पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार 7वें दिन नहीं हुआ बदलाव, फिर भी आम आदमी को नहीं मिली राहत

नई दिल्ली (बिजनेस डेस्क)। देश की सरकारी तेल विपणन कंपनिया वैश्विक कीमतों के आधार पर हर रोज पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बदलाव करती हैं। देश के प्रमुख शहरों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बीते एक हफ्ते से कोई बदलाव नहीं हुआ है, लेकिन इसके बावजूद देश के आम आदमी को राहत नहीं मिली है। पेट्रोल डीजल की कीमतें सोमवार को भी अपरिवर्तित रहीं। गौरतलब है कि 16 जून 2017 से ही नियमित आधार पर पेट्रोल डीजल की कीमतों में रोजाना संशोधन हो रहा है, इससे पहले हर महीने में दो बार पेट्रोल-डीजल की कीमतें बदला करती थीं।

प्रमुख मेट्रो शहरों में आज क्या हैं पेट्रोल के दाम: राजधानी दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 74.63 रुपए प्रति लीटर है, जबकि मुंबई में पेट्रोल 82.48 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा है, जानिए अन्य मेट्रो शहरों का हाल…

बीते 1 हफ्ते में पेट्रोल की कीमतें?

अगर राजधानी की बात करें तो 24 अप्रैल से ही पेट्रोल के दाम 74.63 रुपए प्रति लीटर पर स्थिर हैं, वहीं मुंबई में भी पेट्रोल के दाम बीते 7 दिनों से 82.48 रुपए प्रति लीटर पर बने हुए हैं। जानिए अन्य मेट्रो शहरों का हाल…

प्रमुख मेट्रो शहरों में आज क्या हैं डीजल के दाम: दिल्ली में आज डीजल के दाम 65.93 रुपए प्रति लीटर हैं, वहीं मुंबई में डीजल 70.20 रुपए प्रति लीटर की दर से बिक रहा है। जानिए अन्य मेट्रो शहरों का हाल…

बीते एक हफ्ते में डीजल की कीमतें?

24 अप्रैल को दिल्ली में प्रति लीटर डीजल की कीमत 65.93 रुपए थी, 30 अप्रैल 2018 को भी डीजल के दाम 65.93 रुपए प्रति लीटर पर बने हुए हैं। वहीं मुंबई का भी कुछ ऐसा ही हाल है वहां पर बीते सात दिनों से डीजल के दाम 70.20 रुपए प्रति लीटर पर बरकरार हैं।

आम आदमी को राहत क्यो नहीं?

बीते 4 वर्षों के मुकाबले पेट्रोल की कीमतें अपने उच्चतम स्तर पर हैं और दिल्ली एवं मुंबई में इनके दाम 7 महीनों के उच्चतम स्तर पर हैं। डीजल की कीमतें भी अपने रिकॉर्ड हाई को छू रही हैं। अप्रैल महीने में अकेले दिल्ली में डीजल की कीमतें 1.08 रुपए प्रति लीटर, कोलकाता में 1.06 रुपए प्रति लीटर, मुंबई में 1.07 रुपए प्रति लीटर और चेन्नई में 1.14 रुपए प्रति लीटर का इजाफा हो चुका है। यह आंकड़ा इंडियन ऑयल की वेबसाइट पर उपलब्ध है। ऐसे में पेट्रोल और डीजल की कीमतों के स्थिर रहने भर से आम आदम को राहत नहीं मिलेगी। आम आदमी को राहत तभी मिलेगी जब इनमें बड़ी गिरावट देखने को मिलेगी।