केवल सेहत के लिए ही नहीं पर्यटन स्थलों पर सैर-सपाटा भी अब उड़नखटोले से

पर्यटन के साथ बढ़ेगा रोजगार

नीलिमा तिवारी

(गजानंद फीचर सर्विस)

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को न केवल प्रदेश के नागरिकों की सेहत की चिंता है बल्कि वे उज्जैन, ओंकारेश्वर जैसे प्रमुख ज्योर्तिलिंगो, खजुराहों के मंदिरों के शिल्प सौंदर्य,कान्हा, पेंच, बांधवगढ़, कूनों के जंगलों में कुचाल भरते वन्य प्राणियोंं के दर्शन करने भी बिना समय गवाए तेजी के साथ कर सके इसका भी ध्यान है। आम आदमी की सेहत के लिए शुरु की गई पीएम एयर एंबूलेंस गंभीर रुप से बीमार, घायल और पीड़ितों के लिए वरदान साबित हो रही है। वहीं अब उन्होंने प्रदेश के 54 शहरों में स्थित प्रमुख पर्यटन स्थलों को हवाई सर्किट से जोड़कर मध्यप्रदेश के पर्यटन स्थलों पर घूमने आने वाले पर्यटकों, मध्यप्रदेश में निवेश कर रहे उद्योगपतियों, मध्यप्रदेश के धार्मिक, प्राकृतिक, एतिहासिक पर्यटन स्थलों पर रिसर्च करने वाले युवाओं, प्रदेश में निवेश और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए प्रदेश के 54 नगरों और ईको टूरिज्म स्थलों तक त्वरित गति से पहुंचने के लिए सार्वजनिक निजी भागीदारी के जरिए हेलीकॉप्टर परिवहन सेवा शुरु करने का निर्णय लिया है।

मध्यप्रदेश पहला प्रदेश है जहां जरूरतमंद मरीजों को एयर एम्बुलेंस की सुविधा मिलती है। अब तक 17 जिलों के रोगियों को कठिन समय में एयर एम्बुलेंस की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। मध्यप्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं, औद्योगिक हादसों और प्राकृतिक आपदाओं के मरीजों को समय पर तेजी से चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराने के लिए पिछले वर्ष पीएमश्री एयर एंबूलेंस सेवा शुरु की गई थी। इस सेवा के जरिए अब तक सत्रह से अधिक जिलों में गंभीर रोगियों को समय पर उच्च चिकित्सा सुविधाओं से लैस अस्पतालों तक पहुंचकर उनकी जांच बचाई गई है। आयुष्मान कार्डधारकों को अस्पतालों के जरिए यह सुविधा राज्य और राज्य के बाहर नि:शुल्क दी जाती है। आयुष्मान कार्ड न होंने पर राज्य में मुफ्Þत और राज्य के बाहर रियायती दरों पर उपलब्ध कराई जाती है। दुर्घटना और आपदा के मामलों में संभाग के अंदर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी की अनुशंसा पर कलेक्टर संभाग के अंदर और स्वास्थ्य आयुक्त संभाग के बाहर पीड़ित को ले जाने की स्वीकृति प्रदान करते है। मेडिकल कॉलेज में भर्ती गंभीर रोगी या पीड़ि तो संभाग के बाहर डीन की अनुशंसा पर संभागायुक्त और राज्य के बाहर चिकित्सा शिक्षा संचालक स्वीकृति देते है। मुश्किल वक्त में यह सुविधा काफी महंगी होती है और गरीबों को संबल स्वरूप राज्य सरकार ने एयर एम्बुलेंस की सेवा शुरू की है, जिसके अंतर्गत हवाई पट्टी वाले क्षेत्रों में एयर एम्बुलेंस का उपयोग हो रहा है। मरीजों को हेलीकॉप्टर द्वारा एयर लिफ्ट कर अस्पताल पहुंचाया जा रहा है। यह सेवा राज्य के नागरिकों के लिए एक अत्यंत उपयोगी और जीवन रक्षक सुविधा बन चुकी है।

