खुशखबरी! रुपे डेबिट कार्ड से शॉपिंग करना हुआ सस्ता, जानें यहां

नई दिल्ली. नेशनल पेमेंट्स कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए बड़ा कदम उठाया है. NPCI ने रुपे डेबिट कार्ड (RuPay Debit Card) से लेन-देन पर मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) में कटौती की है. नई एमडीआर 20 अक्टूबर से प्रभावी होगी. एनपीसीआई के मुताबिक डेबिट कार्ड (Debit Card) के लेनदेन पर दी गई यह छूट सभी तरह के पाइंट आफ सेल (PoS) पर लागू होगी. इसके अलावा ईकॉम और भारतक्यूआर कोड आधारित मर्चेंट लेनदेन पर भी नई दर लागू होगी.

प्रति लेनदेन अधिकतम 150 रुपये लिया जाएगा
पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस), ईकॉम और भारतक्यूआर (BharatQR) कोड आधारित व्यापारी लेन-देन पर एमडीआर में संशोधन किया गया है. एमडीआर 2,000 रुपये से अधिक के लेनदेन के लिए 0.60% तक संशोधित किया गया है, जिसमें अधिकतम सीमा 150 रुपये प्रति लेन-देन है. फिलहाल यह 1,000 रुपये प्रति लेन-देन की उच्च सीमा के साथ 2,000 रुपये से अधिक के लेन-देन के लिए 0.90% है. भारत क्यूआर यानी कार्ड आधारित क्यूआर लेनदेन पर एमडीआर को भी कम कर 0.50 प्रतिशत कर दिया गया है और अधिकतम एमडीआर 150 रुपये प्रति एमडीआर होगा.

NPCI के मुताबिक एमडीआर दर कम करने और अधिकतम सीमा को कम करने से अब कारोबारी डेबिट कार्ड से लेनदेन करने को प्रोत्साहित होंगे. अब तक ऊंची दर के कारण वह इसके जरिए लेनदेन से कतराते रहे हैं.

BHIM UPI लेन-देन में MDR घटाया
इससे पहले, NPCI ने मोबाइल भुगतान ऐप्प भीम यूपीआई (BHIM UPI) लेन-देन के लिए मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) में संशोधन किया था. बड़े लेन-देन के लिए एमडीआर की अधिकतम सीमा 100 रुपये तय कर दी गयी है. वहीं 100 रुपये से कम की यूपीआई लेन-देन, जो क्यूआर कोड ‘स्कैन एंड पे’ द्वारा किए जाने पर कारोबारियों को अब कोई एमडीआर नहीं देना होगा. एमडीआर को संशोधित कर अधिकतम 100 रुपये प्रति लेन-देन के साथ 0.30% कर दिया गया है. वर्तमान में 2,000 रुपये तक की लेन-देन के लिए यह 0.25% और 2,000 रुपये से अधिक की लेन-देन पर 0.65% है. नई एमडीआर दरें 01 अक्टूबर से लागू होंगी.

क्या होता है MDR?
एमडीआर का भुगतान क्रेडिट या डेबिट कार्ड के जरिये उपभोक्ताओं से भुगतान स्वीकार करने के लिए किसी व्यापारी द्वारा एक बैंक को किया जाता है. एनपीसीआई यूपीआई का उपयोग करके व्यापारी भुगतान के प्रसार के लिए विभिन्न कदम उठा रहा है, जिसमें पी2पीएम (P2PM) के लेन-देन की सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ा कर 1 लाख रुपये किया जाना शामिल है.