IPL में सबसे मजबूत हैदराबाद की गेंदबाज़ी, इनके साथ फिर भी हो रहा ‘बुरा बर्ताव’, आपने गौर किया?

नई दिल्ली, प्रदीप सहगल। मौजूदा आइपीएल में सबसे मजबूत गेंदबाज़ी अटैक की बात करें तो सभी के दिमाग में सनराइजर्स हैदराबाद का नाम आएगा। इस टीम में एक से बढ़कर एक गेंदबाज़ है और सभी ने मैदान पर अपनी काबिलियत दिखाकर हैदराबाद को जीत भी दिलाई। ये टीम इसी वजह से इस आइपीएल के प्लेऑफ में पहुंचने वाली पहली टीम भी बनी। सनराइजर्स हैदराबाद ने अपने गेंदबाज़ों की बदौलत ही इस साल150 से नीचे के लक्ष्य का 4-5 बार बचाव किया, लेकिन इस आइपीएल में इस टीम के साथ एक बुरा व्यवहार भी हो रहा है। ये व्यवहार कोई और नहीं विरोधी टीम के बल्लेबाज़ कर रहे हैं। आप सोच रहे होंगे कैसे, तो चलिए आपको बताते हैं-

इस तरह हैदराबाद के साथ हो रहा ‘बुरा बर्ताव’

मौजूद आइपीएल में अभी तक (15 मई) चार शतक लगे हैं। इस सीजन का सबसे पहला शतक पंजाब के ओपनर क्रिस गेल ने ठोका। दूसरी सेंचुरी ठोकी चेन्नई के ओपनर शेन वॉटसन ने। तीसरी सेंचुरी लगाई दिल्ली के मध्यक्रम के बल्लेबाज़ रिषभ पंत ने, तो चौथा सैंकड़ा जड़ा चेन्नई के लिए खेलने वाले अंबाती रायडू ने। आपको ये जानकर हैरानी होगी की इन चार में से तीन शतक सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ आए हैं। उस टीम के खिलाफ जिसकी गेंदबाज़ी सबसे मजबूत है। वॉटसन के शतक को छोड़ दे तो गेल, पंत और रायडू तीनों ने ही हैदराबाद के खिलाफ सेंचुरी ठोकी है।

जब से हैदराबाद की टीम का नाम डेक्कन चार्जर्स से बदलकर सनराइजर्स हैदराबाद हुआ है। उसके बाद से लेकर इस सीजन से पहले तक इनके खिलाफ सिर्फ एक ही बल्लेबाज़ शतक लगा सका था। 2015 में चेन्नई सुपर किंग्स के लिए खेलते हुए ब्रैंडन मैक्कुलम ने हैदराबाद के खिलाफ सेंचुरी जमाई थी। उस मैच में मैक्कुलम ने 56 गेंदों में नाबाद सौ रन बनाए थे।

इसके बाद 2016 और 2017 के आइपीएल में कोई भी खिलाड़ी इस टीम के बेहतरीन गेंदबाज़ी अटैक के सामने शतक नहीं लगा सका था, लेकिन इस सीजन में एक से एक बेहतरीन गेंदबाज़ होने के बावजूद भी हैदराबाद की टीमों विरोधी खिलाड़ियों को शतक लगाने से नहीं रोक सकी है।

कप्तान बदलने से बदली किस्मत

पिछले दो सीजन के मुकाबले इस सत्र में हैदराबाद की टीम में एक बहुत बड़ा बदलाव भी है और वो है इसका कप्तान। पिछले दो सीजन में इस टीम की कमान डेविड वॉर्नर के हाथ में थी, लेकिन आइपीएल 11 की शुरुआत से पहले गेंद से छेड़छाड़ के मामले में फंसे वॉर्नर को बीसीसीसीआइ ने इस टूर्नामेंट में खेलेने की इज़ाजत नहीं दी और फिर सनराइजर्स हैदराबाद के टीम मैनेजमेंट ने विलियमसन को इस टीम का कप्तान बना दिया। हालांकि विलियमसन ने अपनी चतुर और चालाक कप्तानी से विरोधी टीम पर दबाव जरुर बनाया है, लेकिन वो विरोधी बल्लेबाज़ों को अपने खिलाफ शतक बनाने से रोक नहीं सके हैं।