यूं सितारों में बिखर गई ‘चांदनी’…

नई दिल्‍ली । वाकई में जीवन का सबसे बड़ा सच यही है…जो आया है उसे जाना ही है। मगर इस तरह किसी का यूं चले जाना बड़ा अखरता है। खास तौर से किसी अपने का और श्रीदेवी भी तो अपनी ही थीं। हर घर में किसी ना किसी वजूद में उनका अस्तित्‍व रहा था। फिर चाहे वो किसी को देने वाले तानों में हो या तारीफों में। बॉलीवुड की ‘चांदनी’ हर चेहरे पर चमक बिखेर देतीं और अपनी अदायगी से सिनेमाई पर्दे पर हर ‘लम्‍हे’ को यादगार बना देतीं। मगर किसी को क्‍या पता था कि वह इस तरह हमें ‘सदमा’ देकर इस दुनिया से चली जाएंगी।

हालांकि इसमें कोई शक नहीं है कि श्रीदेवी की मौजूदगी हमेशा हमारे बीच बनी रहेगी, चाहे वो किसी भी रूप में ही क्‍याें ना हो। हम सभी के लिए वह एक सितारा थीं और हमेशा रहेगीं…फिर चाहे वह कहीं भी रहें।

चार दशक तक देश के सिने जगत और करोड़ों लोगों के दिलों पर राज करने वालीं श्रीदेवी कपूर (वास्तविक नाम-अम्मा येंगर अयप्पन) का शनिवार रात दुबई में निधन हो गया। वह 54 वर्ष की थीं। उनके निधन से देश में शोक का माहौल है। श्रीदेवी अपने भांजे मोहित मारवाह की शादी में शामिल होने के लिए पति बोनी कपूर और छोटी बेटी खुशी के साथ वहां गई थीं। उनका अंतिम संस्कार सोमवार दोपहर मुंबई के विले पार्ले श्मशान घाट पर होगा। सोमवार सुबह उनका पार्थिव शरीर यहां लाया जाएगा।

बॉथरूम में थम गई सांसें
श्रीदेवी दुबई की होटल एमिरेट्स टावर में ठहरी हुई थीं। शनिवार रात 11 बजे उन्हें डिनर के लिए बाहर जाना था। इससे पहले वह नहाने के लिए बॉथरूम में गई और वहीं उनको कार्डियक अरेस्ट (हृदय गति रूकना) हुआ। उन्हें फौरन राशिद अस्पताल ले जाया गया, लेकिन इससे पहले ही उनकी सांसें थम चुकी थीं। डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषिषत कर दिया। इसके बाद दुबई के सरकारी अस्पताल में पोस्टमार्टम और दूसरी औपचारिकताएं पूरी की गई।

अंबानी के विमान से लाएंगे पार्थिव शरीर
श्रीदेवी की मौत होटल में हुई और वह विदेशी नागरिक हैं इसलिए दुबई पुलिस उनकी मौत की जांच कर रही है। पोस्टमार्टम के साथ ही उनका पासपोर्ट भी रद्द किया जाएगा। श्रीदेवी की पार्थिव देह दुबई से उद्योगपति अनिल अंबानी के जेट विमान से मुंबई लाई जाएगी।

देवर संजय कपूर बोले, नहीं थी दिल की कोई बीमारी
देवर संजय कपूर ने बताया, ‘हम सब स्तब्ध हैं क्योंकि उन्हें किसी भी तरह की दिल की कोई बीमारी नहीं थी।’ संजय रविवार सुबह दुबई पहुंचे।

इन मामलों में पहली श्रीदेवी
– हिंदी सिनेमा में श्रीदेवी पहली अभिनेत्री थी जिनकी वैनिटी वैन थीं।
– तमिल नायिका जिसे शुरआत में हिंदी नहीं आती थी, फिल्मी डॉयलॉग अन्य अभिनेत्रियां बोलती थीं।
– मात्र 4 साल की उम्र में तमिल फिल्म में अभिनय। हिंदी फिल्म जूली में पहली झलक दिखी, फिर सोलवां सावन में अभिनय और हिम्मतवाला से मिली कामयाबी।
– तमिल फिल्म में जयललिता के साथ भी कर चुकी थीं काम।

इन फिल्मों से छाई रहीं बॉलीवुड में
–मवाली (1983), सदमा (1983), तोहफा (1984), मिस्टर इंडिया (1987), चांदनी (1989), नगीना (1986) लम्हे (1991), मॉम (2017)

