शाह-उद्धव के मुलाकात से नहीं बनी बात, शिवसेना बोली-अकेले लड़ेंगे सभी चुनाव

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने अपने पुराने और सबसे मुखर आलोचक हो चुके सहयोगी ‘शिवसेना’ को मनाने के लिए बुधवार उसके प्रमुख उद्धव ठाकरे से मिले। लेकिन दोनों दलों के बीच खटास कम नहीं हुई है। शिव सेना के प्रवक्ता संजय राउत ने कहा-हमें पता है कि अमित शाह जी का अजेंडा क्या है, लेकिन शिवसेना ने एक प्रस्ताव पास किया है कि हम सभी आगामी चुनाव अपने दम पर लड़ेंगे। इस प्रस्ताव में कोई बदलाव नहीं होगा।
शिवसेना विशेष तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से खिन्न है और उसने लगातार उन पर हमले किए हैं। कुछ ही दिन पहले शिवसेना और भाजपा ने महाराष्ट्र की पालघर लोकसभा सीट का उपचुनाव अलग-अलग लड़ा था और प्रचार के दौरान दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ जमकर प्रचार किया था। पालघर उपचुनाव में भाजपा से हारने के बाद शिवसेना ने सहयोगी पार्टी को ‘सबसे बड़ा राजनीतिक शत्रु’ करार दिया था। शिवसेना ने शाह और ठाकरे के बीच ‘चार वर्ष के अंतराल के बाद बैठक की’ जरूरत पर गुरुवार को सवाल उठाया था।
शाह के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फणवीस, राज्य भाजपा अध्यक्ष रावसाहेब दानवे और शिक्षामंत्री विनोद तावड़े भी शामिल थे। भाजपा ने अपने सहयोगियों के मिलने के लिए ‘संपर्क फॉर समर्थन’ अभियान शुरू किया है। बैठकों की शृंखला में भाजपा उन सहयोगियों से मिलने पर ध्यान ज्यादा केंद्रित करेगी जो या तो उसकी आलोचना कर रहे हैं या असंतोष जाहिर कर रहे हैं। भाजपा का अभियान एनडीए को भी 2019 के आमचुनाव के लिए मजबूत करना है।
बैठक से कुछ घंटे पहले ही शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ में भाजपा के इस मिलन कार्यक्रम की आलोचना प्रकाशित हुई। संपादकीय में कहा गया है कि शिवसेना 2019 का लोकसभा चुनाव अपने दम पर अकेले लड़ेगी। भाजपा की खिल्ली उड़ाते हुए सामना के संपादकीय में कहा गया है कि भाजपा का यह कार्यक्रम ‘वैश्विक संपर्क कार्यक्रम’ है। एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व भ्रमण कर रहे हैं वहीं शाह देशाटन पर हैं।