरता की कहानी उनकी जुबानी कह रहा है। देश के कई राज्यों ने महिला सशक्तिकरण को लेकर मध्यप्रदेश द्वारा उठाए गए कदमों को सराहा है और अपने राज्यों में लागू भी किया है।

 

नारी स्वस्थ होगी तो पूरा परिवार स्वस्थ होगा, सशक्त होगा। इसी को ध्यान में रखते हुए मध्यप्रदेश में स्वस्थ नारी- सशक्त परिवार अभियान शुरु किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वयं इसी माह 17 सितंबर को मध्यप्रदेश से ही राष्ट्रीय स्तर पर इस अभियान की शुरुआत करने जा रहे है। यह अभियान दो अक्टूबर तक चलने वाला है। मध्यप्रदेश में अभियान संचालित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक तैयारी की है । लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव संदीप यादव ने अभियान के संचालन के लिए सभी जिला कलेक्टरों एवं मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।

अभियान को महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहे पोषण माह की गतिविधियों के अभिसरण व समन्वय से आयोजित किया जाएगा। इस दौरान आयुष्मान आरोग्य मंदिरों एवं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर स्वास्थ्य एवं पोषण शिविर तथा विशेषज्ञ चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाएगा। साथ ही स्वैच्छिक रक्तदान शिविर भी आयोजित लगाए जाएंगे।

अभियान में मुख्य रूप से महिलाओं के स्वास्थ्य एवं पोषण पर आधारित गतिविधियां सम्मिलित की गई है, जिसका उद्देश्य मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार , किशोरियों में पोषण व एनीमिया के प्रति जागरूकता को बढ़ाना, उच्च रक्तचाप, मधुमेह, कैंसर, एनीमिया एवं सिकल सेल रोगों तथा क्षय रोग कुष्ठ रोग की स्क्रीनिंग किया जाना है। इस अभियान में समुदाय की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित कर जन आंदोलन के रूप में आयोजित किया जाएगा। इस अभियान से जनप्रतिनिधियों को भी जोड़ा जा रहा है। सभी जिलों में जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिकों द्वारा इस अभियान की शुरुआत की जाएगी।

पखवाड़े के दौरान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों एवं सिविल अस्पताल में विशेषज्ञ चिकित्सा शिविर आयोजित किये जाएंगे। जिसमें शासकीय चिकित्सकों के साथ-साथ निजी चिकित्सालयों के विशेषज्ञों की सेवाएं भी स्वैच्छिक आधार पर ली जाएंगी । पखवाड़े में आयुष्मान आरोग्य मंदिरों में स्क्रीनिंग एवं जागरूकता शिविर लगाए जाएंगे। टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत निक्षय मित्रों का चयन कर उनके माध्यम से फूड बास्केट का वितरण करवाया जाएगा। 17 सितंबर को विशेष रक्तदान शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

अभियान में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, आवास एवं नगरीय विकास विभाग , महिला एवं बाल विकास विभाग , स्कूल शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं तकनीकी शिक्षा विभाग, खेल एवं युवा कल्याण विभाग, जनसंपर्क विभाग एवं निजी चिकित्सालयों को भी जोड़कर उनकी मदद ली जा रही है।

लाड़ली बहना योजना के माध्यम से राज्य की सवा करोड़ महिलाओं के बैंक खातों में हर महीने 1250 रुपए की राशि भेजी जा रही है। इसे भविष्य में बढ़ाकर तीन हजार रुपए मासिक किया जाएगा। महिला सशक्तिकरण की यह अनूठी पहल अन्य राज्यों के लिये अनुकरणीय होकर क्रियान्वित की जा रही है। महाराष्ट्र, झारखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, बिहार जैसे राज्यों ने लाड़ली बहना योजना को मील का पत्थर मानते हुए अपनाया है।

अटल बिहारी वाजपेई बाल आरोग्य एवं पोषण मिशन के अंतर्गत राज्य सरकार ने कई योजनाएं बनाई हैं। आंगनबाड़ी केंद्रों में मंगल दिवस मनाए जाते हैं। मुख्यमंत्री बाल आरोग्य संवर्धन कार्यक्रम में एम्स के सहयोग से गंभीर कुपोषित बच्चों की देखभाल की जा रही है। राज्य में लिंगानुपात 927 से बढ़कर 956 हो गया है। बाल विवाह के मामलों में भी काफी कमी आई है।

बेटी बचाओ- बेटी पढ़ाओ राज्य सरकार का ध्येय मंत्र रहा है और इस दिशा में बेटियों को स्कूल जाने के लिए साइकिल और कॉलेज के लिए स्कूटी वितरण का कार्य किया जा रहा है जिससे उनकी शिक्षा की सुविधा में कोई कठिनाई न आए। मध्यप्रदेश सरकार ने ग्रामीण अंचलों में गांव की बेटी योजना और शहरी क्षेत्रों में प्रतिभा किरण योजनाएं शुरु की है। इन योजनाओं के जरिए बारहवी कक्षा प्रथम श्रेणी में उत्तीर्ण छात्राओं को किसी सरकारी या निजी कॉलेज, विवि में स्नातक की पढ़ाई करने के लिए पांच हजार से साढ़े सात हजार रुपए वार्षिक तक की आर्थिक सहायता छात्रवृत्ति के रुप में दी जाती है। राज्य सरकार ने बेटियों को डॉक्टर, इंजीनियर, जेईई, जज, सीए आदि परीक्षाओं की तैयारी का खर्च उठाने का जिम्मा स्वयं ले रखा है ताकि माता-पिता को इसके बोझ तले ना दबना पड़े। मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी योजना में उच्च शिक्षा के लिए मदद की जा रही है। कक्षा 12वीं के बाद स्नातक अथवा व्यवसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने पर बेटियों को राज्य सरकार 25 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दे रही है। कुल मिलाकर लक्ष्य यही है कि प्रदेश की कोई भी बेटी गरीबी के चलते पढ़ाई से वंचित न हो जाए।

महिला सुरक्षा मध्यप्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं में शामिल है। आपातकालीन स्थिति या किसी भी तरह के संकट में उनकी सहायता के लिए राज्य के सभी 57 जिलों में वन स्टॉप केंद्र संचालित हैं। साथ ही हेल्पलाइन नंबर 112 की सेवा प्रदाय की जा रही है। मध्यप्रदेश में महिलाओं को सफल, आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने के लिए मुख्यमंत्री महिला सशक्तिकरण योजना के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं।

महिला सशक्तिकरण को लेकर राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे कार्यक्रमों एवं अभियानों की यह सफलता कही जाएगी कि प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के क्रियान्वयन में मध्यप्रदेश को लगातार 5 साल राष्ट्रीय स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त हुआ है। राज्य सरकार ने महिला अपराधों को रोकने तथा उसे प्रभावी बनाने के उद्देश्य से शौर्य दल बनाए गए हैं, जिसमें 22 लाख महिला एवं बालिकाएं सदस्य बनाई गई है। अब महिलाओं को स्वस्थ और सशक्त बनाने की तैयारी है।

(गजानंद फीचर सर्विस)