15 साल सही ‘जुदाई’
1997 में फिल्म ‘जुदाई’ के बाद श्रीदेवी 15 साल तक फिल्मों से दूर रहीं। यानी करीब 15 साल उनके चाहने वालों ने अपनी पसंदीदा अभिनेत्री की जुदाई सही। उन्होंने 2012 में ‘इंग्लिश-विंगलिश’ से वापसी की। 2017 में श्रीदेवी की ‘मॉम’ रिलीज हुई थी। यह उनकी 300वीं फिल्म थी।

शिवाकाशी के अयप्पन परिवार में जन्मीं
– श्रीदेवी का जन्म 13 अगस्त 1963 को तमिलनाडु के शिवाकाशी में हुआ था।
– हिंदी फिल्मों में आने से पहले श्रीदेवी ने तमिल, तेलुगु, कन्नड व मलयालम फिल्में भी की थीं।

‘श्री’ के दम पर सबसे महंगी अदाकारा
– 80 व 90 के दशक में श्रीदेवी अपनी सुंदरता के दम पर बॉलीवुड की सबसे दमकती अदाकारा रहीं।
– इस दौर में वह सबसे महंगी अभिनेत्री थीं। उन्हें बॉलीवुड की पहली महिला सुपर स्टार भी कहा जाता है। उन्हें लेडी अमिताभ भी कहा जाता था।

कराई थी नाक और लिप की सर्जरी
54 की उम्र हो जाने के बाद भी श्रीदेवी के फैशनेबल लुक और स्टाइल के सामने कोई नहीं टिक पाया। पहले श्री ने अपनी नाक की सर्जरी करवाई थी और हाल ही में अपनी खूबसूरती में चार चांद लगाने के लिए लिप सर्जरी कराई। पुरानी तस्वीरों में जहां श्रीदेवी की होंठ हल्के सपाट नजर आ रहे थे, वहीं सर्जरी के बाद श्रीदेवी के होंठ हल्के से सूजे हुए दिखे।

कार्डिएक अरेस्ट नहीं देता संभलने का मौका
– दुबई में श्रीदेवी को कार्डियक अरेस्ट (हृदय गति रकना) हुआ था।
– डॉक्टरों के मुताबिक दरअसल, कार्डिएक अरेस्ट अचानक होता है और शरीर की तरफ से कोई चेतावनी भी नहीं मिलती।
– इसकी वजह आम तौर पर दिल में होने वाली इलेक्टि्रकल गड़बड़ी है, जो धड़कन का तालमेल बिगाड़ देती है।
– इससे दिल की पंप करने की क्षमता पर असर होता है और वो दिमाग, दिल या शरीर के दूसरे हिस्सों तक खून पहुंचाना बंद कर देता है।
– चंद पलों में व्यक्ति बेहोश हो जाता है और नब्ज भी चली जाती है।
– तुरंत उपचार न मिले तो कुछ ही सेकंड या मिनटों में मौत हो जाती है।

दिल के दौरे में इलाज का मिल सकता है मौका
– जब हृदय को रक्त का संचार करने वाली धमनियां अवरद्ध हो जाती हैं तो रक्त का प्रवाह कम या रक जाता है तो दिल का दौरा पड़ता है।
– हार्ट अटैक की दशा में दिल धड़कता रहता है, पीड़ित को सीने में तीव्र दर्द होता है।
– जल्द से जल्द उपचार मिलने पर व्यक्ति की जान बच सकती है।
– यदि ब्लॉकेज कम हो तो दिल के दौरे की दशा में व्यक्ति को अस्पताल ले जाने व जान बचाने का अवसर मिल जाता है।

एहतियात बरतकर करें हृदय रोग से बचाव : डॉ. त्रेहान
ख्यात हृदय रोग विशेषषज्ञ डॉ. नरेश त्रेहान ने श्रीदेवी के निधन पर शोक जताने के साथ देशवासियों को इस रोग से बचाव का बड़ा तरीका ऐहतियात बरतना बताया है। उन्होंने कहा कि जिन परिवारों में आनुवंशिक तौर पर ये रोग होता है, वे और जिन्हें डायबिटीज या ब्लड प्रेशर की समस्या हैं, वे खासतौर से सतर्क रहें। नियमित जीवन शैली, खानपान के तरीकों में सुधार, चिकित्सकों की सलाह से उपचार व रोजाना एक्सरसाइज जैसे ऐहतियाती उपायों से महामारी बन चुके इस रोग से बचा जा सकता है।