BCCI अध्यक्ष बनते ही सौरव गांगुली ने हरभजन और युवराज के इस सवाल पर दी सफाई

नई दिल्ली : विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल मुकाबले के लिए कर्नाटक और तमिलनाडु की टीम कमर कस चुकी है। 50 ओवर के इस घरेलू टूर्नामेंट के आयोजन सवाल उठाए जान के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड ने इसको लेकर जवाब मांगा है। सही तरीके से टूर्नामेंट के आयोजन की प्लानिंग ना करने की वजह से पंजाब और मुंबई जैसी ताकतवर टीम फाइनल में पहुंचने से चूक गई।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड के नए अध्यक्ष बने सौरव गांगुली ने भी विजय हजारे ट्रॉफी के नॉक आउट मुकाबलों के लिए रिजर्व डे ना रखने पर अपना प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ऐतराज जताने के साथ ही बीसीसीआई के जीएम ऑपरेशन सबा करीम के पक्ष में बातें कही। उनका कहना था कि नियम बिल्कुल साफ थे कि टूर्नामेंट के नॉक आउट मुकाबलों में टीमों के आगे बढ़ने का फैसला किस आधार पर किया जाएगा।
हां यह सवाल बहुत महत्वपूर्ण है कि नॉक आउट मैच जैसे क्वार्टर फाइनल और सेमीफाइनल के लिए रिजर्व डे रखना चाहिए या नहीं। यह बहुत ही प्रैक्टिकल सी बात है कि ऐसे मुकाबलों के लिए रिजर्व डे रखा जाए। लेकिन आपको यह भी ध्यान में रखना होगा कि जो कुछ भी हुआ वो बेहद ही सामान्य सा नियम था जिसे टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले ही तय कर लिया गया था।
बारिश की वजह से क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मुंबई और पंजाब की टीम का निराशाजनक अंत हुआ। इन नॉक आउट मुकाबलों के लिए कोई रिजर्व डे नहीं रखा गया था जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। लीग स्टेज में जीते गए मुकाबलों के आधार पर सेमीफाइनल में पहुंचने वाली टीम का फैसला किया गया।
बारिश की वजह से क्वार्टर फाइनल मुकाबले में मुंबई और पंजाब की टीम का निराशाजनक अंत हुआ। इन नॉक आउट मुकाबलों के लिए कोई रिजर्व डे नहीं रखा गया था जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं। लीग स्टेज में जीते गए मुकाबलों के आधार पर सेमीफाइनल में पहुंचने वाली टीम का फैसला किया गया।
BCCI अधिकारी ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, यह सिर्फ दुखत ही नहीं बल्कि बेहद खराब प्लानिंग है। आप मैच के वेन्यू का फैसला किसी खास तरह की भावना से करते हैं। जब आपकी प्लानिंग बगैर अनुभवी लोगों के फीडबैक और इनपुट को लिए की जाती है तो फिर मुसीबत पर ही भरोसा करते हैँ।