Baaghi 2: लड़कों से नफरत करती थीं दिशा पटानी, 4 बजे उठाकर टाइगर करवाते हैं वर्कआउट

मुंबई. बॉलीवुड एक्‍टर टाइगर श्रॉफ और उनकी गर्लफ्रेंड द‍िशा पटानी की फिल्म ‘बागी 2’ र‍िलीज हो चुकी है। पहले दिन फिल्म को दर्शकों का अच्छा रिस्पॉन्स मिला है। लेकिन आज कई लड़कों का क्रश बन चुकी दिशा पटानी कभी लड़कों को पसंद नहीं करती थीं। यही नहीं दिशा को कॉलेज से भी निकाल दिया गया है। वहीं, टाइगर से अफेयर पर दिशा पटानी के परिवार वाले अब ध्यान नहीं देते हैं।

दिल्ली टाइम्स से बातचीत में दिशा ने कहा- मैं और टाइगर भले अच्छे दोस्त बन गए हैं, मगर एक समय ऐसा था जब दिशा को लड़कों से सख्त चिढ़ थी। वह कहती हैं- मुझे लड़के कभी पसंद ही नहीं थे। बरेली जैसे छोटे शहर में लड़के-लड़कियों का पीछा करते थे। उनके साथ अक्सर छेड़खानी हुआ करती थी। इन कारणों से मुझे उनसे नफरत थी, मगर जब मैं बड़ी हुई तो लड़के मुझे भाव देने लगे। कई बार जब लड़कियों को ऑपोजिट सेक्स से अहमियत मिलती है, तो कई लड़कियां इसे सकारात्मक तौर पर लेती हैं, मगर मुझे यह जरा भी अच्छा नहीं लगता था।

सुबह 4 बजे उठाकर कसरत करवाता है
दिशा कहती हैं- टाइगर काफी प्रेरणादायक और हिम्मत बढ़ाने वाले कलाकार हैं। वह बहुत मेहनती हैं। वर्कआउट के लिए सुबह 4 बजे उठ जाते हैं। सेट पर उनकी लगन देखने योग्य होती है। वह मुझे भी एक्सरसाइज करने के लिए प्रेरित करते हैं और सुबह 4 बजे आकर मुझे जगाते हैं। अच्छा लगता है, जब आपका साथी कलाकार आपको प्रोत्साहित करे। चूंकि हम दोनों काफी शर्मीले हैं, तो हमारी अच्छी जमती थी। दिशा के मुताबिक मैं मार्शल आर्ट्स में पारंगत होना चाहती थी, ताकि मसखरों को सबक सिखा सकूं।

परिवार अफवाहों पर ध्यान नहीं देता
टाइगर के बारे में पूछने पर दिशा कहती हैं- मैं इतना कह सकती हूं कि टाइगर मेरा बहुत अच्छा दोस्त है, बस। जहां तक हमारे प्यार-रोमांस की बात है, तो मैं इन बातों पर ध्यान नहीं देती। अगर मैंने इन बातों पर ध्यान देना शुरू किया, तो मैं काम नहीं कर पाऊंगी। मैं खुद को बहुत ही खुशनसीब मानती हूं कि मुझे टाइगर जैसा दोस्त मिला। असल में मुंबई में मेरा कोई दोस्त नहीं है। जितना भी मैं घूमती-फिरती हूं, टाइगर के साथ नजर आती हूं। शायद यही वजह है कि लोग हमारे लिंकअप्स की बातें करते हैं। शुरू में जब मेरा परिवार इस तरह की अफवाहों के बारे में सुनता था, तो उन्हें परेशानी होती थी, मगर फिर मैंने उन्हें यहां के तौर-तरीकों के बारे में समझा दिया। अब उन्हें भी कोई फर्क नहीं पड़ता।

इसलिए निकाल दिया गया थे कॉलेज से

मॉडलिंग में मुझे अच्छे-खासे पैसे मिलने शुरू हो गए। मुझे लगा कि कोशिश करने में कोई हर्ज नहीं और मैंने मुंबई आना-जाना शुरू किया। उस वक्त मेरे लिए सबसे ज्यादा खुशी की बात यह थी कि मैं मुंबई 2-3 दिन के लिए आती थी।दिशा के मुताबिक विज्ञापन की शूटिंग करती थी, ऑडिशन देती और पैसे कमा कर वापस घर चली जाती। मुझे मम्मी-पापा से पैसे नहीं मांगने पड़ते थे। मैंने कई टीवी कमर्शल किए। मैं बीटेक के दूसरे साल में थी कि तभी मुझसे कहा गया कि कॉलेज नियमित रूप से आऊं या फिर मॉडलिंग को चुन लूं। असल में मेरी कम अटेंडेंस के कारण मुझे कॉलेज से निकाल दिया गया था।