मध्यप्रदेश की नई लोक सेवा परिवहन सेवा में एआई से लैस होगा सुरक्षित सफर

  

नीलिमा तिवारी

(गजानंद फीचर सर्विस)

मध्यप्रदेश में सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक और सुरक्षित बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया जा रहा है। अगले वर्ष अप्रैल से जून के बीच इंदौर से शुरू होने जा रही राज्य सरकार की नई लोक सेवा परिवहन व्यवस्था अब तकनीक, सुविधा और सुरक्षा का ऐसा संयोजन लेकर आ रही है, जिसकी देशभर में मिसाल नहीं मिलती। यह पहली बार है जब प्रदेश की सरकारी बसें इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम (ITMS) से पूरी तरह लैस होंगी।

यात्रियों के लिए बड़ी सुविधा: ऑनलाइन टिकट पर 5 से 10 प्रतिशत की छूट

नई परिवहन सेवा में ऑनलाइन टिकट खरीदने वाले यात्रियों को विशेष लाभ मिलेगा।

ऑनलाइन बुकिंग पर 5 से 10 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी।

यात्री मोबाइल एप या ऑनलाइन पोर्टल से अपनी यात्रा की योजना बना सकेंगे,

बस का आगमन समय देख सकेंगे,

सीट आरक्षित कर सकेंगे,

और डिजिटल भुगतान कर सकेंगे।

बस स्टॉप पर भी ऑनलाइन टिकटिंग उपलब्ध होगी। भुगतान के लिए यूपीआई, गूगल पे और अन्य डिजिटल माध्यम जोड़े जा रहे हैं।

ऑनलाइन पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम से यात्री को सीट उपलब्धता, टिकट बुकिंग और किराया भुगतान समेत सभी सेवाएँ एक ही प्लेटफॉर्म पर मिलेंगी। एक ऑटोमैटिक फेयर कलेक्शन सिस्टम भी लागू किया जा रहा है, जिससे पूरे प्रदेश में टिकटिंग और किराया संग्रह की व्यवस्था एकसमान होगी।

यात्री सुरक्षा में बड़ा बदलाव: ड्राइवर की हर गतिविधि पर एआई की नजर

नई लोक सेवा परिवहन का सबसे मजबूत पक्ष यात्री सुरक्षा है। बसों में लगे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आधारित कैमरे ड्राइवर की हर गतिविधि की निगरानी करेंगे।

यदि ड्राइवर नशे में होगा,

फोन पर बात करेगा,

या झपकी लेगा,

तो कैमरा तुरंत इसे पहचानकर स्टेट कंट्रोल एंड कमांड सेंटर को अलर्ट भेज देगा। वहां से तुरंत बस स्टाफ से संपर्क कर आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

इस तकनीक का उद्देश्य किसी भी संभावित दुर्घटना को समय रहते रोकना और यात्रियों को अधिकतम सुरक्षा देना है।

बसें बनेंगी हाई-टेक: रियल-टाइम लोकेशन से लेकर ओवरलोडिंग रोकथाम तक

हर वाहन को ऑटोमैटिक व्हीकल लोकेशन सिस्टम (AVLS) से लैस किया जाएगा। इससे:

बस की रियल-टाइम लोकेशन,

सही मार्ग पर चलना,

बीच रास्ते से न लौटना,

ओवरलोडिंग रोकना,

और अनियंत्रित गति की रोकथाम

जैसी गतिविधियों की सतत निगरानी संभव होगी।

इसके अलावा, वाहन इंसीडेंस मैनेजमेंट सिस्टम घटनाओं, उल्लंघनों और संचालन संबंधी गतिविधियों पर नियंत्रण रखेगा।

हर स्टॉप पर मिलेगी अपडेटेड जानकारी

पैसेंजर इंफॉर्मेशन सिस्टम के माध्यम से यात्रियों को बसों के आगमन समय, संभावित देरी, मार्ग और अन्य सूचनाएँ रियल-टाइम में उपलब्ध होंगी। इससे प्रतीक्षा समय कम होगा और यात्रा अधिक व्यवस्थित हो सकेगी।

निजी ऑपरेटर भी होंगे शामिल: परमिट प्रणाली पूरी तरह डिजिटल

नई सेवा के तहत परिवहन विभाग स्वयं परमिट लेगा, और राज्यभर में बस संचालन के लिए निजी ऑपरेटरों से अनुबंध किया जाएगा।

डिजिटल परमिट मैनेजमेंट सिस्टम से:

किस रूट पर परमिट रिक्त है,

कौन-सा परमिट किसे मिला,

अनुपालन और उल्लंघन की स्थिति,

परमिट रद्द करने की प्रक्रिया

सब कुछ ऑनलाइन दिखेगा। इससे पारदर्शिता और जवाबदेही दोनों बढ़ेंगी।

एआई आधारित चैटबॉट और शिकायत निवारण प्रणाली

यात्रियों के लिए एक वार्तालाप आधारित एआई चैटबॉट भी विकसित किया जा रहा है। इससे:

स्वयं सेवा सुविधा,

सेवा की जानकारी,

ऑनलाइन शिकायत निवारण

तेज और प्रभावी तरीके से किया जा सकेगा।

वीडियो ऑडिट एंड विजिलेंस सिस्टम के माध्यम से बस में यात्रियों की संख्या, टिकट ऑडिट और सतर्कता जांच भी स्वचालित तरीके से होगी।

अंतिम मील कनेक्टिविटी भी होगी मजबूत

IPT बुकिंग सिस्टम के माध्यम से ऑटो, टैक्सी और अन्य अंतिम-मील सेवाओं को एक ही मंच पर जोड़ा जाएगा, ताकि यात्री बस से उतरकर आसानी से अगले वाहन तक पहुंच सकें।

अत्याधुनिक तकनीक के साथ एक सुरक्षित और आधुनिक परिवहन का नया दौर

मध्यप्रदेश की यह नई लोक सेवा परिवहन योजना न केवल डिजिटल टिकटिंग और सुविधा का विस्तार करती है, बल्कि एआई आधारित सुरक्षा, वास्तविक समय निगरानी और पारदर्शी परमिट व्यवस्था के साथ देश में सुरक्षित और आधुनिक सार्वजनिक परिवहन का नया मॉडल पेश करती है।

अप्रैल से जून के बीच शुरू होने वाली यह सेवा यात्रियों को न सिर्फ़ तेज, सुविधाजनक और सस्ती यात्रा देगी, बल्कि यह सुनिश्चित भी करेगी कि उनका सफर सुरक्षित और भरोसेमंद हो।