मुख्यमंत्री न केवल आम आदमी की सेहत के लिए फि क्रमंद है बल्कि प्रदेश के निवेश बढ़े, रोजगार बढ़े, यहां आने वाले उद्योपतियों को त्वरित आवागमन की सुविधा मिले, पर्यटन स्थलों पर पर्यटक बढ़े, इससे रोजगार बढ़े। नये उद्योग लगाने वालों को सुविधाएं मिलेगी, प्रदेश में निवेश बढ़ेगा तो रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। प्रदेश के धार्मिक, एतिहासिक और प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर प्रमुख पर्यटन स्थलों की सैर भी अब सरकार उड़नखटोले से कराने जा रही है। पिछले साल जून में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पीएमश्री पर्यटन वायु सेवा का शुभारंभ किया था। प्रदेश के आठ शहरों भोपाल, इंदौर, जबलपुर, रीवा, उज्जैन, ग्वालियर, सिंगरौली और खजुराहो को हवाई सेवा के माध्यम से जोड़ने की शुरुआत की गई थी। पहली फ्लाईट भोपाल से जबलपुर रीवा होते हुए सिंगरौली के लिए शुरु की गई थी। इसके बाद 15 जून को ग्वालियर और 16 जून को उज्जैन को हवाई सेवा से जोड़ा गया था। सोलह जून को पीएमश्री धार्मिक पर्यटन हेली सेवा शुरु की गई थी। इस हेलीकॉप्टर सेवा से दो विश्व प्रसिद्ध ज्योर्तिलिंगों ओंकारेश्वर और महेश्वर को भोपाल और इंदौर से जोड़ा गया था। अब प्रदेश के पूरे 54 शहरों को हवाई यातायात से जोड़ने के लिए यहां हेलीकॉप्टर सेवा शुरु की जा रही है। मध्यप्रदेश में हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराने का उद्देश्य प्रमुख शहरों, धार्मिक स्थलों, राष्ट्रीय उद्यानो और पर्यटक स्थलों के मध्य निजी आॅपरेटर के सहयोग से किफायती एवं स्थायी हेलीकॉप्टर सेवा उपलब्ध कराना है। इस सेवा से यात्रियों, पर्यटकों, व्यवसाइयों, निवेशकों एवं प्रदेश के रहवासियों का प्रदेश में आवागमन सुगम हो सकेगा। इससे प्रदेश के प्रमुख व्यापारिक शहरों एवं पर्यटक स्थलों के बीच व्यवसाय एवं पर्यटन गतिविधियों में अभिवृद्धि होगी और रोजगार के नये अवसरों का सृजन भी होगा।

इस सेवा को शुरु करने के लिए मध्यप्रदेश के पर्यटन बोर्ड ने टेंडर भी जारी कर दिए है और कंपनियों के प्रस्ताव भी आ चुके है। कैबिनेट के निर्णय के बाद जल्द ही इनकी शुरुआत हो सकेगी। शुरुआत में इन सेवाओं का संचालन करने वालों को घाटा न हो इसके लिए संचालक एजेंसी को 75 हजार से एक करोड़ तक बायबिलिटी गैप फंडिंग भी सरकार करेगी। प्रदेश के सभी हवाई अड्डों, हवाई पट्टियों के बीच निजी आॅपरेटर चुने हुए स्थलों के बीच हेलीकॉप्टर सेवा का संचालन करेंगे। तीन सेक्टर इसके लिए बनाए गए है। यहां सिंगल या डबल इंजन वाले न्यूनतम छह सीटर हेलीकॉप्टर चलाए जाएंगे।

इसके जरिए उज्जैन और ओंकारेश्वर स्थित देश के दो प्रमुख ज्योर्तिलिंगो, खजुराहों के मंदिरों के शिल्प सौंदर्य,कान्हा, पेंच, बांधवगढ़, कूनों के जंगलों में कुचाल भरते वन्य प्राणियोंं के दर्शन और प्रमुख औद्योगिक, धार्मिक शहरों तक उड़नखटोले से पर्यटकों, आमजन की तेज और सुगम पहुंच सुनिश्चित करेगी।

हैलीकॉप्टर का संचालन क रने के लिए राज्य सरकार ने तीन सेक्टर बनाए है। सेक्टर-1 में इंदौर, उज्जैन, ओंकारेश्वर, मांडू, महेश्वर, गांधीसागर, मंदसौर, नीमच, हनुवंतिया, खंडवा, खरगौन, बुरहानपुर, बड़वानी, अलीराजपुर, रतलाम, झाबुआ, नलखेड़ा, भोपाल और जबलपुर शामिल होंगे। सेक्टर-2 में भोपाल, मढ़ई, पचमढ़ी, तामिया, छिंदवाड़ा, सांची, इंदौर, दतिया, दमोह, ग्वालियर, शिवपुरी, कूनो (श्योपुर), ओरछा, गुना, राजगढ़, सागर, होशंगाबाद, बैतूल, टीकमगढ़ और जबलपुर शामिल होंगे। वहीं सेक्टर-3 में जबलपुर, बांधवगढ़, कान्हा, चित्रकूट, सरसी, परसिली, मैहर, सतना, पन्ना, खजुराहो, कटनी, रीवा, सिंगरौली, अमरकंटक, सिवनी, सीधी, मंडला, पेंच, डिंडौरी, भोपाल और इंदौर के बीच हेलीकाप्टर सेवा का संचालन किया जायेगा। उम्मीद है प्रदेश में हेलीकॉप्टर सेवा शुरु होंने से न केवल पर्यटकों और उद्योगपतियों को प्रदेश के धार्मिक, एतिहासिक और प्राकृतिक पर्यटन स्थलों का भ्रमण कम समय करने में मदद मिलेगी बल्कि इनके जरिए प्रदेश के युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।

(गजानंद फीचर सर्विस)