US ने PAK को वित्तीय मदद के लिए आतंकवाद से निपटने की शर्तें रखीं

वाशिंगटन। अमेरिका के बजट विधेयक में पाकिस्तान के प्रति सख्ती दिखाई गई है। पाकिस्तान को वित्तीय मदद के लिए आतंकवाद से निपटने की कई शर्तें रखी गई हैं। बजट में संघीय सरकार के लिए 1.3 ट्रिलियन डॉलर (करीब 8463325 करोड़ रुपये) के खर्च में पाकिस्तान को रोकी गई सुरक्षा सहायता को शामिल किया गया है। ट्रंप प्रशासन ने आतंकी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई न करने पर पाकिस्तान को दो अरब डॉलर (करीब 13020 करोड़ रुपये) की सुरक्षा मदद जनवरी में रोक दी थी।
हफ्तों बातचीत के बाद बुधवार रात को 30 सितंबर तक के संघीय सरकार के खर्च को लेकर अमेरिकी सांसदों में सहमति बनी। बजट के लिए तय सीमा से दो दिनों पहले ऐसा हुआ, अन्यथा अमेरिका में एक और शटडाउन का खतरा हो सकता था। 2,232 पन्ने के मसौदा विधेयक में 15 साल में सबसे अधिक सैन्य खर्च का प्रावधान है।
विधेयक के मुताबिक, आतंकवाद रोधी अभियान में समर्थन देने पर ही फॉरेन मिलिट्री फायनेंसिंग प्रोग्राम के तहत पाकिस्तान को मदद दी जाए। साथ ही 3.3 करोड़ डॉलर (करीब 215 करोड़ रुपये) की सहायता रोक दी गई। अमेरिकी विदेश मंत्री द्वारा संसद को डॉ. शकील आफरीदी के रिहा होने और उन पर लगे आरोप वापस लेने की जानकारी देने के बाद ही यह राशि जारी होगी। आफरीदी पर अलकायदा सरगना ओसामा बिन लादेन का ठिकाना बताने में अमेरिका की सहायता करने का आरोप है। विधेयक के लागू होने के 30 दिनों के भीतर विदेश मंत्री संसद की समिति से इस बारे में चर्चा करेंगे।
विधेयक में कहा गया है कि पाकिस्तान को असैनिक वित्तीय मदद के लिए रक्षा मंत्री और विदेश मंत्री को रिपोर्ट देनी होगी कि इसका उपयोग पाकिस्तान सरकार ने तालिबान या अन्य देशी या विदेशी आतंकी संगठनों से जुड़े स्कूलों को सहायता के लिए नहीं किया है। इसके अलावा पाक सरकार को आतंकी संगठनों को मदद, पाकिस्तान से आतंकी कार्रवाई संचालन और सीमा पार पड़ोसी देशों में आतंकी हमले रोकने के लिए कदम उठाने होंगे। पाकिस्तान सरकार हक्कानी नेटवर्क, लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मुहम्मद और अन्य आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, इसके प्रमाण देने होंगे