भारती एयरटेल के पास पांच अरब डॉलर का बकाया चुकाने की क्षमता: मूडीज

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इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने इसी महीने दूरसंचार कंपनियों से कहा था कि वे उसके 24 अक्तूबर, 2019 के फैसले का अनुपालन करें। शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में दूरसंचार विभाग की समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की परिभाषा को उचित ठहराया था।

स्व-आकलन कर रही है दूरसंचार कंपनी
मूडीज ने बुधवार को कहा है कि भारती एयरटेल पर एजीआर के पिछले बकाया की देनदारी 35,300 करोड़ रुपये या पांच अरब डॉलर की है। हालांकि, दूरसंचार कंपनी इसका अंतिम आंकड़ा निकालने के लिए स्व-आकलन कर रही है।

कंपनी की ऋण की गुणवत्ता पर नहीं पड़ेगा प्रभाव
मूडीज ने कहा कि 35,300 करोड़ रुपये के नकद भुगतान से भारती एयरटेल की ऋण की गुणवत्ता पर कोई उल्लेखनीय प्रभाव नहीं पड़ेगा। यदि कंपनी को मूल राशि और ब्याज मिलाकर 25,200 करोड़ रुपये का ही भुगतान करना पड़ता है, तो मौजूदा रेटिंग में उसकी स्थिति संतोषजनक रहेगी। एयरटेल को पिछले सांविधिक बकाया का पूरा भुगतान 17 मार्च तक करना है। इससे पहले भारती एयरटेल ने एजीआर बकाए में से सरकार को 10,000 करोड़ रुपये जमा किए थे।

रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कंपनी की हालिया पूंजी जुटाने की गतिविधियों से उसे एजीआर के भुगतान के लिए अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।

सरकार ने कहा- कंपनियां जमा करें स्वमूल्यांकन के दस्तावेज
हाल ही में सरकार ने दूरसंचार कंपनियों से एजीआर के स्वमूल्यांकन संबंधी दस्तावेज मांगे थे। दूरसंचार विभाग के सूत्रों ने बताया कि इन दस्तावेजों के आधार पर कंपनियों पर बकाया समायोजित सकल राजस्व (एजीआर) की गणना में मदद मिलेगी।

गौरतलब है कि कंपनियों ने सरकार से कहा था कि दूरसंचार विभाग की ओर से तय किए गए एजीआर बकाए और उनके स्वमूल्यांकन के बीच भारी अंतर है। अब सरकार ने इस दावे की पुष्टि के संबंध में सभी तीन दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल, वोडाफोन आइडिया और टाटा टेलीसर्विसेज से दस्तावेज जमा करने को कहा है।