अरुणिमा सिन्हा मामले में बोले मंत्री, कहा- इस मुद्दे पर नहीं होनी चाहिए बहस

मध्य प्रदेश के उज्जैन में पर्वतारोही दिव्यांग अरुणिमा सिन्हा के साथ महाकाल मंदिर में हुए दुर्व्यवहार के मामले में विश्वास सारंग का कहना है कि महाकाल मंदिर के मुद्दे पर बहस नहीं होनी चाहिए.
सहकारिता मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि अरुणिमा से उनकी इस मामले पर चर्चा हुई, जिसमें अरुणिमा ने खुद भी उनसे कहा कि इस मामले में विवाद नहीं होना चाहिए. विश्वास सारंग ने कहा कि ये वही महाकाल मंदिर है जहां सिंहस्थ के समय लाखों श्रद्धालुओं ने एक साथ दर्शन किए थे.
सारंग के मुताबिक हर मंदिर की अपनी परंपराएं होती हैं, हर मंदिर की अपनी आचार संहिता होती है जिसके तहत दर्शनों के नियम होते हैं. अरुणिमा तो खुद वहां होकर आई हैं जहां शिव जी निवास करते हैं, ये मुद्दा ऐसा नहीं है जिसपर इतना विवाद हो.
उन्होंने कहा कि सरकार दिव्यांगों को लेकर हर तरह से गंभीर है. सारंग के मुताबिक अरुणिमा के भाव को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है.
बता दें कि, माउंट एवरेस्ट पर तिरंगा फहराने वाली विश्व की पहली दिव्यांग अरुणिमा सिन्हा ने उज्जैन स्थित प्रसिद्ध महाकाल मंदिर में अव्यवस्थाओं का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्हें एवरेस्ट पर चढ़ने में इतनी दिक्कत नहीं आई, जितना महाकाल मंदिर के दर्शन करने में आई. उन्होंने कहा, इस मंदिर के सुरक्षा कर्मचारियों एवं मंदिर प्रशासन ने मेरी दिव्यंगता का मज़ाक बनाया
इतना ही नहीं, मामले को लेकर अरुणिमा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को ट्विटर पर लिखा, “आपको ये बताते हुए बहुत दु:ख है कि मुझको एवरेस्ट चढ़ने में इतनी दिक्कत नहीं हुई, जितनी महाकाल मंदिर उज्जैन में हुई. वहां मेरी दिव्यंगता का मजाक बना”