खुशखबरी! किसान क्रेडिट कार्ड स्कीम में मोदी सरकार ने किया ये बड़ा बदलाव, संसद में दी जानकारी

किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) अब सिर्फ खेती तक सीमित नहीं रहेगा. मोदी सरकार ने इसकी सुविधा पशुपालन और मछलीपालन के लिए भी उपलब्ध करवा दी है. अंतर यह है कि इन दोनों श्रेणियों में अधिकतम दो लाख रुपये तक का ही लोन लिया जा सकता है. जबकि खेती-किसानी के लिए तीन लाख रुपये तक मिल जाता है. केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी राज्य मंत्री प्रताप चंद्र सारंगी ने इस केसीसी के विस्तार की जानकारी लोकसभा में एक लिखित जवाब में दी.
तो देर किस बात की. पशुपालन और मछलीपालन के लिए भी अब बैंक जाईए और सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट्स पर ही इसके लिए लोन लीजिए. सारंगी ने बताया कि सरकार ने मछली और पशुपालन करने वाले किसानों के लिए भी किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) की सुविधा दे दी है. ताकि उन्हें अपना कारोबार बढ़ाने के लिए पूंजी की दिक्कत न आए.
उधर, कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की कवरेज बढ़ाने के लिए जोर लगा रही है. अभी यह लगभग 50 फीसदी किसानों के पास ही है. देश में 14.5 करोड़ किसान परिवार हैं. जिसमें से सात करोड़ के पास ही किसान क्रेडिट कार्ड है. ऐसा इसलिए है क्योंकि इसे बनवाने के लिए किसानों को जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है.
कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक केसीसी के लिए सिर्फ तीन डॉक्यूमेंट ही लिए जाएंगे. पहला यह कि जो व्यक्ति अप्लीकेशन दे रहा है वो किसान है या नहीं. इसके लिए बैंक उसके खेती के कागजात देखें और उसकी कॉपी लें. दूसरा निवास प्रमाण पत्र और तीसरा आवेदक का शपथ पत्र कि उसका किसी और बैंक में लोन तो बकाया नहीं है.
सरकार ने बैंकिंग एसोसिएशन से कहा है कि केसीसी आवेदन के लिए कोई फीस न ली जाए. राज्य सरकारों और बैंकों को कहा गया है कि वो पंचायतों के सहयोग से गांवों में कैंप लगाकर किसान क्रेडिट कार्ड बनवाएं. ताकि किसान संस्थागत ऋण प्रणाली के तहत कर्ज लें न कि साहूकारों से.
मोदी सरकार अगर बीजेपी की ओर से लोकसभा चुनाव में किए गए वादे को निभाती है तो किसानों के लिए बड़ी राहत होगी. संकल्प पत्र में किए गए वादे के मुताबिक सत्ता में वापस आने पर सरकार एक से पांच साल के लिए जीरो परसेंट ब्याज पर एक लाख का कृषि कर्ज देगी, लेकिन इसमें मूलराशि के समय पर भुगतान की शर्त होगी. यह ब्याजमुक्त किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) ऋण कहलाएगा. कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी का कहना है कि बीजेपी का संकल्प पत्र हमारा विजन डॉक्यूमेंट है.