आधार को लेकर पूछे जा रहे हैं ये 10 सवाल, मोदी सरकार ने दिए जवाब

नई दिल्‍ली. मोदी सरकार आधार को कई सरकारी स्‍कीम्‍स का लाभ लेने के लिए अनिवार्य करती जा रही है। बैंक अकाउंट को आधार से लिंक कराने से लेकर मोबाइल, इंश्‍योरेंस समेत कई अन्‍य दूसरी सर्विसेज की भी आधार से लिंकिंग को कहा गया है। मोबाइल और बैंक अकाउंट की आधार से लिंकिंग की आखिरी तारीख 31 मार्च 2018 तय की गई है।

इस सबके बीच आम आदमी के मन में एक सवाल अक्‍सर यह उठता है कि बैंक खाते को लिंक कराने या मोबाइल-आधार लिंकिंग से कोई उसके खाते से पैसे तो नहीं उड़ा लेगा या उसकी पर्सनल जानकारी हासिल कर कोई उसका दुरुपयोग तो नहीं कर लेगा। ऐसे ही सवालों के जवाब देने के लिए आधार को जारी करने वाली सरकारी संस्‍था यूआईडीआई (भारतीय विशिष्‍ट पहचान प्राधिकरण) सामने आई है। आइए जानते हैं अक्‍सर पूछे जाने वाले ऐसे 10 सवाल और यूआईडीएआई के जवाब…

सवाल- 1. मुझे अपने सभी बैंक खातों को आधार से साथ लिंक कराने के लिए क्‍यों कहा जा रहा है?
जवाब- आपकी स्‍वयं की सुरक्षा के लिए, सभी बैंक खाताधारकों की पहचान वेरिफाई कराना जरूरी है। साथ ही उन्‍हें आधार के साथ लिंक करना भी जरूरी है, जिससे कि उन खातों को खत्‍म किया जा सके, जिन्‍हें धोखेबाज, क्रिमिनल या मनी लॉन्ड्रिंग करने वाले ऑपरेट करते हैं। जब सभी बैंक खातों को आधार से सत्‍यापन किया जाता है और उसे आधार से लिंक कर देते हैं, तो उसके बाद अगर किसी ने धोखाधड़ी से आपके खाते से पैसा निकाल लिए, तो ऐसे जालसाजों को आसानी से पकड़ा जा सकता है और उन्‍हें सजा दिलाई जा सकती है।

सवाल- 2. मुझे अपने मोबाइल नंबर को आधार के साथ वेरिफाई करने और लिंक कराने के लिए क्‍यों कहा जा रहा है?
जवाब- आपकी और देश की सुरक्षा के लिए जरूरी है कि सभी मोबाइल सब्‍सक्राइबर्स की पहचान आधार के माध्‍यम से वेरिफाई की जाए। ताकि धोखेबाजों और अपराधिकों को पकड़ा जा सके। अधिकांश अपराधी फर्जी सिम से अपराध और धोखाधड़ी को अंजाम देते हैं। मोबाइल नंबर का आधार से री-वेरिफिकेशन होने के बाद ऐसे अपराधियों की पहचान हो सकेगी। उनके पकड़ा और दंडित किया जा सकेगा।

सवाल- 3. क्‍या यह सच है, जैसी खबरें आईं, कि आधार डेटाबेस की सुरक्षा का उल्‍लंघन हुआ है?
जवाब- आधार डेटाबेस बनने के बाद पिछले 7 साल के दौरान कभी भी इसकी सुरक्षा का उल्‍लंघन नहीं हुआ है। सभी आधारधारकों का डाटा पूरी तरह सुरक्षित है। आधार डेटा लीक के बारे में गढ़ी गई कहानियां ज्‍यादा गलत रिपोर्टिंग के मामले हैं। यूआईडीएआई आधार डेटाबेस को सुरक्षित और संरक्षित करने के लिए हाईएंड टेक्‍नोलॉजी का उपयोग करता है।

सवाल- 4. अगर किसी को मेरा आधार नंबर पता है तो क्‍या वे मेरे बैंक अकाउंट को हैक कर सकता है?
जवाब- बिलकुल गलत। जिस तरह मात्र आपके एटीएम कार्ड नंबर की जानकारी रखने से कोई भी एटीएम से पैसे नहीं निकाल सकता है, उसी तरह केवल आपके आधार नंबर की जानकारी रखने से कोई भी न तो आपके बैंक खाते को हैक कर सकता है और नहीं पैसे निकाल सकता है। यदि आपने बैंक द्वारा दिए गए पिन या ओटीपी को कहीं शेयर नहीं किया है तो आपका बैंक खाता सुरक्षित है।

सवाल- 5. क्‍या गरीबों को आधार न दे पाने के कारण पेंशन और राशन जैसी सेवाएं नहीं दी जाती हैं?
जवाब- नहीं। आधार कानून की धारा 7 में यह साफ तौर पर लिखा है कि जबतक किसी व्‍यक्ति को आधार संख्‍या नहीं दी जाती है, उसे आधार न दे पाने के कारण राशन या पेंशन या इस तरह के अन्‍य दूसरे लाभों से वंचित नहीं किया जा सकता है। संबंधित विभाग को इस संबंध में जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, वैकल्पिक पहचान उपायों से उस व्‍यक्ति की पहचान वेरिफाई करनी चाहिए। यदि कोई भी विभाग आधार नहीं होने पर पेंशन, राशन या अन्‍य लाभ देने से मना करता है तो इसकी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।

सवाल- 6. लेकिन जब मैं अपने बैंक खाते, शेयर, म्‍यूचुअल फंड और अपने मोबाइल फोन को आधार के साथ लिंक करता हूं, तो क्‍या ये सूचनाएं यूआईडीएआई को प्राप्‍त नहीं होंगी?
जवाब- बिलकुल नहीं। जब आप अपने बैंकों, म्‍यूचुअल फंड कंपनियों, मोबाइल फोन कंपनियों को अपना आधार नंबर देते हैं तो वे यूआईडीएआई को केवल आपकी पहचान के सत्‍यापन के लिए आधार संख्‍या, आपके बॉयोमीट्रिक्‍स और आपका नाम आदि भेजते हैं। वे आपके बैंक खाते का ब्‍योरा यूआईडीएआई को नहीं भेजते। जहां तक यूआईडीएआई का संबंध है, यह इस तरह के सत्‍यापन अनुरोधों का जवाब हां या नहीं में देता है। कुछ मामलों में अगर सत्‍यापन का जवाब हां है तो यूआईडीएआई के पास उपलब्‍ध आपके मूल केवाईसी डिटेल सर्विस प्रोवाइडर को भेजे जाते हैं।